पीरियड महिलाओं में हर महीने होने वाला नेचुरल प्रोसेस है जो हर महिला को होता है। ये साइकिल 11 साल की उम्र से लड़कियों में शुरु होता है और लगभग 50 साल की उम्र में खत्म होता है जिसे मेनोपॉज कहा जाता है। मेंस्ट्रुअल साइकिल का समय हर महिला का अलग-अलग होता है। एक महिला में पीरियड साइकिल का औसत समय 24 से 28 दिनों के आसपास होता है। पीरियड साइकिल का समय घटता और बढ़ता रहता है। 30 साल की उम्र में महिलाओं में पीरियड साइकिल छोटा होने लगता है जिसे शॉर्ट पीरियड साइकिल कहा जाता है।
नानावती मैक्स हॉस्पिटल मुंबई में सीनियर कंसल्टेंट गायनोकॉलोजिस्ट डॉक्टर गायत्री देशपांडे ने बताया अगर किसी महिला को पीरियड 15 या 20 दिन में आते हैं तो उसे शॉर्ट पीरियड साइकिल कहा जाता है, जिसका मतलब है पीरियड का छोटा होना। शॉर्ट पीरियड होने के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि 30 साल की उम्र में पीरियड साइकिल क्यों छोटा होने लगता है।
पीरियड साइकिल क्यों छोटा होता है?
पहले ओवरी में अंडा तैयार होता है उसके बाद में प्रोजेस्ट्रॉन हॉर्मोन की मदद से अंडाशय और गर्भाशय में लाइनिंग तैयार होती है। अगर ये परत जल्दी तैयार हो जाती है और बीच में ब्लीडिंग हो जाती है तो पीरियड 15 दिनों में आ जाता है। इस शॉर्ट साइकिल में महिलाओं को कभी-कभी ब्लीडिंग ज्यादा होती है। कभी-कभी खून के थक्के बनने लगते हैं। अगर आपको पीरियड बार-बार इसी तरह आ रहा है तो आप तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
30 साल में पीरियड साइकिल छोटा होने के कारण
जैसे-जैसे महिलाएं 30 साल की होती हैं उनके पीरियड बदलते रहते हैं। हालांकि कुछ महिलाओं में ये साइकिल नॉर्मल भी रहता है और कुछ में ये बदलने लगता है। उम्र बढ़ने पर पीरियड साइकिल में बदलाव के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं जैसे हार्मोनल परिवर्तन होना। हार्मोन में उतार-चढ़ाव आपके पीरियड साइकिल में बदलाव कर सकता है। दूसरे तनाव, खराब नींद या अनहेल्दी लाइफस्टाइल भी हार्मोनल संतुलन को डिस्टर्ब कर सकता है।
30 साल की उम्र के बाद महिलाओं की प्रजनन क्षमता कम होने लगती है। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे कम गुणवत्ता वाले कम एग बनने हैं। इससे इर्रेगुलर पीरियड्स साइकिल हो सकता है, पीरियड साइकिल छोटा हो सकता है और पीरियड के दौरान हैवी ब्लीडिंग हो सकती है।
जब महिलाएं 30 की उम्र तक पहुंचती हैं या पेरिमेनोपॉज में प्रवेश करती हैं तो हार्मोन में बदलाव को छोटी या अनियमित अवधि के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। इसके अलावा पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, थायरॉयड विकार या गर्भाशय फाइब्रॉएड जैसी मेडिकल कंडीशन भी पीरियड साइकिल को प्रभावित कर सकती है।
पीरियड्स में सिर्फ 2 दिन ब्लीडिंग होना कितना सही? नॉर्मल पीरियड में कितने दिनों की होगी यह अवधि। पीरियड से जुड़ी सारी जानकारी हासिल करने के लिए लिंक पर क्लिक करें।