ब्रेन ट्यूमर एक ऐसी बीमारी है जिसके लक्षणों का पता तुरंत नहीं लगाया जाए तो ये बीमारी घातक साबित हो सकती है। यदि ब्रेन ट्यूमर बड़ा हो जाए तो आपके मस्तिष्क के कार्य को प्रभावित कर सकता हैं। ट्यूमर बड़ा होने पर वो आसपास के ऊतकों पर दबाव डाल सकता। ब्रेन ट्यूमर (Brain Tumor)मास्तिष्क में होने वाली गंभीर और जानलेवा बीमारी है। इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए साल 2000 में जर्मन ब्रेन ट्यूमर एसोसिएशन द्वारा इस दिन को मनाने की शुरुआत की गई थी।
यह रोग बच्चों और वयस्कों को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है। इस बीमारी के पनपने की वजह से ज्यादातर लोगों को सिर में दर्द होता है। सिर दर्द के इस लक्षण को अक्सर लोग मामूली समझकर इग्नोर कर देते हैं जो गलत है। अगर आपको लगातार सिर दर्द की परेशानी रहती है तो आप तुरंत डॉक्टर से उसकी जांच कराएं। आइए जानते हैं कि ब्रेन ट्यूमर क्या है और इस बीमारी के वॉर्निंग साइन कौन-कौन से हैं।
ब्रेन ट्यूमर क्या है?
ब्रेन ट्यूमर एक ऐसा डिसऑर्डर है, जिसमें ब्रेन सेल्स असामान्य रूप से बढ़ने लगते हैं। ये ट्यूमर आपकी झिल्ली, क्रेनियल नसों या फिर पिट्यूटरी ग्लैंड कहीं भी पैदा हो सकता है। इस बीमारी का समय रहते पता लग जाए तो तो यह जानलेवा साबित नहीं हो सकती। तो आइए जानते हैं ब्रेन ट्यूमर के वॉर्निंग साइन क्या हैं।
ब्रेन ट्यूमटर के वार्निंग साइन
- सिर दर्द जो धीरे-धीरे लगातार और अधिक गंभीर हो सकता है।
- मतली या उल्टी होना
- आंखों की रोशनी कम होना
- हाथ-पैरों में अक्सर सनसनी पैदा होना
- बोलने में परेशानी होना और अक्सर थकावट होना
- मांसपेशियों में संकुचन
- सुनने में परेशानी होना
- सोचने, बोलने और भाषा को समझने में कठिनाई होना
- शरीर के एक हिस्से में कमजोरी आना
- भ्रम और भटकाव की स्थिति पैदा होना।
किन कारणों से हो सकता है ब्रेन ट्यूमर:
ब्रेन ट्यूमर एक ऐसी परेशानी है जिसमें फैमिली हिस्ट्री बेहद मायने रखती है। ये परेशानी रेडिएशन के संपर्क में आने से हो सकती है। बढ़ती उम्र में इस बीमारी के होने की संभावना ज्यादा होती है। ब्रेन में ट्यूमर डराने वाला और तनाव देने वाला हो सकता है। शुरुआत में अगर बीमारी का इलाज कर लिया जाए, तो पूरी तरह से ठीक होने की संभावना ज्यादा रहती है।