World Hepatitis Day 2019, symptoms/Reasons and cure: हेपेटाइटिस एक खतरनाक बीमारी होती है जिसका यदि समय पर इलाज नहीं होता है तो इससे रोगी की जान को भी खतरा होता है। यह बीमारी मुख्य रूप से लीवर पर प्रभाव डालती है। WHO के एक शोध के अनुसार दुनिया में लगभग 80 प्रतिशत लोग इस बीमारी से ग्रसित हैं। इस शोध में यह भी पाया गया है कि लगभग 326 मीलियन लोग आज भी इस बीमारी के इलाज से अंजान हैं। इस बीमारी के कारण कभी-कभी पीलिया और लीवर कैंसर भी हो जाता है। लेकिन ऐसा नहीं है कि यह बीमारी लाइलाज है, सही समय पर पता चल जाने पर इसका इलाज करवाया जा सकता है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आप हेपेटाइटिस को कैसे ठीक कर सकते हैं और कैसे उससे कैसे बच सकते हैं।
हेपेटाइटिस (Hepatitis) का इलाज –
आप हेपेटाइटिस का इलाज तभी कर सकते हैं जब आपको पता हो कि आपको किस प्रकार का हैपेटाइटिस हुआ है। ये पता करने के बाद आप अपने हेपेटाइटिस का इलाज कर सकते हैं।
1. हेपेटाइटिस ए (Hepatitis A) – वैसे तो इस प्रकार के हेपेटाइटिस को किसी प्रकार के इलाज की आवश्यकता नहीं होती परन्तु अगर आपको इसके लक्षणों में लगातार वृद्धि नज़र आती है यानि कि आपको ज़्यादा उल्टियां या फिर डायरिया की शिकायत है तो आपको तुरन्त अपने डॉक्टर की सलाह की आवश्यकता है।
2. हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B) – हेपेटाइटिस बी को दवाईयों से ठीक किया जाता है। लेकिन इसका इलाज आपके लिए महंगा पड़ सकता है क्योंकि यह कुछ महीनों या कुछ सालों तक चल सकता है।
3. हेपेटाइटिस सी (Hepatitis C) – इसको भी दवाईयों से ठीक किया जा सकता है। लेकिन अभी फिलहाल में इसके लिए कोई भी इंजेक्शन नहीं है।
4. हेपेटाइटिस डी (Hepatitis D) – इसके लिए किसी भी प्रकार की दवाई असरदार नहीं है। हालांकि कुछ दवाईयां हैं जिनसे इसका असर 25 से 30 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।
5. हेपेटाइटिस ई (Hepatitis E) – इसके लिए किसी भी प्रकार की दवाई नहीं है क्योंकि यह अपने-आप ही ठीक हो जाती है। बस इसके रोगी को रेस्ट करने की ज़रूरत होती है और उसे ढ़ेर सारा पानी पीना चाहिए, शराब आदि को नकार देना चाहिए।
इन सबके अलावा भी कुछ तरीके हैं जिनसे हैपेटाइटिस को ठीक किया जा सकता है।
1. सफाई – साफ-सफाई से भी इसको ठीक किया जा सकता है। इससे मुख्य रूप से हेपेटाइटिस ए और ई से बचा जा सकता है। इनके अलावा किसी और का टूथब्रश का प्रयोग नहीं करना चाहिए, हर बार इंजेक्शन को बदलना चाहिए, और किसी और के रेज़र का भी प्रयोग नहीं करना चाहिए।
2. इंजेक्शन – यदि आपको हेपेटाइटिस के प्रभाव से बचना है तो बचपन में ही सभी प्रकार के हेपेटाइटिस का वेक्सीनेशन करवा लेना चाहिए।
