माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, जिसमें सिर में बीचो बीच तेज़ या गंभीर दर्द होता है। ये दर्द आम सिरदर्द से अलग होता है क्योंकि अक्सर ये सिर के एक तरफ होता है और दूसरे लक्षणों जैसे उल्टी, मतली, धुंधली दृष्टि और संवेदनशीलता जैसे लक्षणों के साथ आता है। ये दर्द अचानक शुरू हो सकता है और कुछ घंटे या कई दिन तक रह सकता है। भारत में लगभग हर चौथा व्यक्ति माइग्रेन की समस्या से जूझ रहा है, जो कि वैश्विक औसत से काफी ज्यादा है।

माइग्रेन की परेशानी के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं जैसे तनाव और मानसिक थकान, नींद की कमी या अनियमित नींद, खराब डाइट या भूख लगना, प्रकाश, तेज रोशनी या तेज आवाज़, महिलाओं में हार्मोनल बदलाव की वजह से, शराब, कैफीन या प्रोसेस्ड फूड का ज्यादा सेवन करने से माइग्रेन का दर्द होता है। माइग्रेन की परेशानी के बॉडी में कुछ लक्षण दिखते हैं जैसे  

  • सिर के एक तरफ तेज़ दर्द या धड़कन जैसा महसूस होना
  • प्रकाश और आवाज़ के प्रति संवेदनशीलता
  • मतली या उल्टी होना
  • धुंधली दिखाई देना या आंखों में चमक पड़ना
  • थकान, चिड़चिड़ापन या ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल होने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

सर गंगाराम अस्पताल के वाइस चेयरमैन और सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. अंशु रोहतगी बताते हैं कि सर्दी में लोगों को माइग्रेन का दर्द ज्यादा परेशान कर सकता है। सर्दी में गर्म कपड़े जैसे स्वेटर, शॉल, कोर्ट और दूसरे भारी कपड़े पहनने से गर्दन और सिर के आसपास की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता हैं, जिससे सिरदर्द बढ़ सकता है। बहुत गर्म कपड़े शरीर को अधिक गर्म करते हैं, जिससे सिर में रक्त वाहिकाओं का फैलाव या संकुचन हो सकता है और माइग्रेन ट्रिगर हो सकता है।

टाइट या भारी कपड़े पहनने से शरीर तनाव में रहता है, जिससे माइग्रेन की तीव्रता बढ़ सकती है। गर्म कपड़े और भीड़भाड़ या सर्दी में इवेंट्स का मेल मस्तिष्क पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे माइग्रेन ट्रिगर बढ़ सकता है। इस बीमारी के लिए फैमिली हिस्ट्री भी जिम्मेदार है। अचानक मौसम का बदलाव, ठंडी या गर्म हवा, सर्दियों में भारी कपड़े और भीड़भाड़ माइग्रेन ट्रिगर कर सकते हैं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि सर्दी में माइग्रेन का इलाज कैसे करें।

हाइड्रेटेड रहें

हल्का-सा डिहाइड्रेशन भी माइग्रेन के लक्षणों को बढ़ा सकता है। सर्दी में प्यास नहीं लगती तो भी नियमित रूप से पानी पीते रहें। अगर आप कैफीन या शराब ले रहे हैं तो पानी की मात्रा और बढ़ा दें। हर एक ड्रिंक के बाद एक गिलास पानी पीना माइग्रेन को रोकने में काफी मदद करता है।

खाना स्किप नहीं करें

लंबे अंतराल में खाना खाने से ब्लड शुगर गिरता है और माइग्रेन ट्रिगर हो सकता है। अगर आप खाना टाइम पर नहीं खा सकते हैं तो आप अपने पास बादाम, फल या एनर्जी बार रखें। बहुत ज्यादा प्रोसेस्ड या नमकीन स्नैक्स से बचें और मीठे चीज़ों को सीमित मात्रा में लें।

नींद पूरी लें

देर रात तक जागने से और नींद कम लेने से माइग्रेन का दर्द बढ़ सकता है। आप अपनी नींद का शेड्यूल जितना हो सके उतना नियमित रखें। नए साल का मौका है अगर आप लेट नाइट पार्टी कर रहे हैं तो कार्यक्रम से पहले छोटी-सी पावर नैप ले सकते हैं।

सेंसरी ओवरलोड से बचें

तेज रोशनी, तेज आवाज़ और भीड़ माइग्रेन को बढ़ा सकती है। कोशिश करें कि बैठने की जगह स्पीकर या स्ट्रोब लाइट से दूर हो। 10 मिनट के शांत और हल्के रोशनी वाले स्थान में ब्रेक लेने से काफी राहत मिलती है। जरूरत पड़े तो टिंटेड ग्लासेस या ईयर प्लग का उपयोग करें।

कैफीन और शराब का संतुलित सेवन करें

कैफीन थोड़ा-बहुत माइग्रेन में राहत दे सकता है, लेकिन अधिक मात्रा या अचानक बंद करने से समस्या बढ़ सकती है। शराब खासकर रेड वाइन, शैंपेन और डार्क स्पिरिट ब्लड वेसल्स को फैलाकर दर्द बढ़ा सकती हैं इसलिए इनसे परहेज करें।

भारी कपड़ों का चयन सोच-समझकर करें

टाइट स्वेटर, मोटा कोट या शॉल जो गर्दन और सिर पर दबाव डालते हैं उनका इस्तेमाल नहीं करें। हल्के लेयरिंग कपड़े पहनें। अंदर हल्का स्वेटर और बाहर हल्का कोट। गर्दन और सिर के आसपास के कपड़े आरामदायक और ढीले रखें ताकि नसों पर दबाव नहीं पड़े। अगर आप लंबे समय तक भारी कपड़े पहन रहे हैं, तो बीच-बीच में कमरे में जाकर कपड़े ढीले करें।

गर्दन स्ट्रेचिंग करें

धीरे-धीरे सिर को एक तरफ झुकाएं और 10 सेकंड के लिए रोकें। फिर दूसरी तरफ झुकाएं इस तरह ये एक्सरसाइज 3 से 5 बार दोहराएं।

कंधे रोल्स  करें

दोनों कंधों को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं, पीछे और फिर नीचे रोल करें। ये एक्सरसाइज 10  से 15 बार दोहराएं।

नॉर्मल HbA1c होने के बावजूद डायबिटीज मरीजों में फास्टिंग शुगर रहता है ज्यादा, ये 5 बड़े कारण हो सकते हैं जिम्मेदार,पूरी जानकारी के लिए लिंक पर क्लिक करें।