Tips for Arthritis Patients: गठिया रोग बुजुर्गों के साथ युवाओं में भी बढ़ रहा है। एक अध्ययन के अनुसार देश की करीब 15 प्रतिशत आबादी इस बीमारी से जूझ रही है। बदलते परिवेश में 25-30 साल के युवा भी गठिया के एक प्रकार रुमेटॉयड अर्थराइटिस से पीड़ित नजर आते हैं। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में इस बीमारी के होने के पीछे कई कारण हैं। इनमें शारीरिक असक्रियता, अनहेल्दी खानपान, जंक फूड की अधिकता, शरीर में विटामिन डी की कमी, धूम्रपान व शराब का अत्यधिक सेवन मुख्य तौर पर जिम्मेदार हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस गंभीर बीमारी से बचाव के लिए डाइट में किन खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए और किनसे बना लेनी चाहिए दूरी-
प्रोटीन युक्त आहार: गठिया के मरीजों को अपनी डाइट में प्रोटीन युक्त भोजन को विशेष अहमियत देना चाहिए। सोया बड़ी, पनीर, टोफू, अंडा जैसे खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करें। इसके अलावा, मरीजों के लिए मशरूम, ब्राउन राइस, ओट्स, गेहूं के अंकूर, अजवायन और लहसुन खाना भी फायदेमंद होगा।
इन फल-सब्जियों का करें सेवन: अर्थराइटिस में मरीजों को सेब, केला, ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी, तरबूज जैसे फलों को खाने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, अंगूर, पपीता, आम, आंवला, आलू बुखारा, अनानास और अनार जैसे फल भी गठिया के मरीजों के लिए फायदेमंद होते हैं। वहीं, सब्जियों में सेम, बीन्स, बथुआ, मेथी और सरसों का साग खाना मरीजों के लिए लाभदायक हो सकता है। इसके अलावा, पत्ता गोभी, परवल, गाजर, सहजन, लौकी और तुरई का इस्तेमाल करनी की सलाह भी मरीजों को दी जाती है।
डेयरी प्रोडक्ट्स हैं जरूरी: गठिया के मरीजों के शरीर में कैल्शियम की ज्यादा जरूरत होती है, ऐसे में दूध व इससे बने उत्पादों का सेवन इनके लिए लाभदायक हो सकता है। दूध, दही, पनीर में कैल्शियम की मात्रा भरपूर होती है, हालांकि गठिया के मरीजों को डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।
इनसे करें परहेज: अर्थराइटिस के कारण होने वाला दर्द कई बार असहनीय हो जाता है। ऐसे में जरूरी है कि लोग अपना ख्याल रखें और उन चीजों से दूरी बना लें जिसके सेवन से नुकसान हो सकता है। मरीजों के लिए चीनी का अधिक सेवन खतरनाक साबित हो सकता है। इससे वजन बढता है और घुटनों में दर्द पैदा होता है। इसके अलावा, कैफीन का अधिक इस्तेमाल शरीर को डीहाइड्रेट करता है जिससे अर्थराइटिस का दर्द बढ़ने का खतरा होता है। वहीं, गठिया के मरीजों को रेड मीट खाने से भी बचना चाहिए। रेड मीट में फॉस्फोरस अधिक होता है जो मरीजों के लिए नुकसानदायक हो सकता है।