World IVF Day 2023 : इन विट्रो फर्टिलाइज़ेशन (IVF) ऐसी मेडिकल प्रक्रिया है जो बांझपन से जूझ रहे कितने ही कपल्स के लिए उम्मीद की किरण की तरह है और उन्हें गर्भधारण में मदद करती है। बेशक, आईवीएफ ने रिप्रोडक्टिव मेडिसिन की दुनिया में क्रांति का सूत्रपात कर कितने ही परिवारों में खुशियां भरी हैं। वहीं हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि आईवीएफ हमेशा सफल नहीं होता। आईवीएफ में नाकामी न सिर्फ इलाज करा रहे कपल्स के लिए आर्थिक रूप से नुकसानदायक पहुंचाता है। बल्कि, भावनात्मक तौर पर भी उन्हें इससे धक्का पहुंचता है और इसके चलते कपल्स सैकड़ों किस्म के सवालों तथा नई चिंताओं से घिर जाते हैं। ऐसे में आप अपोलो फर्टिलिटी, सोलापुर, फर्टिलिटी एवं आईवीएफ की वरिष्ठ सलाहकार डॉ.मीनल चिडगुपकर से जानिए IVF ट्रीटमेंट के नाकाम होने के क्या कारण है? इस निराशा से बचने के तौर-तरीकों तथा IVF के दौरान आने वाली चुनौतियों के बारे में जानिए।
डॉ.मीनल के अनुसार, मां बनने के लिए सबसे अच्छी उम्र 20 से 25 साल की होती है। ऐसे में 25 से 30 साल की उम्र तक कंसीव कर लेना बेहतर है,क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ शरीर कमजोर होने के साथ स्पर्म, एग्स की संख्या और क्वालिटी की कमी आने लगती है। ऐसे में कंसीव करने के साथ कई बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। इसके साथ ही मिसकैरेज होने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है।
क्यों होता है IVF असफल?
IVF को असफल उस स्थिति में माना जाता है जब भ्रूण गर्भाशय की अंदरूनी सतह में इंप्लांट नहीं हो पाता या फिर इंप्लांट होने के बावजूद गर्भ रुक नहीं पाता। IVF के असफल होने के कई कारण हैं और उन्हें समझने के बाद उन संभावित कारणों को दूर करने में मदद मिल सकती है।
उम्र संबंधी कारण
इलाज कराने वाले कपल्स की अधिक उम्र होने के कारण IVF की कामयाबी पर काफी असर पड़ता है। जैसे-जैसे महिलाओं की उम्र बढ़ती है, उनके एग्स की क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों पर असर पड़ता है और परिणामस्वरूप फर्टिलाइज़ेशन तथा इंप्लांटेशन दोनों प्रभावित होते हैं।
भ्रूण की गुणवत्ता (Embryo Quality)
IVF के लिए इस्तेमाल होने वाले भ्रूण की क्वालिटी का असर प्रक्रिया की सफलता पर पड़ता है। यदि भ्रूण अविकसित या ठीक से विकसित नहीं हुआ होता तो इंप्लांटेशन नहीं हो पाता या गर्भ ठहर नहीं पाता।
गर्भ संबंधी कारक (Uterine Factor)
गर्भाशय संबंधी ( Uterine ) असामान्यताएं या फिर गर्भाशय की अंदरूनी सतह में किसी किस्म की गड़बड़ी होने पर भ्रूण के इंप्लांटेशन पर असर पड़ता है और इसके कारण हेल्दी प्रेग्नेंसी शुरू नहीं हो पाती।
लाइफस्टाइल और अन्य हेल्थ फैक्टर्स
जीवनशैली से जुड़ी आदतें जैसे- धूम्रपान, शराब का अत्यधिक सेवन, मोटापा आदि ऐसे कारण हैं जिनके कारण IVF के परिणामों पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा अन्य स्वास्थ्य समस्याओं जैसे पोलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) या एंडोमेट्रियॉसिस की वजह से भी फर्टिलिटी पर असर पड़ता है।
ओवेरियन रिस्पॉन्स (Ovarian Response)
