कब्ज बहुत खराब बीमारी है जो न सिर्फ शारीरिक सेहत को प्रभावित करती है बल्कि मानसिक सेहत को भी बिगाड़ती है। कब्ज का इलाज नहीं किया जाए तो ये क्रॉनिक बीमारी बन जाती है और बॉडी में कई तरह की बीमारियां पैदा करती है। लम्बे समय तक कब्ज रहने से बवासीर, फिशर, पेट में अल्सर, अपच, एसिडिटी और यहां तक कि स्किन से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ने लगता है। कब्ज को दूर करने के लिए डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव करना जरूरी है। डाइट में फाइबर युक्त फूड जैसे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और दालें खाने से कब्ज टूटता है। कब्ज को दूर करने के लिए रोजाना 8-10 गिलास पानी का सेवन जरूरी है। नियमित एक्सरसाइज जैसे टहलना, योग और हल्की एक्सरसाइज करने से पाचन दुरुस्त रहता है। पाचन को दुरुस्त करने के लिए प्रोबायोटिक्स फूड का सेवन जैसे दही, छाछ और फर्मेंटेड फूड का सेवन जरूरी है।
कब्ज का इलाज करने में देसी जड़ी बूटियां जादुई असर करती हैं। जड़ी बूटियों में इसबगोल की भूसी का सेवन अगर रोज दही के साथ किया जाए तो आसानी से कब्ज का इलाज होता है। ये भूसी नेचुरल तरीके से कब्ज दूर करने में मदद करती है। इसका सेवन करने से बॉडी हाइड्रेट रहती है और एसिडिटी से बचाव होता है।
फोर्टिस हॉस्पिटल बेंगलुरु के वरिष्ठ सलाहकार गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. प्रणव होनावारा श्रीनिवासन ने बताया कि रोजाना इसबगोल की भूसी का सेवन दही के साथ किया जाए तो पुरानी से पुरानी कब्ज का भी इलाज होता है। इस भूसी में 70% घुलनशील फाइबर और 30% अघुलनशील फाइबर मौजूद है जो पाचन को दुरुस्त करने में असरदार साबित होता है। दिन में एक बार अगर रोजाना इसबगोल की भूसी को दही के साथ खाएं तो पेट से जुड़ी बीमारियों का अंत होगा। आइए जानते हैं कि रोजाना दही के साथ इसबगोल का सेवन करने से सेहत पर कैसा असर होता है।
कब्ज का करता है इलाज
दही के साथ इसबगोल का सेवन करने से कब्ज को प्रभावी ढंग से कंट्रोल किया जा सकता है। इसबगोल में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है। इसबगोल पानी को सोख सकता है और उसे बनाए रख सकता है। इससे मल सॉफ्ट हो जाता है और मल त्यागने में आसानी होती है, साथ ही मल अधिक मात्रा में निकलता है। इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है और यह मल को पेट के कोने-कोने से बाहर निकालता है।
डायबिटीज रहती है कंट्रोल
डायबिटीज मरीज ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए रोजाना दही के साथ इसबगोल का सेवन करें तो फायदा होगा। साइलियम की भूसी पाचन के दौरान पेट में एक चिपचिपा जेल बनाकर काइम की चिपचिपाहट को बढ़ाती है। पेट में पचने वाले भोजन को काइम कहा जाता है। काइम की चिपचिपाहट जटिल कार्ब्स और पाचन एंजाइमों के बीच परस्पर क्रिया को कम करके पाचन की दर को धीमा कर देती है। यह ग्लूकोज के अवशोषण को धीमा करके ब्लड शुगर के स्तर को कम करती है। दही के साथ इसबगोल खाए गए भोजन के ग्लाइसेमिक इंडेक्स को कम करता है, जो टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों के ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने में मदद करता है।
वजन घटाने में है मददगार
आप वेट लॉस जर्नी को आसान बनाना चाहते हैं तो तो इसबगोल की भूसी का दही के साथ सेवन करें। इसका सेवन करने से पेट भरा हुआ महसूस होता है,आंतों की सफाई होती है और आप खाना कम खाते हैं। लम्बे समय तक कब्ज रहने से पाचन तंत्र पर बोझ बढ़ता है, इसलिए हेल्दी बॉडी के लिए बॉडी से टॉक्सिन को बाहर निकालना जरूरी है। रोजाना दही के साथ इसबगोल का सेवन करने से वजन कम किया जा सकता है। दही अपने आप में कैल्शियम और प्रोटीन जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो खाने की क्रेविंग को कंट्रोल करता है।
ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल होता है कंट्रोल
NIH की एक रिसर्च के मुताबिक इसबगोल का दही के साथ सेवन करने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है। इसबगोल कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करता है और दिल के रोगों का खतरा टलता है। इसबगोल के हाइग्रोस्कोपिक गुण ब्लड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं। यह आंतों में एक पतली लेयर बनाकर कोलेस्ट्रॉल को प्रभावी ढंग से कम करता है जो डाइट से कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को रोकता है।
खाने के बाद इन 2 चीजों को तुरंत चबा लीजिए, पाचन तंत्र करने लगेगा तेजी से काम, सुबह उठते ही पेट की हो जाएगी सफाई। पूरी खबर पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें।