Diwali 2019 health tips: 27 अक्टूबर को देशभर में दिवाली सेलिब्रेट किया जाएगा। इस मौके पर लोग खूब सारे पटाखे जलाते हैं। इस वजह से वायु और ध्वनि प्रदूषण होती है। इस दिवाली पटाखे के प्रदूषण से बचने की कोशिश करें। जब ये पटाखे फट जाते हैं, तो हवा आंशिक रूप से कम वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों के साथ चार्ज हो जाती है, जो कई दिनों तक वायुमंडल में निलंबित रहती हैं। यह ना केवल अस्थमा के रोगियों के लिए घातक है, बल्कि और भी कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनती है। इस दिवाली प्रदूषण से बचने के लिए घरेलू उपचार आपकी मदद कर सकते हैं। ये उपचार आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं।
नीम: नीम एक हर्बल उपचार है, जो प्रदूषक को अवशोषित करता है और इसके प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है। पानी में उबले हुए नीम के पत्तों से त्वचा और बालों को धोना चाहिए। यह त्वचा और म्यूकोसल मेम्ब्रेन से चिपके प्रदूषकों को साफ करता है।
तुलसी: प्रदूषण को अवशोषित करने के लिए हर घर में तुलसी लगाई जानी चाहिए। इसके अलावा, लोगों को 10-15 मिली लीटर तुलसी का रस पीना चाहिए क्योंकि यह श्वसन तंत्र से स्पष्ट प्रदूषकों को बाहर निकालने में मदद करता है।
हल्दी: हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण होता है जो स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है। इसलिए इस दिवाली हल्दी को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। आधा चम्मच हल्दी पाउडर में 1 चम्मच घी या शहद मिलाएं और सुबह खाली पेट लें। इससे आप प्रदूषण के साइड इफेक्ट से बचेंगे।
घी: प्रदूषक से दूर रहने के लिए प्रत्येक दिन सुबह और रात को सोते समय गाय के घी की 2 बूंद अपने नाक में डाल सकते हैं। यह लीड और मर्करी जैसे धातुओं के विषाक्त प्रभाव को कम करने के लिए बहुत उपयोगी है और उन्हें हड्डियों, किडनी और लीवर में जमा नहीं होने देता है।
त्रिफला: प्रदूषण त्रिदोष में असंतुलन का कारण बनता है और त्रिफला उसी को बहाल करने में मदद करता है, इस प्रकार, प्रतिरक्षा को मजबूत करता है। रात को 1 चम्मच त्रिफला शहद के साथ त्रिफला खाना फायदेमंद होता है।
अनार का जूस: अनार का जूस पिएं क्योंकि यह रक्त को शुद्ध करने के लिए जाना जाता है और यह एक शानदार कार्डियो सुरक्षात्मक फल भी है।
