Thyroid Cancer, Thyroid Cancer Initial Symptoms, Thyroid Cancer Causes, Thyroid Cancer Precautions: भारत में कैंसर से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ते जा रही है। ग्लोबोकैन 2018 की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल कैंसर के साढ़े 11 लाख से भी अधिक मरीज भर्ती होते हैं। वहीं, इस जानलेवा बीमारी से मरने वालों की संख्या 78 हजार से भी ज्यादा है। कैंसर के इतने प्रकार हैं कि उनमें से कुछ के बारे में लोगों को पता तक नहीं होता। थायरॉयड कैंसर भी इन्हीं में से एक है जिससे जुड़े जोखिमों के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। ‘ओनली माय हेल्थ’ की एक खबर के अनुसार, थायरॉयड कैंसर से पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक खतरा है।

क्या होता है थायरॉयड ग्लैंड: थायरॉयड ग्लैंड लोगों के शरीर का एक बेहद अहम हिस्सा है जो हार्मोंस बनाने के लिए जिम्मेदार है। इसके अलावा, शरीर में मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में भी ये ग्लैंड बहुत मदद करता है। वहीं, दिल के सुचारु रूप से काम करने में भी इस ग्लैंड का योगदान अहम है। इसके अलावा, थायरॉयड ग्लैंड पाचन क्रिया, मसल कंट्रोल और मस्तिष्क के विकास में भी मददगार है। वहीं, इस ग्लैंड का एक कार्य हड्डियों को मजबूती प्रदान करना भी है।

लक्षणों पर दें ध्यान: कैंसर या थायरॉयड से जुड़ी अन्य बीमारियों की पहचान उसके शुरुआती लक्षणों को पहचान कर हो सकती है। अत्यधिक थकान महसूस होना या कमजोरी लगना थायरॉयड कैंसर की ओर संकेत करता है। इसके अलावा, मांसपेशियों में कमजोरी, अचानक से वजन घट या बढ़ जाने पर सचेत होने की जरूरत है। ज्यादा ठंड लगने पर भी डॉक्टर को दिखाने की सलाह दी जाती है। डॉक्टर के कहे अनुसार आप थायरॉयड कैंसर से संबंधी स्क्रीनिंग टेस्ट करवा सकते हैं। इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि किसी भी प्रकार के कैंसर की पहचान उसके शुरुआती चरणों पर हो जाती है तो उसका इलाज संभव है।

खतरनाक हैं रेडियेशन: रिपोर्ट के मुताबिक बचपन या फिर जल्दी ही जो लोग रेडियेशन के संपर्क में आते हैं, उनमें थायरॉयड कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है। न्यूक्लियर पावर प्लांट के आसपास रहने से या फिर एक्सरे, एमआरआई और सीटी स्कैंस करवाने से भी थायरॉयड कैंसर होने की संभावना अधिक होती है। इसके अलावा, दांतों के इलाज के वक्त निकलने वाले रेडियेशन भी नुकसानदेह साबित हो सकते हैं। वहीं, न्यूक्लियर प्लांट्स के बगल में रहने वाले लोग इसके हानिकारक प्रभाव से बचने के लिए आयोडीन या पोटाशियम आयोडाइड के सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।

शरीर में बढ़ाएं आयोडीन की मात्रा: खबर की मानें तो शरीर में पर्याप्त मात्रा में आयोडीन मौजूद होने से थायरॉयड कैंसर का खतरा कम होता है। NIH ऑफिस ऑफ डाइट्री सप्लीमेंट्स के अनुसार, आयोडीन की रेकमेंडेड डेली अलावेंस (RDA) 150 mcg प्रतिदिन होती है। इसके अलावा, शरीर में TSH की मात्रा को भी नियमित रूप से चेक करवाते रहना चाहिए। वहीं, अपने डाइट में फाइबरयुक्त भोजन और ओमेगा 3 फैटी एसिड के स्रोतों को भी शामिल करने से थायरॉयड कैंसर का खतरा कम होता है।