घुटने में गठिया, इस समस्या को मेडिकल टर्म में ऑस्टियोअर्थराइटिस कहा जाता है। यह समस्या सबसे ज्यादा उम्रदराज लोगों को परेशान करती है। घुटने में गठिया होने के कई कारण है, जिसमें मुख्यत: घुटने की हड्डी में लिंगामेंट की कमी, हड्डी की घिसाई शामिल है। आमतौर पर इस समस्या का शिकार 50 या फिर उससे अधिक उम्र के लोग होते हैं। जो लोग मोटापे का शिकार हैं, उन्हें ऑस्टियोअर्थराइटिस होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
जाने मानें कंसलटेंट फिजिशियन डॉक्टर अमरेंद्र झा ने हाल ही में घुटने की गठिया को लेकर को लेकर विस्तार से चर्चा की है। अपने वीडियो में उन्होंने इसके लक्षण और दर्द से छुटकारा पाने के उपाय भी बताए हैं।
घुटने में गठिया के लक्षण: एक्सपर्ट के मुताबिक ऑस्टियोअर्थराइटिस से पीड़ित लोगों को घुटने में दर्द, सूजन, घुटने लाल होना और हड्डी से कट-कट की आवाज आने जैसी समस्याएं होती हैं। इन लक्षणों के जरिए घुटनों की गठिया का पता चलता है।
जांच का तरीका: आप घुटनों की गठिया से पीड़ित हैं या नहीं, इस बात का पता लगाने के लिए डॉक्टर सबसे पहले एक्स-रे कराने की सलाह देते हैं।
घुटनों की गठिया के लिए इलाज:
फिजियोथेरेपी: ऑस्टियोअर्थराइटिस में सबसे कारगर फिजियोथेरेपी है। इसके जरिए मांसपेशियों को राहत मिलती है और दर्द से छुटकारा भी मिल सकता है। इसके अलावा एक्सरसाइज करना भी फायदेमंद साबित होता है।
दवाइयां: डॉक्टर अमरेंद्र झा के मुताबिक दवाइयों के जरिए भी गठिया के कारण होने वाले दर्द से निजात पाया जा सकता है। ज्यादातर डॉक्टर गठिया के मरीजों को बुफ्रेन, पेरासिटामोल या फिर बोबिरान आदि दवाइयां लेने की सलाह देते हैं। अगर यह दवाइयां मरीज पर काम नहीं कर रही हैं तो फिर ओपियॉइड दवाइयां इस्तेमाल करते हैं। हालांकि इन दवाइयों का इस्तेमाल ज्यादा समय तक नहीं किया जाता है।
जॉइंट रिप्लेसमेंट: अगर दवाइयों और फिजियोथेरेपी के जरिए मरीज को आराम नहीं मिल रहा है तो एक आखिरी उपाय बचता है, वह है जॉइंट रिप्लेसमेंट का।
इसके अलावा विटामिन डी भी गठिया के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद होता है, यह जोड़ों की हड्डियों को मजबूत करता है। फिश और सूरज की रोशनी में विटामिन डी की भरपूर मात्रा पाई जाती है। गठिया के मरीजों को कैल्शियम युक्त चीजों का भी सेवन कर सकते हैं।