पीरियड साइकल महिलाओं में हर महीनों होने वाला नॉर्मल प्रोसेस है जो 13 साल की उम्र से लगभग शुरू हो जाता है और 45 से 50 साल की उम्र तक थम जाता है जिसे मेनोपॉज कहा जाता है। हर महिला में पीरियड साइकिल का समय और अवधि अलग-अलग होती है। महिलाओं की प्रजनन क्षमता का संबंध पीरियड साइकिल से ही जुड़ा है। पीरियड से जुड़ी कई समस्याएं है जो महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर असर डालती है और उन्हें परेशान करती है। कुछ महिलाओं को पीरियड कम आता है तो कुछ महिलाएं ऐसी भी है जिन्हें पीरियड शुरु हो जाता है तो लम्बे समय तक रुकता नहीं है।

पीरियड लम्बे समय तक नहीं रूकने से महिला की बॉडी में कई तरह की बीमारियों का जोखिम जैसे खून की कमी, हार्मोनल असंतुलन, एंडोमेट्रिओसिस,अंडाशय से संबंधित समस्याएं जैसे पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम का खतरा बढ़ सकता है। गंभीर स्थिति में गर्भाशय का कैंसर भी हो सकता है। महिलाओं में पीरियड के अनियमित होने से उनकी इंफर्टिलिटी प्रभावित होती है। महिलाओं में होने वाली इन सब समस्याओं का पता लगाने के लिए एक टेस्ट किया जाता है जिसे Hysteroscopy कहते हैं यानी दूरबीन से बच्चेदानी की जांच करना।

रोहिणी में लेप्रोस्कोपिक सर्जन,गायनोकॉलोजिस्ट, डॉक्टर पुलकित नंदवानी ने बताया इस जांच में दूरबीन की मदद से यूट्रस के अंदर देखा जाता है ताकि बीमारी का पता लगाया जाए। इस जांच को करने के लिए एक इंस्ट्रूमेंट की मदद से यूट्रस के अंदर एक छोटा सा कैमरा डाला जाता है जिससे यूट्रस के अंदर की लाइनिंग को आराम से देखा जा सकता है। यूट्रस की जांच करने के लिए ही ये टेस्ट किया जाता है।

हिस्टेरोस्कोपी क्या है?

हिस्टेरोस्कोपी यानी दूरबीन की जांच से गर्भाशय की बीमारियों की बारीकी से जांच की जा सकती है। इसमें गर्भाशय की ट्यूब में किसी प्रकार की रुकावट, ट्यूमर आदि का आसानी से पता लगाया जा सकता है। यह पूरी प्रक्रिया दूरबीन के जरिए होती है। इस टेस्ट की मदद से यूट्रस के अंदरूनी हिस्से को तो देखा ही जाता है साथ ही इसके माउथ जिसे सर्विक्स बोलते हैं उसे भी देखा जा सकता है। इस टेस्ट के जरिए टुकड़े की जांच की जाती है और कैंसर का पता लगाया जाता है। ये टेस्ट 30-45 मिनट तक होती है।

बच्चेदानी की दूरबीन से जांच क्यों करना पड़ती है?

  • ये जांच किसी किसी कंडीशन में करना पड़ती है जैसे ब्लीडिंग लाइट या हैवी होना, रसौली, पोलिप या यूट्रस की लाइनिंग के गुच्छे अगर यूट्रस के अंदरुनी एरिया में आ जाते हैं तो ब्लीडिंग हैवी और लम्बे समय तक रहती है। इस टेस्ट के जरिए यूट्रस में मौजूद परेशानी का पता चलता है अगर इस तरह की कोई छोटी सी परेशानी दूरबीन में दिखती है तो डॉक्टर उसे साथ के साथ साफ भी कर देते हैं।  
  • कुछ महिलाएं कंसीव नहीं कर पाती या बार बार मिसकैरेज रहता है तब भी इस जांच को किया जाता है।
  • यूट्रस की बनावट और इंफेक्शन का पता भी हिस्ट्रोस्कोपी से ही लगाया जाता है।
  • प्रेग्नेंसी के टुकड़े और कॉपर टी का धागा फंस जाता है तो उसे निकालने के लिए भी ये टेस्ट किया जाता है।

दूरबीन की जांच के बाद बॉडी में क्या हो सकता है?

हिस्ट्रोस्कोपी के बाद आपको हल्की स्पॉटिंग हो सकती है और थोड़ा दर्द भी महसूस हो सकता है।
इस टेस्ट को कराने के बाद आपको नींद ज्यादा आ सकती है,थकान हो सकती है।
पेट में हल्का दर्द,पैरों में हल्का दर्द हो सकता है।
टेस्ट को करने के बाद आपको हैवी ब्लीडिंग है बुखार है तो आप तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। 

बच्चेदानी की सफाई के लिए DNC टेस्ट किया जाता है ये टेस्ट क्यों किया जाता है और महिला की सेहत पर इसका कैसा असर होता है पूरी जानकारी के लिए लिंक पर क्लिक करें।