आयुर्वेद के अनुसार अगर सबसे शक्तिशाली और पौष्टिक सुपरफूड की बात की जाए तो घी को सबसे पहला मुकाम हासिल है। प्राचीन ग्रंथों जैसे चरक संहिता और सुश्रुत संहिता में घी को ओज वर्धक, स्मृति वर्धक और बल प्रदायक बताया गया है। ओज वर्धक का मतलब है ऐसी डाइट से हैं जो शरीर को स्वस्थ और एनर्जेटिक बनाएं, साथ ही इम्यूनिटी भी मजबूत करें। स्मृति वर्धक से मतलब ऐसा आहार जो ब्रेन की नसों को पोषण देकर ध्यान और याद रखने की क्षमता बढ़ाते हैं। बल प्रदायक का मतलब ऐसा आहार जो शरीर को अंदर और बाहर से मजबूत और ऊर्जावान बनाता है। घी में वो सभी गुण मौजूद हैं जो बॉडी और ब्रेन को हेल्दी रखने के लिए जरूरी हैं। डायबिटीज मरीज ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने के लिए दिन भर में 3 से 4 चम्मच घी का सेवन कर सकते हैं।

घी में मौजूद पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें
विटामिन A, E और K2
कैल्शियम और फास्फोरस जैसे खनिज
ओमेगा-3 फैटी एसिड ब्यूटिरिक एसिड (Butyric Acid) मौजूद होता है जो आंतों की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। एक नॉर्मल इंसान को रोज 1 से 2 चम्मच घी का सेवन करना चाहिए बॉडी में कई तरह की परेशानियों का उपचार होता है। भारतीय योग गुरु, लेखक, शोधकर्ता और टीवी पर्सनालिटी डॉक्टर हंसा योगेंद्र के मुताबिक अगर दिन की शुरुआत 1-2 चम्मच घी से की जाए तो पाचन से लेकर बॉडी के हर अंग को फायदा होता है। रोज रोटी के साथ एक चम्मच घी खाने से पाचन से जुड़ी सारी परेशानियां दूर होती हैं।

पाचन में होता है सुधार

आयुर्वेद में घी को दीपन-पाचन कहा गया है, ये पाचन अग्निन को बढ़ाता है। रोजाना 1-2 चम्मच घी खाने से पाचन से जुड़ी परेशानियां दूर होती है और कब्ज का इलाज होता है। घी पाचक रसों को उत्तेजित करके और एक प्राकृतिक रेचक के रूप में काम करता है। रोज नाश्ते में अगर घी का सेवन किया जाए तो आसानी से कब्ज को दूर किया जा सकता है। आयुर्वेद में वात और पित्त दोषों को संतुलित करने में घी बेहद मददगार होता हैं।

इम्यूनिटी होती है मजबूत

रोज घी के एक से दो चम्मच खाने से इम्यूनिटी मजबूत होती है और बीमारियों से बचाव होता है। रोज घी का सेवन करने से थकान और कमजोरी का इलाज होता है।

आंत की सेहत होती है दुरुस्त

घी में विटामिन A, E, K2, हेल्दी फैट्स और एक खास फैटी एसिड मौजूद होता है जिसे ब्यूरेट कहते हैं जो आंत की सेहत में सुधार करता है। एक चम्मच घी में आपकी आंत में सुधार करने वाले सारे गुण मौजूद होते हैं। घी लैक्टोज फ्री होता है इसका सेवन करने से किसी तरह की कोई पेट में एलर्जी का डर नहीं रहता। ये फूड पेट और आंत की सेहत का इलाज करने में बेहद असरदार साबित होते हैं। अगर आपको दूध से एलर्जी है और आप लैक्टोज इंटॉलरेंस हैं तो आप घी आराम से खा सकते हैं। ये पाचन में सुधार करता है।

हड्डियों और जोड़ों के लिए भी हैं फायदेमंद

घी में मौजूद विटामिन K2 कैल्शियम को हड्डियों तक पहुंचाने में मदद करता है और हड्डियों को मजबूत बनाता है। रोज घी का सेवन करने से जोड़ों को मजबूती मिलती है,जोड़ों के दर्द और जकड़न से भी राहत मिलती है।

ब्रेन हेल्थ होती है दुरुस्त

आयुर्वेद में घी को मेध्य रसयान माना गया है, यानी यह स्मृति, एकाग्रता और मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाता है। ये एक ऐसा फूड है जो बच्चों, युवाओं और पढ़ने वाले बच्चों के लिए बेहतरीन फूड है।

घी से होता है वजन कंट्रोल

घी में CA मौजूद होता है जो जिद्दी फैट को बर्न करने में मदद करता है। घी का सेवन करने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और वजन घटाना आसान होता है। सभी फैट बॉडी के लिए बुरे नहीं होते। हमारी बॉडी हेल्दी फैट मांगती है। घी में मौजूद हेल्दी फैट वजन घटाने का रामबाण इलाज है।

घी का सेवन कब और कैसे करें?

  • सुबह नाश्ते के साथ 1 चम्मच घी लेना सबसे असरदार साबित होता है।
  • आप घी का सेवन गर्म दूध के साथ भी कर सकते हैं। हल्दी के दूध के साथ आधा चम्मच घी खाने से इम्यूनिटी मजबूत होती है।
    एक हेल्दी इंसान को रोजाना 1–2 चम्मच घी का सेवन करना पर्याप्त माना जाता है।

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