सर्दियों में कब्ज की समस्या आम हो जाती है क्योंकि ठंड के मौसम में हम पानी का सेवन कम करते हैं और शरीर की गतिविधियां भी घट जाती हैं। इसके कारण पाचन तंत्र धीमा पड़ जाता है और आंतों की गति (bowel movement) सुस्त हो जाती है। ऐसे में खाना पचने में देर लगती है, जिससे पेट में भारीपन, गैस, अपच और कब्ज जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। 

आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, इस मौसम में मूली का सेवन पाचन तंत्र को सक्रिय रखने का सबसे आसान और नेचुरल तरीका है। मूली में फाइबर, पानी और एंजाइम प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो आंतों की सफाई करते हैं और कब्ज से राहत दिलाते हैं। सुबह खाली पेट मूली या उसका रस पीने से पेट की जकड़न और भारीपन कम होता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि मूली का सेवन कैसे पाचन को दुरुस्त करता है, कब्ज का इलाज करता है और बिगड़े पाचन को सुधारता है।

मूली कैसे कब्ज का इलाज करती है?

अगर आप रोज़ सुबह खाली पेट मूली खाते हैं, तो यह आपके पेट की सफाई करने में बेहद असरदार साबित हो सकती है। पानी और फाइबर से भरपूर मूली पाचन को दुरुस्त करती हैं और पेट से विषैले पदार्थों को बाहर निकालती हैं। आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, मूली का सेवन शरीर के दोषों को संतुलित करता है और कब्ज, गैस तथा एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। इसमें मौजूद फाइबर आंतों की गतिशीलता बढ़ाता है, जिससे मल आसानी से बाहर निकल जाता है। 

साथ ही मूली लीवर और गॉलब्लैडर को भी हेल्दी रखती है। एक्सपर्ट ने बताया अगर आप हर सुबह खाली पेट मूली का नमक या नींबू के साथ करते है तो न केवल पेट साफ रहेगा, बल्कि पाचन शक्ति मजबूत होगी और स्किन पर भी निखार आएगा।

मूली का सेवन पाचन को दुरुस्त करने के लिए कब और कैसे करें

भोजन से पहले मूली खाने से ये भारी हो जाती है और अपच का कारण बनती है। इसलिए मूली को भोजन से पहले नहीं बल्कि भोजन के अंत में या बीच में थोड़ी मात्रा में सलाद के रूप में खाना चाहिए। अगर आप सुबह खाली पेट मूली खाते हैं, तो उसके बाद कम से कम आधे से एक घंटे तक कुछ नहीं खाना चाहिए, ताकि पाचन प्रक्रिया प्रभावित न हो। अगर आप मूली को भोजन के बाद खाना चाहते हैं, तो जब भोजन लगभग समाप्त होने को हो, तब इसे सलाद के रूप में खाएं। यह तरीका पाचन को बेहतर बनाता है और शरीर में गैस या भारीपन नहीं होने देता।

मूली के साथ इन चीजों से करें परहेज

अगर आप चाहते हैं कि आपका पाचन दुरुस्त रहे तो आप मूली के साथ दूध या मट्ठा का सेवन बिल्कुल नहीं करें। मूली के साथ इन फूड्स का सेवन करने से पाचन में गड़बड़ी हो सकती है। मूली में प्राकृतिक मूत्रल गुण (Diuretic properties) होते हैं, जो किडनी की सफाई में मदद करते हैं और पेशाब से जुड़ी समस्याओं को कम करते हैं। इसके बीज भी अत्यंत पौष्टिक होते हैं। मूली पाचन सुधारने, कब्ज़ से राहत देने, बवासीर और किडनी की समस्याओं में फायदेमंद मानी जाती है। अगर सही समय पर और सही तरीके से इसका सेवन किया जाए, तो यह एक प्राकृतिक डिटॉक्स फूड की तरह काम करती है और शरीर को अंदर से हेल्दी रखती है।

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