उम्र बढ़ने के साथ-साथ हमारी बॉडी में कई तरह के बदलाव आने लगते हैं। ये बदलाव शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत को प्रभावित करते हैं। उम्र बढ़ने पर आंखों की रोशनी कम होने लगती है, डायबिटीज, बीपी, जोड़ों में दर्द और हार्ट से जुड़ी बीमारियां परेशान करती हैं, उसी तरह हमारी मानसिक स्थिति में भी कई तरह के बदलाव आते हैं। खराब डाइट, बिगड़ता लाइफस्टाइल, तनाव, बॉडी एक्टिविटी में कमी,धूम्रपान और शराब का सेवन करने से ब्रेन तेजी से बूढ़ा होने लगता है। मस्तिष्क की कार्यक्षमता के धीरे-धीरे कम होने को ही ब्रेन एजिंग कहा जाता है।
ब्रेन एजिंग के लक्षण
- 40 साल से 50 साल की उम्र के बाद हमारी याददाश्त पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ मस्तिष्क की कोशिकाएं धीरे-धीरे मरने लगती हैं और ब्रेन एजिंग के लक्षण दिखने लगते हैं। ब्रेन एजिंग के लक्षणों की बात करें तो
- उम्र बढ़ने के साथ-साथ याददाश्त कमजोर होना,
- नई जानकारी को याद रखना मुश्किल होना
- ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होना
- तुरंत प्रतिक्रिया देना मुश्किल होना
- सीखने की क्षमता भी प्रभावित होना ब्रेन एजिंग के लक्षण हैं।
हार्वर्ड के शोधकर्ताओं ने बताया ब्रेन एजिंग का इलाज
हार्वर्ड के शोधकर्ताओं में ब्रेन एजिंग से निपटने के लिए मेडिटेशन को असरदार बताया है। अध्ययन में पाया गया कि ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु द्वारा विकसित सम्यम साधना (Samyama Sadhana) मेडिटेशन प्रेक्टिस ब्रेन एजिंग प्रक्रिया को रिवर्स कर सकती है। शोधकर्ताओं ने सम्यम साधना तकनीक का अभ्यास कर रहे लोगों पर ये रिसर्च की है। शोधकर्ताओं ने पाया जिन लोगों ने ये मेडिटेशन किया उनके ब्रेन की उम्र उनकी उम्र से औसतन 5.9 वर्ष कम पाई गई। कुछ मामलों में ये अंतर और भी ज्यादा कम था जिसमें लोगों के मस्तिष्क की उम्र उनकी औसत उम्र से दस साल छोटी पाई गई है।
सदगुरु की सम्यम साधना तकनीक क्या है जो ब्रेन एजिंग को करती है रिवर्स
सम्यम एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है नियंत्रण, योगशास्त्र में इस शब्द का मतलब धारण, ध्यान और समाधि से है। ये तकनीक सदगुरु द्वारा विकसित की गई है,जो ईशा फाउंडेशन के प्रमुख योग कार्यक्रमों में से एक है। इस साधना की मदद से ध्यान केंद्रित होता है और मानसिक एकाग्रता में बढ़ोतरी होती है। इस साधना में साधकों को कठोर नियमों का पालन करना होता है।
इस साधना को करने से मानसिक स्पष्टता और एकाग्रता में बढ़ोतरी होती है। आंतरिक शांति और स्थिरता का अनुभव होता है। इस साधना को अगर 40 साल की उम्र के लोग करें तो मन और मस्तिष्क हल्का महसूस करेंगें। इसे करने से एनर्जी बूस्ट होती है। वैज्ञानिक अध्ययन के मुताबिक ये साधना ब्रेन की उम्र को वास्तविक उम्र से लगभग 5.9 वर्ष तक कम कर देती है। इस साधना में डाइट कंट्रोल,योगासन, प्राणायाम और ध्यान केंद्रित करना सिखाया जाता है।
हार्वर्ड के डॉक्टरों बताया शारीरिक और मानसिक सेहत को दुरुस्त रखने के लिए ध्यान करना बेहद जरूरी है। ध्यान करने से न केवल मानसिक स्पष्टता और भावनात्मक संतुलन आता है, बल्कि यह मस्तिष्क को सक्रिय और युवा बनाए रखने में भी मदद कर सकता है।
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