कुदरत ने हमारी बॉडी को कुछ इस तरह बनाया है कि ये अपनी सफाई खुद करती है। दिन भर जो हम खाते हैं उससे पोषक तत्वों को लेती है और बाकी टॉक्सिन को मल के जरिए बॉडी से बाहर भी निकाल देती है। हालांकि, कुछ लोगों की आहार प्रणाली और जीवनशैली इतनी अव्यवस्थित होती है जिससे शरीर की यह प्राकृतिक प्रक्रिया बाधित होने लगती है। ये लोग बिना समय के खाना खाते हैं, उनकी नींद और जागने का कोई निश्चित समय नहीं होता। ऐसी अनियमित जीवनशैली के कारण उनका पाचन तंत्र कभी भी ठीक से काम नहीं कर पाता।

कहते हैं कि दिन में एक बार जिसका पेट साफ होता है वो योगी,दो बार जिसका पेट साफ होता है वो भोगी और तीन बार या उससे ज्यादा बार जिसका पेट साफ हो वो रोगी होता है। हमें अपना लाइफस्टाइल ऐसा रखना है कि हमारा पेट रोजाना एक बार साफ हो। पेट को साफ करने के लिए डाइट में सुधार करें। देर रात तक खाना सुबह देर तक सोना आपके पाचन तंत्र को बिगाड़ देता है। अगर आप पाचन को दुरुस्त करना चाहते हैं तो डाइट में तला भुना मसालेदार भोजन का सीमित सेवन करें, पानी ज्यादा पिएं  और बॉडी को एक्टिव रखें। खाने के बाद सीधे बिस्तर पर नहीं जाएं बल्कि कुछ देर वॉक करें।

आयुर्वेद में पेट की परेशानियों का बेहतर इलाज मौजूद है। जिन लोगों को कब्ज हमेशा रहता है वो आयुर्वेदिक हर्ब्स को अपनी डाइट की तरह अपनाएं। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट और योग गुरु बाबा रामदेव ने बताया अगर आप कब्ज से परेशान रहते हैं तो आप रोजान एलोवेरा,आंवला और गिलोय के रस का सेवन करें। रोजाना रात को सोने से पहले इन तीन हर्ब्स के जूस का सेवन करने से सुबह उठते ही पेट की सफाई होती है।

ये हर्ब्स आंतों को क्लीन करता है। अगर आपको कब्ज ज्यादा है, कब्ज की वजह से पेट में गैस,अपच और ब्लोटिंग बढ़ गई है तो आप हफ्ते में एक बार त्रिफला चूर्ण का सेवन करें। ये चूर्ण पेट की सारी गंदगी को साफ करता है। आइए बाबा रामदेव से जानते हैं कि इसका सेवन कैसे करें और ये पेट साफ करने में कैसे मददगार साबित होता है।

त्रिफला चूर्ण कैसे करता है पेट और आंतों की सफाई?

त्रिफला चूर्ण आयुर्वेद में एक बेहद प्रभावशाली औषधि माना जाता है, जो पेट और आंतों की गहराई से सफाई करने में सहायक होता है। इसके नियमित सेवन से पाचन तंत्र बेहतर होता है और शरीर प्राकृतिक रूप से डिटॉक्स होता है। त्रिफला तीन फलों  हरड़ (हरीतकी), बहेड़ा (बिभीतकी) और आंवला (अमलकी) का कॉम्बिनेशन है। इसमें मौजूद हरड़ में प्राकृतिक रेचक (laxative) गुण होते हैं, जो मल को सॉफ्ट करते हैं और आंतों में जमी गंदगी को बाहर निकालने में मदद करते हैं। इस हर्ब का सेवन करने से पेट में जमा मल पूरी तरह बॉडी से बाहर निकल जाता है, जिससे पेट हल्का और साफ महसूस होता है। त्रिफला आंतों की मांसपेशियों को सक्रिय करता है, जिससे भोजन जल्दी पचता है और मल सहज रूप से बाहर निकलता है। ये फल आंतों की लेयर पर जमी गंदगी को हटाने में नेचुरल क्लींजर है।  त्रिफला चूर्ण पाचन अग्नि को संतुलित करता है, जिससे गैस, अपच और भारीपन जैसी समस्याएं दूर होती हैं। इसके सेवन से आंतों में गुड बैक्टीरिया बढ़ते है जो पाचन को दुरुस्त रखने में मदद करते हैं।

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