कैंसर एक ऐसी जानलेवा बीमारी है कि ये कब बॉडी में दाखिल होती है और कब मौत के मुंह तक ले जाती है इंसान को अंदाज़ा ही नहीं होता। भारत में कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। अमेरिका के बाद भारत एक ऐसा देश है जहां कैंसर के मामले ज्यादा है। भारत में हर साल 15 लाख से अधिक नए मामले सामने आते हैं। मुंबई के नाला सोपारा इलाके की छत्तीस वर्षीय रमा देवी को नहीं पता था कि उसका सिरदर्द ब्रेन कैंसर के कारण होता है। स्थानीय डॉक्टर ने रमा की बीमारी को आंख की समस्या बताकर बीमारी को दरगुज़र कर दिया।
भारत में गरीबी से पीड़ित महिलाओं में कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। गरीबी के कारण महिलाएं इलाज तक नहीं कराती और उनकी मौत हो जाती है। कैंसर की देखभाल में लैंगिक असमानता पर लैंसेट कमीशन की नई रिपोर्ट से जानते हैं कि आखिर क्यों कैंसर से पुरुषों की तुलना में महिलाओं की मौत ज्यादा होती है।
महिलाओं में होने वाला प्रमुख कैंसर
महिलाओं में होने वाले कैंसर की बात करें तो स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, ओवेरियन और गर्भाशय कैंसर, जो भारत में महिलाओं में 70% से अधिक कैंसर के लिए जिम्मेदार हैं, हालांकि अगर समय रहते इस कैंसर का पता लग जाए तो जीवित रहने की अधिक संभावना हैं। भारतीय पुरुष बड़े पैमाने पर फेफड़े या मुंह के कैंसर से पीड़ित होते हैं। दोनों तरह के कैंसर धूम्रपान और तंबाकू खाने से संबंधित हैं जो अधिक खतरनाक हैं।
महिलाओं में कैंसर से मरने का कारण
“Women, Power and Cancer,शीर्षक वाली रिपोर्ट इस बात पर प्रकाश डालती है कि कैसे महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति सामाजिक उदासीनता, ज्ञान की कमी, जागरूकता में कमी और कैंसर के इलाज में देरी महिलाओं की मौत का कारण बनती है। अध्ययन के लेखकों ने पाया कि भारतीय महिलाओं में कैंसर से होने वाली लगभग दो-तिहाई मौतों को रोका जा सकता था और 37 प्रतिशत का इलाज संभव था, अगर समय पर उनका निदान किया गया होता।
महिलाओं में कैंसर से होने वाली लगभग 6.9 मिलियन मौतों को रोका जा सकता था और 4.03 मिलियन का इलाज किया जा सकता था। लैंसेट के कमिश्नर डॉ. ईशु कटारिया ने बताया कि भारत में कैंसर से पीड़ित महिलाओं की मृत्यु पारिवारिक उदासीनता, उनकी स्थिति के प्रति उनकी अपनी उदासीनता और पैसे की कमी जिम्मेदार है। कैंसर के लिए नारीवादी दृष्टिकोण की जरूरत पर जोर देते हुए वह कहती हैं कि हमें महिलाओं के स्वास्थ्य में कैंसर को प्राथमिकता वाले मुद्दे के रूप में देखने की जरूरत है।
कैंसर के प्रकार और जोखिम कारक
आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में 2020 में महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों में तीन कैंसर जैसे ब्रेस्ट कैंसर,सर्वाइकल कैंसर,ओवेरियन कैंसर मौत के प्रमुख कारण थे। भारतीय महिलाओं में कैंसर के लिए संक्रमण सबसे बड़ा जोखिम कारक बना हुआ है, जिसका योगदान 23 प्रतिशत है। कैंसर का खतरा बढ़ाने वाले संक्रमणों में HPV virus शामिल है, जो सर्वाइकल कैंसर का कारण बनता है।
हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमण जो लिवर कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि तम्बाकू कैंसर के लिए दूसरा महत्वपूर्ण जोखिम कारक है, जो कैंसर से होने वाली छह प्रतिशत मौतों में योगदान देता है। शराब का सेवन और मोटापा दोनों ही भारत में कैंसर से होने वाली मृत्यु दर में एक प्रतिशत का योगदान देते हैं।