Uric Acid हमारी बॉडी में मौजूद एक प्रकार का केमिकल होता है। शरीर में जब भी प्यूरीन पदार्थ टूटते हैं तो यूरिक एसिड एक वेस्ट प्रोडक्ट की फॉर्म में बनता है। आमतौर पर इन सभी वेस्ट प्रोडक्ट्स को किडनी फिल्टर करके मूत्र मार्ग से बाहर निकाल देती हैं, लेकिन शरीर में इसकी मात्रा लगातार बढ़ने से इसका असर कई बार किडनी ऐसा नहीं कर पाती है। इसके पहले छोटे जोड़ों में दर्द शुरू हो जाती है, लेकिन बाद में ये बड़े जोड़ों में दर्द तक पहुंच जाता है जो कई बार ज्यादा घातक साबित हो सकता है।

डॉक्टर मंदीप दहिया अपने वीडियो में बताते हैं, ‘आमतौर पर जोड़ों में दर्द होने पर हम लोग पेन-किलर लेना शुरू कर देते हैं जो खतरनाक साबित हो सकता है। क्योंकि ऐसा लगातार करने से आपको दर्द हो सकता है कम महसूस हो, लेकिन जोड़ों में यूरिक एसिड के जमा होने से जोड़ हमेशा के लिए खराब भी हो सकते हैं। इसलिए अगर लगातार आपके साथ ऐसा हो रहा है तो इसे इग्नोर करने की जगह कुछ चीजों का परहेज करना शुरू कर दें।’

क्या होते हैं लक्षण? मंदीप आगे बताते हैं, ‘Uric Acid का मुख्य लक्षण है- थकान। अगर थोड़ा सा काम करते ही थकान हो रही है तो ये यूरिक एसिड का स्तर ज्यादा होना भी हो सकता है। इसके बाद, छोटे जोड़ों में दर्द होना शुरू होता है। क्योंकि इसके चीनी की तरह बहुत छोटे-छोटे कण होते हैं। इसलिए पहले ये छोटे जोड़ों में जमना शुरू करता है। अगर इसे यहीं नहीं रोका जाता तो ये बड़े जोड़ों तक पहुंच जाता है। अगर सुबह उठते समय जोड़ों में तेज दर्द हो रहा है तो इसका मतलब है ये अपने नॉर्मल स्तर से बहुत ऊपर जा चुका है।’

कई बार नॉर्मल दवाइयां खाने से भी यूरिक एसिड बढ़ सकता है। इसलिए हमेशा डॉक्टर की सलाह के बाद ही किसी दवाई का सेवन करना चाहिए। मंदीर कहते हैं, ‘अगर इसे कंट्रोल करने पर बात करें तो सबसे पहले आपको खट्टी चीजों का सेवन छोड़ना पड़ेगा। इसके बाद जिन भी चीजों में हद से ज्यादा प्रोटीन होता है जैसे पनीर, अरहर की दाल से दूरी बना लेनी चाहिए। अगर मांसाहारी हैं तो रेड मीट नहीं खाना चाहिए। दूसरा पानी ज्यादा पीना चाहिए, क्योंकि इससे किडनी स्वस्थ रहती है और यूरिक एसिड को बाहर निकालने का काम भी इसी का होता है। इसलिए इसका ठीक काम करना बहुत जरूरी होता है।’