विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा किए एक विश्लेषण के मुताबिक दुनिया भर में डेंगू के बढ़ते मामलों के लिए तापमान में होती वृद्धि और बारिश के तौर-तरीके में आता बदलाव जिम्मेवार है। 2000 से 2019 के बीच डेंगू के मामलों में दस गुना वृद्धि दर्ज की गई है। डब्लूएचओ द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक इस अवधि के दौरान सामने आए डेंगू के मामले 94 फीसद की वृद्धि के साथ पांच लाख से बढ़कर 52 लाख पर पहुंच गए थे।
हालांकि, साथ ही डब्लूएचओ का यह भी कहना है कि इन मामलों का असल आंकड़ा इससे कहीं अधिक हो सकता है, क्योंकि अधिकांश मामलों में संक्रमण के लक्षण सामने ही नहीं आते। वहीं, कई देशों में डेंगू से जुड़े आंकड़ों को बीमारी के रूप में दर्ज ही नहीं किया जाता।
2019 में जब केसों में उछाल आया था, तब 129 देशों में बढ़ी थी बीमारी
डब्लूएचओ के मुताबिक, वर्ष 2020 से 2022 के बीच महामारी के दौरान इसके मामलों में कमी जरूर आई, लेकिन उसके बाद इसमें तेजी से इजाफा दर्ज किया गया है। इससे पहले 2019 में जब मामलों में आखिरी बार उछाल आया था, तो यह बीमारी 129 देशों में दर्ज की गई थी। हालांकि 2023 में एक बार फिर 80 देशों में डेंगू के 50 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं। इतना ही नहीं इस साल यह बीमारी अब तक 5,000 से ज्यादा जिंदगियों को लील चुकी है।
जनवरी से दिसंबर 2023 के बीच 42 देशों में कुल 41 लाख केस मिले
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि 2023 में अमेरिकी क्षेत्र इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। एक जनवरी, 2023 से 11 दिसंबर, 2023 के बीच इस क्षेत्र के 42 देशों और क्षेत्रों में डेंगू के कुल 41 लाख संदिग्ध मामले सामने आए हैं। इनमें 6,710 गंभीर मामले भी शामिल हैं, जबकि इस दौरान डेंगू की वजह से 2,049 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है।
अमेरिका के 15 देशों में तो अभी भी इसका प्रकोप बना हुआ है। ब्राजील में इसके सबसे अधिक मामले होने की पुष्टि हुई है, इसके बाद पेरू और मैक्सिको का नंबर आता है, जहां डेंगू का प्रकोप अब भी बना हुआ है। डब्लूएचओ ने आगाह किया है कि वैश्विक स्तर पर इस साल डेंगू के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है और ऐसा उन देशों में भी हुआ है जो पहले इससे अछूते थे।
यही वजह है कि स्वास्थ्य संगठन ने इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बढ़ता खतरा बताया है। इसके मामले आमतौर पर उष्ण और उप उष्णकटिबंधीय जलवायु वाले शहरी इलाकों में देखने को मिलते थे, लेकिन अब इसके मामलों में उछाल अन्य देशों में भी देखने को मिल रहा है, जिसकी एक वजह यह है कि संक्रमित मच्छर अब उन क्षेत्रों में पनप रहे हैं, जहां बढ़ते तापमान के चलते वातावरण उनके अनुकूल हो रहा है।
आमतौर पर दक्षिण पूर्व एशिया के 11 में से दस देशों में डेंगू का खतरा बना रहता है। हालांकि कई देशों में 2023 के दौरान, पिछले वर्षों की तुलना में डेंगू के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। जहां बांग्लादेश और थाईलैंड में बड़ी संख्या में मामले दर्ज किए गए हैं। देखा जाए तो 2023 के दौरान अफ्रीकी के 47 में से 15 देशों में इसका प्रकोप दर्ज किया गया। इस दौरान 146,878 संदिग्ध मामलों और 688 मौतों के साथ बुर्किना फासो इससे सबसे ज्यादा प्रभावित रहा।
वहीं पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्र की बात करें तो वहां सबसे पहले 1998 में डेंगू के मामले सामने आए थे। तब से यह वायरस नौ देशों में फैल चुका है। इस क्षेत्र में 2023 के दौरान पाकिस्तान, सऊदी अरब और ओमान में सबसे ज्यादा मामलों की पुष्टि हुई है। भारत में भी डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं। वर्ष 2023 में भारत में डेंगू के 2.70 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में काफी अधिक है। केरल और पूर्वोत्तर राज्यों में डेंगू के मामले सबसे अधिक सामने आए हैं।