हार्ट अटैक एक ऐसी बीमारी है जो कम उम्र में ही लोगों को अपना शिकार बना रही है। हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिसमें कम उम्र के पुरुष हार्ट अटैक का शिकार हुए है। कुछ साल पहले हुए एथेरोस्क्लेरोसिस रिस्क इन कम्युनिटीज़ अध्ययन में ये बात सामने आई है कि महिलाओं में दिल के रोगों के मालने बढ़ रहे हैं। इस चौकाने वाली रिसर्च के मुताबिक कम उम्र में महिलाएं भी हार्ट अटैक का शिकार हो रही हैं।

शोधकर्ताओं ने महिलाओं में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों की पड़ताल करने के लिए चार शहरों में 28,000 से अधिक अस्पतालों में मरीजों की समीक्षा की। नतीजे बेहद चौंकाने वाले थे। रिसर्च के मुताबिक महिलाओं में 35 से 54 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने के मामले बढ़े हैं और वृद्ध वयस्कों में दिल का दौरा पड़ने की दर कम हुई थी। माना जाता है कि 35 साल की उम्र मे एस्ट्रोजन हार्मोन सक्रिय रहता है और महिलाओं का पीरियड साइकिल उन्हें दिल के दौरे से बचाता है।

लेकिन हार्ट स्पेशलिस्ट की बात करें तो न तो हम दिल के दौरे के शुरुआती लक्षणों की संभावना को नजरअंदाज कर सकते हैं, न ही हम महिलाओं में सीने में दर्द या किसी भी प्रकार की परेशानी को नजरअंदाज कर सकते हैं। महिलाओं में कम उम्र में होने वाले दिल के रोगों के लिए उनका लाइफस्टाइल जिम्मेदार है। महिलाओं में स्मोकिंग की आदत बढ़ने लगती है जो उनके दिल को नुकसान पहुंचा रही है।

इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट, ओखला, नई दिल्ली के प्रधान निदेशक,डॉ.निशिथ चंद्रा ने बताया है कि तम्बाकू का धूम्रपान HDL कोलेस्ट्रॉल को तेजी से कम करने के लिए जिम्मेदार है। यह सूजन बढ़ाता है,खून के थक्के को बढ़ाता है और धमनियों की परत को नुकसान पहुंचाता है। एक्सपर्ट के मुताबिक महिलाएं कम उम्र में ही धूम्रपान करने लगती हैं, जिससे उनमें दिल के रोगों का जोखिम बढ़ जाता है।

क्या स्मोकिंग दिल के दौरे का कारण है?

धूम्रपान करने में तंबाकू का सेवन अच्छे कोलेस्ट्रॉल को तेजी से कम करने के लिए जाना जाता है। यह सूजन का कारण बनता है, खून को गाढ़ा बनाता है और धमनियों को नुकसान पहुंचाता है। धूम्रपान से पुरुषों और महिलाओं दोनों में हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा दो से चार गुना बढ़ जाता है। धूम्रपान करने वाली महिलाओं में धूम्रपान करने वाले पुरुषों की तुलना में हृदय रोग होने का खतरा 25 प्रतिशत अधिक होता है। कार्बन मोनोऑक्साइड और तंबाकू आपके हृदय, मस्तिष्क और धमनियों में ऑक्सीजन पहुंचने से रोकते हैं।

क्या गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन दिल को नुकसान पहुंचाता है?

ज्यादा से ज्यादा महिलाएं अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने के लिए गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन कम उम्र में ही कर रही हैं। सेक्सुअली एक्टिव महिलाएं कम उम्र में अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए बर्थ कंट्रोल पिल्स का इस्तेमाल करती हैं। ये गोलियां दिल पर असर डालती है। कई रिसर्च में ये बात सामने आ चुकी है कि हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित महिलाएं अगर बर्थ कंट्रोल पिल्स का सेवन करती हैं तो उनका ब्लड प्रेशर और तेजी से बढ़ने लगता है। ज्यादातर महिलाएं गोली का सेवन करने से पहले बीपी चेक नहीं कराती है न ही कोई मेडिकल सलाह लेती हैं जिससे उनका बीपी और तेजी से रेज़ करता है।

गर्भनिरोधक गोलियां थ्रोम्बोजेनिक होती हैं या रक्त का थक्का जमने का कारण बनती हैं। ये गोलियां ब्लड फैट्स की संरचना को भी बदल देती हैं। ये एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करती हैं और खराब कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को बढ़ाती हैं जिससे दिल के रोगों का खतरा अधिक होता है।