पपीता एक ऐसा फल है जो लगभग पूरे साल मिलता है और इसके दाम भी बेहद कम होते हैं। ये फल खाने में मजेदार, मीठा और रसीला होता है। अक्सर इस फल का सेवन हम लोग सुबह नाश्ते में करते हैं। पपीता पोषक तत्वों का पावर हाउस है। इसमें मौजूद पोषक तत्वों की बात करें तो 100 ग्राम पके पपीते में लगभग 43 कैलोरी होती है जो काफी कम है। इस फल में लगभग 88 प्रतिशत पानी होता है, जो शरीर को हाइड्रेट रखता है। पपीते में मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और कब्ज या गैस जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। इसमें विटामिन A की भरपूर मात्रा होती है, जो आंखों की रोशनी और त्वचा की सेहत के लिए जरूरी है। इसमें विटामिन C भी भरपूर होता है जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है और संक्रमणों से बचाव करता है।
इसके अलावा पपीते में विटामिन E और K, फोलेट, पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स भी पाए जाते हैं, जो शरीर के सामान्य कार्यों को सुचारु रखते हैं। हेल्थलाइन के मुताबिक पपीते में मौजूद बीटा-कैरोटीन और लाइकोपीन जैसे एंटीऑक्सीडेंट भी मौजूद होते हैं जो दिल,स्किन और लिवर की सेहत को दुरुस्त करते हैं। इसका सेवन करने से बॉडी से टॉक्सिन निकलते हैं। नियमित रूप से पपीता खाने से पाचन सुधरता है, ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है, स्किन पर नैचुरल ग्लो आता है। आइए जानते हैं कि पपीता का सेवन करने से सेहत पर कैसा होता है असर।
पपीता पाचन को बनाता है सहज
पपीता में पपेन (Papain) नामक नेचुरल एंज़ाइम मौजूद होता है जो पाचन को दुरुस्त रखने में मदद करता है। यह प्रोटीन को तोड़ता है, सख्त भोजन को मुलायम बनाता है और भारी भोजन के बाद पेट पर दबाव कम करता है। यही वजह है कि अक्सर मांस को सॉफ्ट करने के लिए लोग कच्चा पपीता इस्तेमाल करते हैं। कई रिसर्च में ये बात सााबित हो चुकी है कि पपीता का सेवन करने से पेट की गैस, कब्ज़ और हार्टबर्न जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।
मेटाबॉलिज्म को फिर से करता है एक्टिव
जब पाचन में सुधार होता है तो मेटाबॉलिज्म अपने आप बेहतर होने लगता है। पपीता का सेवन करने से इसमें मौजूद विटामिन B-कॉम्प्लेक्स मेटाबॉलिक सिस्टम को सुचारु करता है। पपीते में पानी और फाइबर अधिक होता है, यह पेट को भरता है लेकिन पेट को भारी नहीं करता। रोज पपीता खाने से आंतों में जमा गंदगी बाहर निकलती है और पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर होता है।
पेट की गर्मी को करता है कंट्रोल
पपीत में मौजूद पिग्मेंट्स खासकर बीटा-कैरोटीन (β-carotene) और लाइकोपीन (Lycopene) सिर्फ पपीता को रंग नहीं देते, बल्कि शरीर इन्हें बेहद अच्छी तरह अवशोषित करता है। एक अध्ययन में पाया गया कि पपीते से मिलने वाला बीटा-कैरोटीन गाजर या टमाटर की तुलना में लगभग 3 गुना अधिक शरीर में अवशोषित होता है, जबकि लाइकोपीन 2.6 गुना ज्यादा। इसके साथ इसमें मौजूद विटामिन C इम्यून सिस्टम, कोलेजन निर्माण और सूजन से बचाव करने में मदद करता है।
ब्लड शुगर रहता है कंट्रोल
अपने मीठे स्वाद के बावजूद, पपीते का ग्लाइसेमिक इंडेक्स लगभग 60 होता है, यानी इसका सेवन करने से ब्लड में शुगर का स्तर नहीं बढ़ता। इसमें मौजूद फाइबर शुगर के अवशोषण को धीमा करता है। डायबिटीज मरीजों के लिए एक कटोरी पका हुआ पपीता का सेवन हेल्दी स्नैक का बेहतर विकल्प है। ये फल फाइबर गट बैक्टीरिया को पोषण देता है, जिससे समय के साथ इंसुलिन सेंसिटिविटी बेहतर होती है।
लिवर और त्वचा को शांति देता है
पपीते में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स, कोलीन और विटामिन E लिवर की डिटॉक्स प्रक्रिया में मदद करते हैं। जब लिवर साफ रहता है, तो चेहरे पर भी चमक दिखाई देती है। पपीते के एंज़ाइम स्किन को एक्सफोलिएट कर सकते हैं, लेकिन जब आप इसे खाते हैं, तो यह कोलेजन को फ्री-रैडिकल डैमेज से बचाता है। नियमित रूप से पपीता खाने से स्किन मुलायम, हाइड्रेटेड और ग्लो करती है।
पपीता का सेवन कैसे करें
रोज़ाना मध्यम आकार के आधे पपीते का सेवन पर्याप्त है। पपीता खाने का सबसे अच्छा समय सुबह खाली पेट है। सुबह के समय पेट और पाचन दोनों जाग रहे होते हैं। अगर सादा पपीता फीका लगता है, तो उसे थोड़ा ट्विस्ट दें। पपीता में नींबू निचोड़ें, काला नमक छिड़कें या दही और ओट्स के साथ मिलाकर खाएं। पपीता का सेवन पुदीना, अदरक या शहद के साथ भी बहुत अच्छा लगता है
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