प्यार जिंदगी की जरूरत है और रूह की गिज़ा है जिसके जिंदगी में आने से वीरान दुनिया में अचानक से रौनकों की महफिल सज जाती है। प्यार में न उम्र का फासला होता है और ना ही दूरी मायने रखती है। जब बात प्यार की होती है तो लोग अक्सर उम्र को नज़रअंदाज़ कर देते हैं, क्योंकि यह कहा जाता है कि प्रेम की कोई सीमा या उम्र नहीं होती।
भारतीय समाज में प्यार में प्रेमी और प्रेमिका की उम्र मायने नहीं रखती, लेकिन शादी के मामले में लड़का लड़की की उम्र का गैप बहुत ज्यादा मायने रखता है। अरेंज मैरिज में अक्सर परिवार के लोग शादी से पहले लड़का लड़की की उम्र के बारे में जानकारी लेते हैं। शादी के लिए लड़का बड़ा तो लड़की की उम्र छोटी हो उस पर जोर दिया जाता है। अब सवाल ये उठता है कि आखिर लड़का लड़की के बीच उम्र का फासला होना क्यों जरूरी है। क्या लड़का लड़की की उम्र के बीच गैप होने का कोई साइंटिफिक रीजन हैं आइए जानते हैं।
पति और पत्नी के बीच उम्र का अंतर कितना होना चाहिए?
भारतीय समाज में शादी के लिए लड़के की उम्र बड़ी और लड़की की उम्र छोटी होने पर तर्जी दी जाती है इसके सामाजिक और साइंटिफिक दोनों कारण है। भारतीय समाज में अरेंज मैरिज में आमतौर पर पति और पत्नी के बीच 3 से 5 साल की उम्र का अंतर आदर्श है, जिसमें पति की उम्र पत्नी से अधिक होनी चाहिए। अरेंज मैरिज में उम्र के अंतर पर काफी जोर दिया जाता है। सामाजिक तौर पर लड़का बड़ा होगा तो वो पत्नी और परिवार को बेहतर संभाल सकता है। यह सोच परंपराओं और सामाजिक अपेक्षाओं पर आधारित है।
पति और पत्नी के बीच उम्र के अंतर का साइंटिफिक कारण
पति पत्नी की उम्र के फासले पर विज्ञान भी अपनी राय रखता है। विज्ञान के मुताबिक विवाह के लिए शारीरिक और मानसिक मैच्योरिटी होना बेहद जरूरी है। वैज्ञानिक रूप से यह देखा गया है कि लड़कियां लड़कों की तुलना में जल्दी मैच्योर हो जाती है। लड़कियों में हार्मोनल बदलाव 7 से 13 साल की उम्र में होना शुरु हो जाते हैं जबकि लड़कों में ये बदलाव 9 साल से 15 साल की उम्र के बीच होता है। मेडिकल साइंस के मुताबिक महिलाओं की बॉडी में मानसिक और शारीरिक बदलाव ज्यादा जल्दी देखने को मिलते हैं जबकि पुरुषों में ये बदलाव बाद में होते हैं। विज्ञान इस बात का समर्थन करता है कि शादी में उम्र का अंतर केवल एक सामाजिक मुद्दा नहीं, बल्कि मानसिक और शारीरिक विकास के अंतर से भी जुड़ा हो सकता है।
शादी की सही उम्र क्या है?
भारत में शादी की न्यूनतम उम्र लड़कियों के लिए 18 साल और लड़कों के लिए 21 साल है। पति और पत्नी के बीच 3 साल का उम्र का अंतर उपयुक्त माना जाता है। उम्र का ये गैप वैज्ञानिक दृष्टिकोण मुख्य रूप से शारीरिक परिपक्वता पर आधारित है। विवाह केवल शारीरिक विकास पर निर्भर नहीं करता बल्कि उसके लिए भावनात्मक और बौद्धिक मैच्योरिटी भी मायने रखती है। साइंस के मुताबिक उम्र का गैप इस बात पर निर्भर करता है कि दोनों साथी शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से कितने परिपक्व हैं।
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