स्ट्रोक एक ऐसी परेशानी है जो दिल के रोगों के बाद दुनिया भर में मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और विश्व स्ट्रोक संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में हर साल 1.2 करोड़ से ज़्यादा लोग स्ट्रोक से पीड़ित होते हैं और 50 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हो जाती है। इनमें से 89 प्रतिशत मामले विकासशील देशों, खासकर भारत और दक्षिण एशिया में होते हैं।

ब्रेन स्ट्रोक (Brain Stroke) एक गंभीर मेडिकल कंडीशन है, जिसमें दिमाग के किसी हिस्से में खून का प्रवाह (blood flow) अचानक रुक जाता है या बहुत कम हो जाता है। इस स्थिति में ब्रेन के उस हिस्से के सेल्स (brain cells) को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिलते, जिससे वे कुछ ही मिनटों में मरने लगता हैं। यही स्थिति स्ट्रोक कहलाती है। ब्रेन स्ट्रोक होने का मुख्य कारण हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल,स्मोकिंग और शराब का अधिक सेवन, मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता है। इससे हार्ट और ब्लड सर्कुलेशन पर असर पड़ता है। तनाव और खराब लाइफस्टाइल भी स्ट्रोक का कारण बनता है।

विशेषज्ञों के अनुसार, स्ट्रोक के लक्षणों को जल्दी पहचानना बेहद ज़रूरी है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिए गए मंत्र ‘बी फास्ट’ को याद रखना ज़रूरी है। स्ट्रोक गोल्डन ऑवर की बीमारी है। अगर लक्षण दिखने के शुरुआती 60 मिनट के अंदर इलाज मिल जाए, तो मस्तिष्क को होने वाले नुकसान को सीमित किया जा सकता है। लेकिन दुर्भाग्य से भारत में ज़्यादातर मरीज़ों के अस्पताल पहुंचने तक ये ‘गोल्डन ऑवर’ खत्म हो चुका होता है।

स्ट्रोक के लक्षण

  • अचानक बोलने या समझने में दिक्कत
  • चेहरे या शरीर के एक हिस्से में सुन्नपन या कमजोरी होना
  • चक्कर आना या संतुलन बिगड़ना
  • तेज सिरदर्द
  • एक या दोनों आंखों से धुंधला दिखना शामिल है।

ब्रेन स्ट्रोक के प्रकार

  • इस्केमिक स्ट्रोक (Ischemic Stroke) यह सबसे आम प्रकार है, जो लगभग 80% मामलों में होता है। इसमें दिमाग की रक्त वाहिका (blood vessel) किसी ब्लॉकेज यानी खून के थक्के (blood clot) की वजह से बंद हो जाती है।
  • हेमरेजिक स्ट्रोक (Hemorrhagic Stroke) यह तब होता है जब दिमाग की कोई रक्त वाहिका फट जाती है, जिससे ब्रेन में ब्लीडिंग हो जाती है।

ब्रेन स्ट्रोक से कैसे करें बचाव

  • हाई बीपी स्ट्रोक का सबसे बड़ा कारण है, इसलिए ब्लड प्रेशर की नियमित जांच जरूर करें।
  • हेल्दी डाइट लें। डाइट में ताजे फल, सब्जियां और कम तेल वाला खाना खाएं।
  • धूम्रपान और शराब का सेवन करने से बचें। ये ब्रेन की नसों को कमजोर बनाते हैं।
  • रोजाना कम से कम 30 मिनट टहलें या योग और एक्सरसाइज करें।
  • शुगर और कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल रखें,  ये ब्लड क्लॉट बनने से रोकते हैं।
  • तनाव कम करें। तनाव कंट्रोल करने के लिए मेडिटेशन और पर्याप्त नींद लें।
  • रेगुलर हेल्थ चेकअप कराएं। बीपी, शुगर और हार्ट टेस्ट हर साल जरूर करवाएं।

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