मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जिसे अब सभी जानते हैं। हर 10 में से 4 लोगों को डायबिटीज की समस्या है। बहुत कम परिवार ऐसे होते हैं जहां यह रोग किसी को नहीं हुआ है। भारत में मधुमेह रोगियों की संख्या बहुत अधिक है। इनमें टाइप-1 और डायबिटीज टाइप-2 के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यह अफ़सोस की बात है कि भारत को दुनिया की मधुमेह राजधानी के रूप में जाना जाता है।
मधुमेह क्या है?
मधुमेह एक ऐसी समस्या है जिसमें ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित नहीं रहता है। अब आपके मन में यह सवाल हो सकता है कि अचानक से शुगर नियंत्रण से बाहर कैसे हो जाती है? इससे पहले शुगर कैसे कंट्रोल होता था? आइए जानते हैं इन दोनों सवालों के जवाब..!
हमारे शरीर में अग्न्याशय नामक ग्रंथि होती है। इससे इन्सुलिन नाम का हॉर्मोन बनता है। यह इंसुलिन हमारे शरीर में खून में बनने वाले ग्लूकोज या शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने का काम करता है। लेकिन शारीरिक परिवर्तनों के साथ, अग्न्याशय इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर सकता है और ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ जाता है। आखिर में व्यक्ति मधुमेह का शिकार हो जाता है।
मधुमेह शरीर को कैसे प्रभावित करता है?
रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने से रक्त में मौजूद तत्वों का संतुलन गड़बड़ा जाता है। चूंकि रक्त में श्वेत रक्त कोशिकाएं (WBC) और लाल रक्त कोशिकाएं (RBC) होती हैं। इनके साथ प्लाज्मा भी होता है। रक्त के साथ-साथ ऑक्सीजन भी शरीर में प्रवाहित होती है। लेकिन जब रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है तो लाल रक्त कोशिकाएं जो घाव को जल्दी भरने का काम करती हैं। ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने के कारण वे अपना काम ठीक से नहीं कर पाते हैं। हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली प्रदान करने वाली श्वेत रक्त कोशिकाएं भी हाइपरग्लेसेमिया से प्रभावित होती हैं। इससे मधुमेह के साथ-साथ अन्य बीमारियां और बीमारियां पूरे शरीर में फैलने लगती हैं।
तुलसी के पत्ते का सेवन
पारंपरिक चिकित्सा के कुछ चिकित्सक आमतौर पर ब्लड शुगर के स्तर को कम करने के लिए तुलसी के पत्तों को चबाने की सलाह देते हैं। साल 2019 में चूहों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि तुलसी के पत्ते के अर्क में ब्लड शुगर के स्तर को कम करने की क्षमता होती है। परिणामों से यह भी पता चला कि तुलसी के पत्ते उच्च ब्लड शुगर के दीर्घकालिक प्रभावों का इलाज करने में भी मदद कर सकते हैं।
जैतून के पत्ते मधुमेह को करे कंट्रोल
जैतून या जैतून के पत्ते चबाने से टाइप 2 मधुमेह का खतरा कम हो जाता है। साल 2013 के एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 46 मध्यम आयु वर्ग के पुरुषों को जैतून के पत्तों का सेवन करने के लिए कहा था। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों ने जैतून के पत्ते खाए, उनमें 12 सप्ताह के बाद इंसुलिन प्रतिरोध में काफी सुधार देखने को मिला था।
मीठी तुलसी का करें सेवन
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (AHA) और अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन (ADA) के अनुसार, स्टेविया मधुमेह वाले लोगों के लिए एक फायदेमंद जड़ी बूटी है। साल 2018 के एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि मीठी तुलसी खाने वाले रोगियों में एक से दो घंटे के भीतर ब्लड शुगर का स्तर कम होने लगा।