महिलाओं की बॉडी में हार्मोनल बदलाव बहुत ज्यादा होते हैं। 12-13 साल की उम्र में पीरियड शुरू होने से लेकर 25 साल की उम्र तक बॉडी में कई तरह के फिजिकल चेंजेस होते हैं। शादी के बाद महिलाओं को कई दौर से गुजरना पड़ता है जिसकी वजह से बॉडी में कई तरह के बदलाव आते हैं। सबसे बड़ा बदलाव शादी के बाद आता है। शादी के बाद महिलाओं की प्रजनन क्षमता में कई तरह के बदलाव होते हैं और कुछ परेशानियां होती है। ये परेशानियां उनके रिप्रोडक्टिव सिस्टम यानी प्रजनन प्रणाली में होती हैं।

महिलाओं के रिप्रोडक्टिव सिस्टम में परेशानी होने पर डॉक्टर उन्हें बच्चेदानी की सफाई की सलाह देते हैं। अब सवाल ये उठता है कि महिलाओं को बच्चेदानी में ऐसी कौन सी परेशानियां होती है जिसकी वजह से उन्हें बच्चेदानी की सफाई करने की सलाह दी जाती है।

गर्भाशय या बच्चेदानी की सफाई बहुत से कारणों की वजह से होती है। बच्चेदानी की सफाई का सबसे बड़ा कारण अबॉर्शन होता है। एडवांस हॉस्पिटल में  गायनोकॉलोजिस्ट दिप्ती जैन ने बताया dilatation and curettage (DNC) करने की सलाह महिलाओं को कई वजह से दी जाती है। ये एक कॉमन प्रोसीजर है जिसे करने में लगभग 5-7 मिनट लगते हैं। बच्चेदानी की इस सफाई करने का मतलब बीमारी का पता लगाना और उसका इलाज करना है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि DNC टेस्ट किन-किन परेशानियों में किया जाता है और इससे बॉडी पर कैसा असर पड़ता है।

गर्भपात (Miscarriage) में की जाती है ये सफाई

बच्चेदानी की सफाई करने के लिए जिस टेस्ट को किया जाता है उसे DNC टेस्ट कहते हैं। जिन महिलाओं का गर्भपात हो जाता है तो ऐसे में बच्चेदानी में कुछ भ्रूण के अवशेष बच सकते हैं जो महिला की सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। इन अवशेषों को निकालने के लिए बच्चेदानी की सफाई की जाती है। इस सफाई को करने से महिला को किसी तरह का संक्रमण होने का खतरा नहीं रहता और वो पूरी तरह ठीक हो जाता है।

हैवी ब्लीडिंग के दौरान किया जाता है ये टेस्ट

जब महिला को हैवी ब्लीडिंग होती है तो डॉक्टर DNC टेस्ट करने की सलाह देते हैं। इस टेस्ट की मदद से हैवी ब्लीडिंग के कारण का पता लगता है। कुछ महिलाओं को पीरियड के दौरान हैवी ब्लीडिंग होती है और लम्बे समय तक होती है। इस परेशानी का पता लगाने के लिए ही डॉक्टर DNC टेस्ट करते हैं। इस टेस्ट के जरिए महिला की बच्चेदानी की सफाई की जाती है।

बच्चेदानी में पोलिप या ट्यूमर का पता लगाने के लिए

बच्चेदानी में पोलिप या ट्यूमर का पता लगाने के लिए बच्चेदानी की सफाई की जाती है। अगर डॉक्टर को महिला के गर्भाशय में किसी प्रकार के पोलिप्स, फाइब्रॉयड्स या ट्यूमर होने का अंदाजा होता है तो उसे निकालने के लिए बच्चेदानी की सफाई की जाती है। इस टेस्ट की मदद से बीमारी का पता चलता है और बच्चेदानी को बीमार होने से बचाया जा सकता है।

बच्चेदानी में इन्फेक्शन का पता लगाने के लिए

जिन महिलाओं को बच्चेदानी में इन्फेक्शन होता है उसका पता लगाने के लिए बच्चेदानी की सफाई की जाती है। कई बार देखा गया है कि जिन महिलाओं को बच्चेदानी में संक्रमण होता है उन्हें भी हैवी ब्लीडिंग होती है।

DNC टेस्ट महिलाओं के लिए जोखिम भरा है क्या?

DNC टेस्ट एक्सपीरियंस डॉक्टर करते हैं। इस टेस्ट को करने में तकरीबन 10 मिनट टोटल लगते हैं। ये टेस्ट मरीज को एनेस्थीसिया देकर सुरक्षित तरीके से किया जाता है। इस टेस्ट को करने के बाद डॉक्टर मरीज को हल्का खाना खाने की सलाह देते हैं। महिला को किसी खास तरह का रेस्ट करने की कोई जरूरत नहीं होती है।

महिलाओं को पीरियड से जुड़ी परेशानियां ज्यादा होती हैं। कुछ महिलाओं को महीने में सिर्फ 3 दिन पीरियड आता है। अब सवाल ये उठता है कि क्या 3 दिन पीरियड आना ठीक है। पीरियड से जुड़ी पूरी जानकारी के लिए आप लिंक पर क्लिक करें।