कुछ लोग ठंड में स्वेटर पहनते हैं, जबकि अन्य बस इसे देख सकते हैं क्योंकि उन्हें ऊनी कपड़ों से एलर्जी हो जाती है। ऊनी कपड़ों और मटेरियल के प्रति संवेदनशील होना बहुत आम है। जब लोग ऊनी कपड़ें पहनते हैं तो नाक बहना, आंखों में पानी आना और विशेष रूप से त्वचा में जलन और खुजली की समस्या हो जाती है। 1930 के दशक की शुरुआत में, डॉक्टरों ने ऊन को एक एलर्जेन माना। हालांकि कई लोगों में जांच करने पर पता चला कि उन्हें ऊन से एलर्जी नहीं है। इस लगातार खोज ने कुछ शोधकर्ताओं को यह प्रस्तावित करने के लिए प्रेरित किया कि ऊन से एलर्जी एक मिथक है और लक्षणों को पैदा करने वाले अन्य कारकों की तलाश शुरू की जा सकती है।

ऊन से होने वाले एलर्जी के लक्षण:
– स्किन में खुजली होना या रैशेज पड़ जाना
– आंखों में खुजली, लालीपन, पानी आना
– नाक बहना
– सर्दी-जुकाम के साथ कफ और बलगम की समस्या

ऊन एलर्जी का इलाज क्या है?
यदि आपको ऊन से एलर्जी है तो आप उसे पहनने से बचें। या फिर सीधे कोई ऊनी कपड़ा ना पहनें, बल्कि ऊनी कपड़ा पहनने से पहले कुछ और पहन लें। आपको मॉइश्चराइज या फिर कॉस्मेटिक्स प्रोडक्ट्स जिनमें लानोलिन हो उससे बचने की आवश्यकता है। अगर आप एलर्जिक होते हैं जो आपको सांस लेने में परेशानी होने लगती है, ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। यदि आप एक एलर्जी का सामना कर रहे हैं, तो आप अपने शरीर को ठीक करने में मदद करने के लिए एंटीहिस्टामाइन दवा जैसे बेनाड्रिल ले सकते हैं।

ऊन की एलर्जी का निदान कैसे किया जाता है?
ऊन से एलर्जी है या नहीं, इस बात का पता आप आसानी से लगा सकते हैं। एक ही ऊन के कपड़े को कुछ समय तक लगातार पहनें, लेकिन ध्यान रहे कि स्किन और ऊन के बीच कोई मोटा कपड़ा जरूर रहे। अगर ऐसा करने से आपकी स्किन प्रभावित नहीं होती है तो आप एलर्जिक नहीं हैं। आपको स्किन बस सेंसिटिव है।
यदि आपको ऊन से एलर्जी का संदेह है, तो अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। एलर्जी विशेषज्ञ (डॉक्टर जो एलर्जी के उपचार में माहिर हैं) आपके लक्षणों को समझने और उचित निदान करने के लिए कई सलाह देंगे।

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