जो महिलाएं खर्राटे लेती हैं उनमें दिल की बीमारियां होने का खतरा अधिक होता है। एक नए शोध में यह बात पता चली है। म्यूनिक यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल द्वारा किए गए इस रिसर्च ने ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया(ओएसए) नामक स्लीप डिसऑर्डर और खर्राटों के बीच एक संबंध खोज निकाला है। जिन लोगों को ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया होता है उन्हें खर्राटे लेने की समस्या होती है। वही, ओएसए के कारण हृदय में वेंट्रिकुलर डिसफंक्शन की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
शोध के दौरान यूके में 4877 रोगियों पर अध्ययन किया गया। अध्ययन के लिए सभी लोगों का कार्डिएक एमआरआई कराया। सभी प्रतिभागियों में से 118 लोगों को ओएसए की समस्या थी, जबकि 1886 लोगों को खर्राटे लेने की आदत थी। जिन ओएसए और खर्राटे लेने की आदत वाले लोगों में लेफ्ट वेंट्रिकुलर मास अधिक था जिसका मतलब है कि उनके पंपिंग चेंबर की हार्ट वॉल बढ़ी हुई थी जिसके कारण उनके हृदय को रक्त पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ रही थी।
यह बदलाव पुरुषों की तुलने में महिलाओं में अधिक देखा गया। रिसर्च के मुख्य लेखक डॉ एड्रियन कर्टा ने कहा, “हमने रिसर्च में पाया कि इस बीमारी से ग्रस्त महिलाओं मे कार्डियक पैरामीटर अधिक आसानी से प्रभावित होते हैं। जो महिलाएं ओएसए से ग्रस्त हैं या जो खर्राटे लेती हैं, उनमें कार्डियक रिस्क अधिक हो सकते हैं।”
डॉ कर्टा ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि जो लोग खर्राटे लेते हैं उन्हें ओएसए का परीक्षण कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोग खर्राटे लेते हैं या जिन्हें यह बात स्पष्ट नहीं है कि वो खर्राटे लेते हैं, उन्हें अपने पार्टनर से कहना चाहिए कि वो उन्हें ऑब्जर्व करें।
बता दें कि यह रिसर्च रेडियोलॉजी सोसायटी ऑफ नॉर्थ अमेरिका की वार्षिक बैठक में प्रस्तुत किया गया था।