कर्मफल दाता शनि देव लोगों को उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। वैसे तो लोग शनि को मजबूत करने के लिए कई तरह के उपायें करते हैं लेकिन भारत में शनि के कुछ मंदिर या धाम ऐसे हैं जहां शनि भगवान विशेष रूप से अपनी कृपा बरसाते हैं। यहां जानें शनि के वो 5 सबसे प्रमुख मंदिर…

शनि शिंगणापुर – यह मंदिर शनि देव के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित इस मंदिर में शनि देव खुले आसमान के नीचे विराजमान है।मान्यता है कि जिस जगह पर यह मंदिर स्थापित है वहां खुद शनि महाराज लोगों के घरों और दुकानों की रक्षा करते हैं जिस कारण यहां घर या दुकानों में कोई दरवाजा मौजूद नहीं होता है।

शनि मंदिर इंदौर</strong> – मध्य प्रदेश के इंदौर में शनिदेव का एक प्राचीन और चमत्कारिक मंदिर है। मान्यता है कि इंदौर के जूनी इंदौर में शनि देव खुद आए थे। जिस कारण यहां आने वाले भक्तों पर उनकी विशेष कृपा बरसती है। साथ ही यह मंदिर इसलिए भी खास है क्योंकि यहां शनि देव का 16 श्रंगार किया जाता है।

शनि मंदिर उज्जैन – मध्य प्रदेश के उज्जैन में सांवेर रोड पर प्राचीन शनि मंदिर है। इस मंदिर में शनि देव के साथ-साथ अन्य नवग्रह भी हैं। इसलिए इसे नवग्रह मंदिर भी कहा जाता है। यहां देश भर से शनि प्रकोप से प्रभावित लोग और शनि भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं। इस मंदिर के पास से ही शिप्रा नदी बहती है जिसे त्रिवेणी संगम भी कहा जाता है।

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शनिश्चरा मंदिर, ग्वालियर- यह मंदिर मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में स्थित है। माना जाता है कि यहां भगवान हनुमान ने लंका से शनि पिंड फेंका था जिस कारण यहां शनिदेव के मंदिर की स्थापना हुई। यहां शनिदेव को तेल चढ़ाने के साथ-साथ गले मिलने की भी प्रथा है।

शनि तीर्थ क्षेत्र (असोला, फतेहपुर बेरी) – यह मंदिर दिल्ली के महरौली में स्थित है। यहां शनि देव की अष्टधातुओं से बनी काफी बड़ी मूर्ति है। शनि के इस धाम को लेकर लोगों में काफी आस्था है। मान्यता है कि यहां लोगों की मुरादें पूरी होती हैं।