कुछ मामलों में, इलाज कराने वाली महिलाओं में ओवेरियन स्टिमुलेशन दवाओं पर रिस्पॉन्स कुछ कम हो सकता है, जिसके चलते रिट्रिवल के लिए उपलब्ध मैच्योर एग्स की संख्या कम हो सकती है।
IVF फेल होने पर इमोशनल ट्रीटमेंट भी जरूरी
आगे की राह IVF की असफलता कपल्स के लिए भावनात्मक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि अपने प्रियजनों, काउंसलर्स या फर्टिलिटी मामलों में विशेषज्ञता रखने वाले सपोर्ट ग्रुप्स से सपोर्ट की अपेक्षा रखने से पहले आप खुद अपनी भावनाओं को समझें और उन्हें स्वीकार करें। ऐसे में इन टिप्स को अपना सकते हैं।
खुलकर बात करना
कपल्स को अपनी भावनाओं के बारे में खुलकर बात करनी चाहिए और अपने सरोकारों को भी बेहिचक आपस में बांटना चाहिए। ताकि न सिर्फ उनका आपसी रिश्ता और मजबूत बने बल्कि वे इस चुनौतीपूर्ण सफर की तकलीफों को मिल-जुलकर सहन कर सकें।
प्रोफेशनल्स की लें मदद
प्रोफेशनल काउंसलिंग या थेरेपी से व्यक्तियों/कपल्स को अपनी भावनाओं को ठीक से समझने और अपनी तकलीफों से उबरने में मदद मिलती है।
फर्टिलिटी ट्रीटमेंट से ब्रेक लें
IVF के असफल रहने के बाद कुछ समय के लिए फर्टिलिटी उपचार रोकें ताकि आपको भावनात्मक और शारीरिक स्तर पर उबरने में मदद मिल सके।
IVF नहीं हुआ सफल, तो इन विकल्पों पर भी करें विचार
अगर आपका IVF फेल हो गया है, तो परेशान या उदास रहने के बजाय दूसरे विकल्प को चुन सकते हैं। परिवार बढ़ाने के दूसरे कई विकल्प भी हैं जैसे गोद लेना या डोनर एग्स/स्पर्म्स का इस्तेमाल करना ताकि नई राह पर आगे बढ़कर आप पेरेंट्स बनने की चाहत को पूरा कर सकें।
डोनर एग या स्पर्म
यदि फर्टिलिटी संबंधी समस्याओं से जूझ रहे कपल्स अपने खुद के एग अथवा स्पर्म की क्वालिटी की वजह से इस चुनौती का सामना कर रहे हैं, तो उन्हें डोनर एग्स या स्पर्म का इस्तेमाल करने के बारे में विचार करना चाहिए।
सरोगेसी
इस प्रक्रिया में भावी माता-पिता के लिए कोई अन्य महिला गर्भधारण करती है। यह विकल्प उन कपल्स के लिए उपयुक्त है जिनके मामले में मेडिकल कंडीशन के चलते गर्भधारण असुरक्षित या असंभव होता है।
गोद लेना
बच्चा गोद लेना (Adoption) पैरेन्टहुड को साकार करने का एक और उपाय है जो इस मायने में भी बेहतरीन विकल्प साबित होता है कि यह गोद लिए जाने वाले बच्चे को एक प्यार भरा घर-परिवार दिलाता है। इस तरह, यह नॉन-बायोलॉजिकल तरीके से परिवार बढ़ाने की आकांक्षा रखने वाले कपल्स के लिए काफी फायदेमंद विकल्प है।
इसमें कोई शक नहीं है कि आईवीएफ में नाकामी ऐसे किसी भी कपल्स का दिल तोड़ देने वाला या निराशाजनक अनुभव होता है जिन्होंने भावनात्मक, शारीरिक और वित्तीय तौर पर इस पूरी प्रक्रिया पर निवेश किया होता है। आईवीएफ के असफल रहने के संभावित कारणों को समझने और उसके परिणामस्वरूप पैदा होने वाले भावनात्मक तूफानों को समझना पैरंटहुड के सफर के अहम पड़ाव हैं। परिवार बढ़ाने के वैकल्पिक तौर-तरीकों को टटोलना आईवीएफ की चुनौतियों से जूझ रहे कपल्स के लिए उम्मीद और नई संभावनाओं के द्वार खोलता है। याद रखें, हर व्यक्ति का रास्ता अलग होता है और इस रास्ते पर आगे बढ़कर पैरंटहुड की मंजिल तक पहुंचने के लिए प्रोफेशनल सलाह-मशविरा तथा सपोर्ट आवश्यक होता है।