8 मार्च के दिन को दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) के रूप में मनाया जाता है। सन् 1910 में क्लारा जेटकिन नाम की एक महिला ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की बुनियाद रखी थी। उस समय ये कामगारों के आंदोलन से निकला था, जिसे बाद में संयुक्त राष्ट्र ने सालाना जश्न के तौर पर मान्यता दी और समय के साथ इस दिन को महिलाओं के मान-सम्मान, समाज, सियासत और आर्थिक क्षेत्र में उनकी तरक्की के जश्न के तौर पर मनाया जाने लगा।

हालांकि, इन तमाम बातों से अलग इस खास दिन पर महिलाओं की सेहत को लेकर बात करना भी जरूरी हो जाता है। दरअसल, आज भी कई ऐसे मुद्दे हैं, जिन्हें लेकर महिलाएं खुलकर बात करने से कतराती हैं। इन्हीं में से एक है माहवारी या मासिक धर्म, जिसे आम भाषा में पीरियड्स भी कहा जाता है। इसी कड़ी में यहां हम आपको पीरियड्स से जुड़े 5 ऐसे सवालों का जवाब देन वाले हैं, जिन्हें अक्सर महिलाएं गूगल पर खोजती हैं। आइए एक नजर डालते हैं इनपर-

सवाल नंबर 1- पीरियड्स में एक दिन में कितनी बार पैड़ बदल देना चाहिए?

जवाब- दरअसल, अधिकतर महिलाओं का मानना होता है कि पीरियड्स के दौरान पैड बदलने का समय आपके ब्लड फ्लो पर निर्भर करता है। यानी अगर आपको ज्यादा ब्लीडिंग होती है, तो आपको जल्दी-जल्दी पैड बदल लेना चाहिए, वहीं कम ब्लीडिंग होने पर आप इसे लंबे समय तक लगाकर रख सकते हैं। हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट्स इस तरीके को पूरी तरह सही नहीं बताते हैं।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ब्लीडिंग ज्यादा होने पर आप यकीनन अपने अनुसार पैड बदल सकते हैं। यानी अगर आपका पैड अधिक खराब हो गया है तो आप इसे अपनी जरूरत के हिसाब से एक या आधे घंटे में भी बदल सकती हैं। हालांकि, अगर ब्लीडिंग कम हो रही है, तो भी पैड को चैंज करना बेहद जरूरी है।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एक पैड को 4 से 6 घंटे से अधिक इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। 6 घंटे से अधिक समय तक यूज करने पर आपको वजाइनल इंफेक्शन, यूटीआई, त्वचा पर रैशेज, खुजली आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इससे अलग गंभीर मामलों में ये सर्वाइकल कैंसर का कारण भी बन सकता है।

सवाल नंबर 2- क्या पीरियड्स में एक्सरसाइज कर सकते हैं?

जवाब- पीरियड्स के दौरान एक्सरसाइज करना पूरी तरह सुरक्षित है। आप अपनी क्षमता के अनुसार इन दिनों में भी व्यायाम कर सकती हैं। हालांकि, इंटेंस वर्कआउट से बचें। साथ ही अगर आपको अधिक दर्द है, तो भी आप दो दिन का रेस्ट ले सकती हैं। इन सब से अलग आप योग का सहारा ले सकती हैं। कुछ आसान योगासन जैसे सुखासन, वज्रासन, मार्जरी आसन, भ्रमरी प्राणायाम का अभ्यास पीरियड्स के दौरान होने वाले पेट दर्द, कमर दर्द और पैरों में दर्द की परेशानी से राहत दिलाने में मददगार माने जाते हैं।

सवाल नंबर 3- क्या पीरियड में संबंध बनाने से प्रेग्नेंट हो सकते हैं?

जवाब- हां, अगर महिला का मासिक धर्म चल रहा है, तो भी वह प्रेग्नेंट हो सकती है। दरअसल, शुक्राणु यानी स्पर्म महिलाओं के प्रजनन प्रणाली में 5 दिनों तक जीवित रह सकते हैं। ऐसे में अगर आपका पीरियड साइकिल कम दिनों का रहता है और ओव्यूलेशन जल्दी शुरू होता है, तो ऐसी स्थिति में बिना प्रोटेक्शन के संबंध बनाने पर प्रेग्नेंसी के चांस बढ़ जाते हैं।

सवाल नंबर 4- पीरियड्स में कम ब्लीडिंग होना कितना नॉर्मल है, क्या इससे प्रेग्नेंसी पर असर पड़ सकता है?

जवाब- बता दें कि महिलाओं में हर महीने मेंस्ट्रुअल साइकल का फ्लो अलग-अलग हो सकता है। यानी किसी महीने उन्हें कम ब्लीडिंग हो सकती है तो कभी इसका फ्लो अधिक बढ़ भी सकता है। ऐसा होना सामान्य है। हालांकि, अगर आपको हर महीने ही कम फ्लो हो रहा है यानी पीरियड्स के दौरान ब्लड की मात्रा बहुत कम है या केवल स्पॉटिंग है, साथ ही आपके पीरियड्स केवल एक से दो दिन के लिए ही आते हैं, तो ये चिंता की बात हो सकती है। इस तरह की स्थिति को स्कैंटी पीरियड कहा जाता है।

वहीं, मेडिकल एक्सपर्ट्स बताते हैं कि स्कैंटी पीरियड बॉडी के अंदर हार्मोनल असंतुलन के चलते होते हैं। इनमें भी खासकर थायराइड और प्रोलैक्टिन हार्मोन जिम्मेदार हैं। वहीं, इन दोनो हार्मोन में असंतुलन अंडे बनने में रुकावट पैदा करने लगता है, जिससे कंसीव करने में दिक्कत होती है। ऐसे में इसे लेकर समय रहते जांच करा लेना बेहद जरूरी है।

सवाल नंबर 5- पीरियड्स में ब्लीडिंग की सामान्य मात्रा क्या है?

जवाब- हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एक हेल्दी महिला में पीरियड्स के दौरान रक्तस्राव की सामान्य मात्रा 80 मिलीलीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। अगर आप पीरियड्स कप का इस्तेमाल करती हैं, तो आसानी से इस मात्रा को माप सकती हैं। हालांकि पैड या टैम्पोन इस्तेमाल करने पर ये आकलन करना मुश्किल है। इससे अलग नार्मल पीरियड्स 3-4 दिनों में खत्म हो जाते हैं।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।