सुपरहिट बॉलीवुड फिल्म ‘धूम’ के डायरेक्टर संजय गढ़वी (Sanjay Gadhvi) अब इस दुनिया में नहीं रहे। बीते 19 नवंबर की सुबह करीब 10 बजे दिल का दौरा पड़ने से डायरेक्टर ने इस दुनिया का अलविदा कह दिया। खबरों के मुताबिक, संजय गढ़वी सुबह के समय लोखंडवाला बैकरोड पर मॉर्निंग वॉक कर रहे थे, उसी दौरान उनके सीने में अचानक तेज दर्द उठने लगा। यह देख डायरेक्टर को आनन-फानन में नजदीकी अस्पताल कोकिलाबेन अंबानी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। संजय गढ़वी का निधन पूरे बॉलीवुड के लिए बड़ी क्षति है। वहीं, उनकी मौत के बाद एक बार फिर लोगों के मन में ये सवाल घर करने लगा है कि आखिर अर्ली मॉर्निंग में ही ज्यादा हार्ट अटैक क्यों आते हैं? इस लेख में हम आपको इसी सवाल का जवाब दे रहे हैं, साथ ही जानेंगे हार्ट अटैक से पहले नजर आने वाले कुछ संकेतों के बारे में और कैसे इस खतरे को कम किया जा सकता है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
मामले को लेकर फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट (दिल्ली) के डायरेक्टर प्रिंसिपल, इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी डॉ. निशिथ चंद्रा बताते हैं, सुबह सूर्योदय के बाद से ही हमारी बॉडी पूरे दिन की जाने वाली गतिविधियों की तैयारी में जुट जाती है। इस दौरान बॉडी में एड्रेनालाईन और इसी तरह के कई हार्मोन तेजी से रिलीज होते हैं। इसके अलावा कोर्टिसोल भी सुबह के समय तेजी से बढ़ता है। आपको बता दें कि कोर्टिसोल को तनाव हार्मोन के नाम से भी जाना जाता है। खासकर सुबह के समय ये हार्मोन अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच सकता है। कोर्टिसोल ना केवल खून को गाढ़ा करता है, बल्कि ये प्लेटलेट्स को अधिक चिपचिपा भी बना देता है जिससे वे एक साथ इकट्ठा होने लगती हैं।
वहीं, जब ब्लड प्लेटलेट्स चिपचिपे होते हैं और एड्रेनालाईन रिलीज बढ़ने लगता है, तब कोरोनरी धमनियों में प्लाक टूटने लगता है। सुबह के शुरुआती कुछ घंटों में, हमारा ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट बढ़ता है। सर्केडियन रिदम के रिस्पॉन्स में हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर में यह वृद्धि सुबह के दौरान कार्डियोवस्कुलर सिस्टम को काफी इरिटेट कर देती है, जिससे दिल का दौरा पड़ने के चांस बढ़ जाते हैं।
इसके अलावा डॉ. निशिथ चंद्रा बताते हैं कि बदलते मौसम के साथ, सुबह के समय परिवेश का तापमान सबसे कम होता है। ऐसे में शरीर की गर्मी को संरक्षित करने के लिए धमनियां सिकुड़ जाती हैं और इसके परिणामस्वरूप हार्ट को अधिक पंप करना पड़ता है। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, जो दिल के दौरे का कारण बनता है।
सोकर उठने पर कैसे बढ़ जाता है खतरा?
हार्ट अटैक के कई मामले सोकर उठने के तुरंत बाद या नींद में भी देखे जाते हैं। इस बारे में बात करते हुए डॉ. बताते हैं, जब आप अपनी नींद के अंतिम चरण में होते हैं, जिसे मेडिकल भाषा में आरईएम (रैपिड आई मूवमेंट स्लीप) कहा जाता है, इस दौरान हृदय गति अनियमित हो जाती है, ब्लड प्रेशर के साथ सांस लेने की दर भी बढ़ जाती है, जिसके परिणामस्वरूप प्लाक टूट सकता है।
शरीर का सर्कैडियन सिस्टम, जिसे हम बॉडी क्लॉक कहते हैं,पूरे दिन आपको जागने और थकान को नियंत्रित करने का काम करता है। यह पूरे दिन घटता और बढ़ता रहता है। इसके साथ-साथ आपके मस्तिष्क और खून की कोशिकाओं में कुछ रसायनों में भी वृद्धि और कमी होती रहती है। ऐसे में सुबह के समय खासकर 6-6:30 बजे के करीब, सर्कैडियन प्रणाली बढ़ी हुई मात्रा में PAI-1 प्रोटीन कोशिकाओं को भेजती है। वहीं, रक्त में जितनी अधिक मात्रा में PAI-1 प्रोटीन होता है, खून में थक्का बनने का जोखिम उतना ही अधिक होता चला जाता है, जिससे व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ता है।
इन तरीकों को अपनाकर टाला जा सकता है खतरा
- डॉ. निशिथ चंद्रा बताते हैं कि सुबह के समय कुछ खास बातों को ध्यान में रखकर आप हार्ट अटैक के खतरे को टाल या बेहद कम कर सकते हैं। अगर आप हाई बीपी के पेशेंट हैं, तो आपको बता दें कि सुबह के समय बीपी बढ़ने का खतरा सबसे ज्यादा होता है, ऐसे में नींद से उठते ही बीपी की जांच करें और डॉक्टर की सलाह के बाद सही दवा जरूर लें।
- हार्ट की समस्याओं वाले लोगों को अत्यधिक ठंड में बाहर नहीं निकलना चाहिए। साथ ही अगर आप एक्सरसाइज या किसी अन्य तरह की शारीरिक गतिविधि करते हैं, तो इसके लिए ऐसी जगह को चुनें जहां पर्याप्त मात्रा में धूप आप तक पहुंच सके।
- किसी भी तरह की शारीरिक गतिविधि से पहले दो से तीन गिलास पानी पीएं। साथ ही हाई इंटेंसिटी वर्कआउट से पहले हमेशा वार्मअप जरूर करें।
- अगर आप वर्कआउट नहीं करते हैं, तो दिन में कम से कम पांच मिनट का समय निकालकर वॉक पर जरूर जाएं।
इन लक्षणों को ना करें नजरअंदाज
अगर आपको अचानक सीने में दर्द का सामना करना पड़ रहा है, तो तुरंत अस्पताल की ओर रुख करें।
इसके अलावा रात को सोते समय या सुबह उठने पर अचानक सांस फूलने जैसा अहसास हो तो भी तुरंत सतर्कता बरतें।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।