किचन में मौजूद लहसुन सिर्फ मसाला नहीं बल्कि एक प्रभावशाली औषधि है। सदियों से इसका सेवन खाना पकाने के साथ ही कई बीमारियों के इलाज के लिए होता रहा है। खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए और बॉडी को हेल्दी रखने के लिए लहसुन का सेवन लोग मसाले के रूप में और सिरके के रूप में करते हैं। कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि लहसुन का सेवन करने से कई क्रॉनिक और गंभीर बीमारियों का इलाज होता है।
लहसुन में सूजन कम करने वाले तत्व होते हैं, जो शरीर में सूजन को कंट्रोल करते हैं। लहसुन की छोटी-छोटी कलियों में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों से मुकाबला करने की क्षमता होती है। रिसर्च के मुताबिक रोज लहसुन का सेवन करने से कैंसर का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है। लहसुन में मौजूद एलिसिन नामक कंपाउंड इसके एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुणों के लिए जिम्मेदार होते है। साथ ही यह विटामिन सी, विटामिन बी-6, मैंगनीज, सेलेनियम, कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस और फाइबर का भी अच्छा स्रोत है। रोजाना लहसुन की कुछ कलियां खाने से दिल की सेहत दुरुस्त रहती है और शरीर को कई पोषक तत्व मिलते हैं।
आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और योग गुरु बाबा रामदेव का कहना है कि अगर रोजाना दो लहसुन की कलियां देसी घी में भूनकर खाई जाएं, तो कोलेस्ट्रॉल को पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है। आइए बाबा रामदेव से जानते हैं कि लहसुन को घी में भूनकर खाने से सेहत में कौन-कौन से बदलाव आते हैं।
कोलेस्ट्रॉल होता है कंट्रोल
योग गुरु बाबा रामदेव ने बताया दो लहसुन की कलियां रोज देसी घी में भूनकर खाने से कोलेस्ट्रॉल को 100 परसेंट तक कंट्रोल किया जा सकता है। लहसुन का सेवन घी में भूनकर खाने से दिल की सेहत में सुधार होता है।
रोज लहसुन खाएं बीपी कंट्रोल रहता है
सिलोआम हॉस्पिटल्स की मेडिकल टीम के मुताबिक कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि रोज कच्चे लहसुन का सेवन करने से सिस्टोलिक और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद मिलती है। रिसर्च के मुताबिक बीपी कम करने के लिए लहसुन का सेवन बीपी कंट्रोल करने वाली दवा का ही काम करता है। लहसुन में मौजूद एलिसिन और पॉलीसल्फाइड रक्त वाहिकाओं को फैलाने में मदद करता है, जिससे बीपी कम होता है।
वजन करता है कंट्रोल
लहसुन का सेवन करने से वजन को भी कंट्रोल किया जा सकता है। ये हर्ब मेटाबोलिज़्म को बूस्ट करता है और फैट को कंट्रोल करता है। रोज दो से तीन कली लहसुन की खाने से भूख कंट्रोल रहती है और इंफ्लामेशन भी कंट्रोल रहता है।
कैंसर का जोखिम होता है कम
लहसुन में सक्रिय सल्फर यौगिक होते हैं जो कैंसर की कोशिकाओं के बनने के जोखिम को कम करते हैं और उसको फैलने से रोकते हैं। एक रिसर्च के मुताबिक नियमित रूप से कच्चा लहसुन खाने से पेट, अग्न्याशय, इसोफेगस, प्रोस्टेट और ब्रेस्ट कैंसर सहित कई प्रकार के कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।
ब्रेन की हेल्थ रहती है दुरुस्त
कई शोधों में यह सिद्ध हुआ है कि लहसुन में पाए जाने वाले विशेष कार्बोहाइड्रेट मस्तिष्क की कोशिकाओं को बीमारियों और उम्र से संबंधित क्षति से बचाने में मदद करते हैं। लहसुन का नियमित सेवन बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम कर सकता है। यह मस्तिष्क में माइक्रोग्लियल कोशिकाओं द्वारा उत्पन्न नाइट्रिक ऑक्साइड के स्तर को घटाने की क्षमता रखता है, जिससे मस्तिष्क की सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को नियंत्रित किया जा सकता है। परिणामस्वरूप, मस्तिष्क स्वस्थ और सक्रिय बना रहता है
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