कब्ज एक ऐसी परेशानी है जिससे ज्यादातर लोग परेशान रहते हैं। कब्ज की बीमारी के लिए खराब डाइट, बिगड़ता लाइफस्टाइल, तनाव और कुछ बीमारियों की दवाओं का सेवन जिम्मेदार है। कब्ज की बीमारी के लिए बॉडी एक्टिविटी में कमी भी जिम्मेदार है। कब्ज की परेशानी एक ऐसी स्थिति है जिसमें आंतों से मल निकालने में कठिनाई होती है। यह एक सामान्य पाचन समस्या है जिसका इलाज नहीं किया जाए तो ये परेशानी कई बीमारियों का कारण बन सकती है। कब्ज के लक्षणों की बात करें तो इसमें मलत्याग में कठिनाई होना, सूखा और कठोर मल होना, पेट में सूजन और गैस होना,मल त्याग के बाद भी पेट का पूरी तरह साफ नहीं होना और पेट में ऐंठन होना जिम्मेदार है।

कब्ज को दूर करने के लिए बॉडी को एक्टिव रखना और डाइट में सुधार करना जरूरी है। डाइट में कुछ खास फूड का सेवन कर के कब्ज की बीमारी का इलाज किया जा सकता है। कब्ज को दूर करने में केला एक ऐसा फल है जो जादुई असर करता है। केला का सेवन अगर रोजाना किया जाए तो आसानी से कब्ज को दूर किया जाता है। अक्सर लोगों का मानना है कि केला का सेवन लूज मोशन को कंट्रोल करने में किया जाता है लेकिन आप जानते हैं कि केला का सेवन लूज मोशन को कंट्रोल करने में और कब्ज को दूर करने में भी किया जाता है।

आयुर्वेदिक और युनानी दवाओं के एक्सपर्ट डॉक्टर सलीम जैदी ने बताया केला एक ऐसा फल है जिसे रोज खाएं तो पाचन तंत्र दुरुस्त होता है। इस फल को खाने से क्रॉनिक कब्ज का भी  इलाज होता है। ये फल गट हेल्थ दुरुस्त करता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि केला का सेवन करने से कैसे आंतों में जमा मल साफ होता है और मेडिकल साइंस भी केला को कब्ज का इलाज मानता है।

केला कैसे कब्ज का इलाज करता है?

 केले में पेक्टिन नाम का सॉल्युबल फाइबर होता है जो पाचन को दुरुस्त करता है। ये फाइबर कब्ज को तोड़ता है और आंतों में जमा पुराने मल को बाहर निकालता है। केले में मौजूद प्रोबायोटिक्स आंतों में गुड बैक्टीरिया बढ़ाता हैं। आंतों में गुड और खराब बैक्टीरिया का संतुलन गट हेल्थ में सुधार करता हैं। अगर रोजाना एक केले का सेवन किया जाए तो आसानी से कब्ज को दूर किया जा सकता है।

केला एक ऐसा फल है जो वात, कफ और पित्त को संतुलित करता है। केला वात दोषों को कंट्रोल करता है जिसे बाउल मूवमेंट में सुधार होता है। एक केला पित्त दोष को बैलेंस करता है और इसका सेवन करने से पेट की गैस, एसिडिटी और ब्लोटिंग जैसी परेशानी का इलाज होता है। केले में नेचुरल बाइंडिंग इफेक्ट होता है जो मल को सॉफ्ट बनाता है। केले में सिर्फ कब्ज का इलाज करने वाले गुण ही मौजूद नहीं है बल्कि डायरिया का इलाज करने वाले गुण भी मौजूद हैं।

मेडिकल साइंस भी मानता है कि केला कब्ज का तोड़ है?

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डायबिटीज एंड डाइजेस्टिव एंड किडनी डिजीज (NIDDK) लोगों को कब्ज से बचने के लिए कम या बिना फाइबर वाले फूड्स जैसे प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, तैयार भोजन, पैकेज्ड स्नैक फूड,मांस,फास्ट फूड और चिप्स जैसे फूड्स से परहेज करने की सलाह देता है।

मेडिकल न्यूज टूडे के मुताबिक चूहों पर 2014 में की गई एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि केला गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक से मल की गति को तेज करता हैं और कब्ज के लक्षणों में सुधार करता हैं।  2011 के एक दूसरे अध्ययन से पता चलता है कि केले का सेवन करने से आंत की सूजन कंट्रोल रहती है और गट हेल्थ में सुधार होता है। इस फल को अगर रोज खाया जाए तो पूरे साल पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है।

खाने के साथ अगर 1 हरी मिर्च को रोजाना खाया जाए तो बॉडी पर कैसा होता है असर, एक्सपर्ट से पूरी जानकारी लेने के लिए आप लिंक पर क्लिक करें।