मीठा खाने की क्रेविंग हर किसी को परेशान करती है। हम दिन भर में कॉफी, चाय, शरबत, मिठाईयों ,दूध और हलवे में मीठे का सेवन करते हैं। इन सब फूड में रिफाइंड शुगर मौजूद होती है, लेकिन आप जानते हैं कि रिफाइंड शुगर का सेवन सेहत के लिए ज़हर है। रिफाइंड शुगर न सिर्फ डायबिटीज का कारण बनती है बल्कि मोटापा भी बढ़ाती है। अक्सर हम लोग मीठा खाने से परहेज करने की कोशिश करते हैं लेकिन जैसे ही आंखों के सामने केक, पेस्ट्री और मीठे ड्रिंक आते हैं आप खुद पर संयम नहीं रख पाते हैं। हमारे पसंदीदा इन ड्रिंक और फूड में भरपूर चीनी होती है जो सेहत के लिए खतरनाक है।
चीनी में सुक्रोज (sucrose) मौजूद होता है, सुक्रोज ऐसी शुगर है जिसमें ग्लूकोज और फ्रुक्टोज नामक दो तरह की शुगर मौजूद होती है। जब हम चीनी का सेवन करते हैं तो यह दो शर्कराओं में टूट जाती है और ब्लड में शुगर के स्तर को बढ़ाती है। फ्रुक्टोज को सीधे लिवर में metabolize किया जाता है। जब खाने में ज्यादा फ्रुक्टोज का इस्तेमाल किया जाता है तो ये लिवर में और भी ज्यादा फैट जमा करने लगता है और लिवर फैटी हो जाता है। चीनी का सेवन सेहत पर कई तरह से नकारात्मक असर डालता है, अगर आप इसके साइड इफेक्ट को समझना चाहते हैं तो इस रिपोर्ट को आखिर तक पढ़ लें।
हार्वर्ड के डॉक्टर ने बताई चीनी छोड़ने की अहमियत
हार्वर्ड-प्रशिक्षित डॉक्टर और वेलनेस एक्सपर्ट डॉ. सौरभ सेठी के मुताबिक सिर्फ 30 दिनों के लिए शुगर छोड़ना आपकी सेहत के लिए सबसे अच्छे फ़ैसलों में से एक हो सकता है। चीनी छोड़कर आप सिर्फ वजन ही कम नहीं कर सकते बल्कि बॉडी में कई तरह के बदलाव भी कर सकते हैं। चीनी छोड़ने का असर आपकी एनर्जी, फोकस और यहां तक कि लंबे समय तक बीमारियों से बचाव में भी महसूस होगा। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि एक महीने तक चीनी से परहेज करने पर बॉडी में कैसा असर होता है।
चीनी नहीं खाएंगे तो लिवर की चर्बी होगी कम
डॉ. सौरभ सेठी ने बताया अगर आप एक महीने तक चीनी से परहेज करते हैं तो आपके लिवर में चर्बी कम होने लगती है। फ्रुक्टोज से भरपूर प्रोसेस्ड शुगर लिवर में चर्बी जमा होने का कारण बनती है। फैटी लिवर डिज़ीज़ का अहम कारण है ये चीनी। फैटी लिवर की परेशानी उन लोगों को भी हो रही है जो शराब नहीं पीते हैं। सिर्फ एक महीने तक एडेड शुगर से दूर रहने से लिवर में सूजन कम हो सकती है और शुरुआती नुकसान को रिवर्स भी किया जा सकता है।
किडनी फंक्शन में होता है सुधार
अगर आप एक महीने तक चीनी नहीं खाते तो आपकी किडनी के फंक्शन में सुधार होता है, खासकर अगर आप इंसुलिन रेज़िस्टेंट या प्री-डायबिटीज हैं। अधिक चीनी और लगातार बढ़ता इंसुलिन स्तर समय के साथ किडनी पर दबाव डालता है। जब आप चीनी का सेवन करना बंद कर देते हैं तो आप किडनी के बोझ को कम कर देते हैं ऐसे में आपकी किडनी की कार्यक्षमता बेहतर होती है।
धमनियों की सूजन होती है कंट्रोल
अगर आप एक महीने तक चीनी नहीं खाते तो आपकी धमनियों पर इसका सकारात्मक असर पड़ता है। लगातार चीनी का सेवन आपकी धमनी की दीवारों में सूजन पैदा करता है, जो धीरे-धीरे हार्ट डिज़ीज़ का कारण बन सकता है। जब आप शुगर का सेवन बंद करते हैं तो यह सूजन कम हो जाती है और भविष्य में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा घटता है।
याददाश्त पर पड़ता है असर
अगर आप एक महीने तक चीनी का सेवन नहीं करते तो आपका दिमाग तेज होता है। कभी महसूस किया है आपने मीठा खाने के बाद सुस्ती और नींद आती है,अगर आप चीनी छोड़ते हैं तो बॉडी फुर्तीला और दिमाग तेज होता है। चीनी छोड़ने से आपकी मानसिक स्पष्टता और फोकस में काफी सुधार होता है। जो लोग चीनी छोड़ते हैं वो कुछ ही हफ्तों में बहुत से लोग बेहतर प्रोडक्टिविटी और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता महसूस करते हैं।
इम्यूनिटी होती है मजबूत
अगर आप चीनी का सेवन करना छोड़ देंगे तो आपकी इम्यूनिटी मजबूत होगी। सिर्फ 30 दिनों तक एडेड शुगर न लेने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में जबरदस्त सुधार हो सकता है, जो खास तौर पर आज की पोस्ट-पैंडेमिक दुनिया में और भी ज़रूरी हो गया है। मजबूत इम्यूनिटी बीमारियों से बचाती है और बॉडी को हेल्दी रखती है।
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