दुनिया भर में जहां के बार फिर कोविड -19 मामलों में उछाल देखने को मिला हैं। वहीं मंगलवार को चीन की नेशनल हेल्थ कमीशन ने चार साल के लड़के को एक नए वायरस के लिए पॉजिटिव घोषित किया है। उसे पहले बुखार और कुछ अन्य लक्षणों की वजह से अस्पताल में भर्ती किया गया था।
आपको बता दें कि कोरोना के बाद से चीन में कई नए वायरस फैलने के मामले सामने आ चुके हैं। इस मामले ने दुनियाभर में स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंताएं बढ़ा दी है। चीन के मध्य प्रांत हेनान ने बर्ड फ्लू के H3N8 स्ट्रेन के पहले मानव संक्रमण के बारे में जानकारी दी है।
हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि यह मनुष्यों के बीच उतनी तेजी से नहीं फैलेगा, जैसा कि कोरोना को लेकर हुआ था। चीनी अधिकारियों के अनुसार, H3N8 घोड़ों और कुत्तों में आम है और यहां तक कि सील में भी पाया गया है। दुनिया में कहीं और इस वायरस से संबंधित मामले अब तक नहीं पाए गए हैं। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कहा है कि यह वैरिएंट चार साल के एक लड़के में पाया गया जिसमें बुखार और अन्य लक्षण दिखाई दिए थे।
रिपोर्ट के मुताबिक लड़के के परिवार में चिकन फ़ार्मिंग होती थी, इसके अलावा इस क्षेत्र में बतख आदि ज्यादा रहती थी। लड़का पक्षियों के डायरेक्ट कॉन्टैक्ट में आने से संक्रमित हुआ है और स्ट्रेन में मानव को इंफेक्ट करने की क्षमता नहीं देखने को मिली है।
H3N8 बर्ड फ्लू क्या है?
H3N8 एक प्रकार का कैनाइन इन्फ्लूएंजा है, जिसे डॉग फ्लू भी कहा जाता है। अमेरिका स्थित सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल (सीडीसी) के अनुसार, कैनाइन इन्फ्लूएंजा ए (एच 3 एन 2) वायरस मौसमी इन्फ्लूएंजा ए (एच 3 एन 2) वायरस से अलग होते हैं जो हर साल लोगों में फैलते हैं।
CDC के एक रिपोर्ट के अनुसार पहले H3N8 वायरस घोड़ों में पैदा हुए और फिर कुत्तों में फैल गए। “H3N8 इक्वाइन इन्फ्लूएंजा (हॉर्स फ्लू) वायरस 40 से अधिक वर्षों से घोड़ों में मौजूद होने के लिए जाना जाता है।” वैज्ञानिकों के अनुसार वायरस अपने जीवन को बचाने के लिए घोड़े से कुत्ते में खुद को सुरक्षित कर लिया। जिसके बाद इस वायरस की वजह से कुत्तों में बीमारी का कारण बन गया। खासकर यह उन कुत्तों में अधिक फैला जो पालतू थे। इस बीच, कैनाइन इन्फ्लूएंजा H3N2 वायरस पक्षियों में उत्पन्न हुआ, जो आगे चलकर कुत्तों के बीच फैल सकता है।
H3N8 का मामला पहली बार कब पता चला था?
H3N8 से कैनाइन इन्फ्लूएंजा के पहले मामले 2004 में रिपोर्ट किए गए थे क्योंकि यह संयुक्त राज्य अमेरिका में ग्रेहाउंड में उभरा था। चीन में H3N8 एवियन फ्लू को लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि इसके फैलने का रिस्क काफी कम है। यह वायरस नॉर्थ अमेरिकन वॉटर फॉल में 2002 से फैल रहा है। यह घोड़ों, कुत्तों और सील में फैल रहा है लेकिन यह मनुष्यों में देखने को नहीं मिला था।
क्या H3N8 वायरस मनुष्यों की बीच फैला हुआ है?
अब तक, जानवरों के जरिए मनुष्यों में वायरस के फैलने की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। एनएचसी के मुताबिक इस वायरस द्वारा लार्ज स्केल ट्रांसमिशन होना मुश्किल है। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार मरी हुई और बीमार बत्तखों या पक्षियों से दूर रहें और किसी भी तरह के रेस्पिरेटरी लक्षण देखने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
वहीं इससे पहले एवियन इन्फ्लूएंजा अधिकतर वाइल्ड बर्ड्स और पोल्ट्री में देखने को मिलता है, इसलिए मनुष्यों के बीच इसका फैलना बहुत ही मुश्किल है। एवियन इन्फ्लूएंजा के केस 1997 और 2013 में H5N1 और H7N9 स्ट्रेन के केस देखने को मिले थे और आम तौर पर मनुष्यों में होने वाले इंफेक्शन का कारण भी यही होते हैं। लेकिन अभी राहत की बात यह है कि यह वायरस मनुष्यों के बीच मानव से मानव में डायरेक्ट तरह से ट्रांसमिट नहीं हो सकता है।
स्वास्थ्य आयोग के मुताबिक प्रारंभिक अध्ययन के जरिए पता चला है कि अभी तक इस वायरस की क्षमता मनुष्यों को प्रभावी ढंग से संक्रमित करने की नहीं है, और बड़े पैमाने पर महामारी का फैलने की जोखिम कम है।