Tips to increase hemoglobin: कई बार किसी शारीरिक स्थिति या बीमारी के कारण लोगों के शरीर में खून की कमी हो जाती है। इसका सीधा प्रभाव उनके हीमोग्लोबिन के स्तर पर होता है। शरीर में रेड ब्लड सेल्स और कम हीमोग्लोबिन किसी भी व्यक्ति को एनीमिया का शिकार बना सकती हैं। बता दें कि हीमोग्लोबिन रेड ब्लड सेल्स में पाया जाने वाले एक प्रोटीन होता है। आमतौर पर लोग खून की कमी को हल्के में लेते हैं, जिससे कई कई स्वास्थ्य समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है।

महिला और पुरुष में इतना होना चाहिए हीमोग्लोबिन: बता दें कि पुरुषों में हीमोग्लोबिन का सामन्य स्तर  13.5-17.5 ग्राम प्रति डेसीलीटर होता है। वहीं, महिलाओं में कम से कम 12.0 – 15.5 ग्राम प्रति डेसीलीटर हीमोग्लोबिन की मात्रा को सेहतमंद माना जाता है। ह्यूमन सेल्स व फेफड़ों तक ऑक्सीजन पहुंचाने का महत्वपूर्ण काम भी हीमोग्लोबिन का ही होता है। ऐसे में इनकी कमी शरीर के लिए घातक भी साबित हो सकती है। ऐसा बताया जाता है कि रक्त द्वारा फेफड़ों तक पहुंचने वाले ऑक्सीजन की तकरीबन 97 प्रतिशत मात्रा हिमोग्लोबिन की मदद से ही पहुंचाई जाती है।

भोजन से बनेगी बात: शरीर में अगर पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वों की पूर्ति होती रहेगी तो इससे हीमोग्लोबिन भी सामन्य बना रहेगा। वहीं, इनकी कमी से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर भी घट जाता है। ऐसे में कुछ विशेष न्यूट्रिएंट्स शरीर में अवश्य रहने चाहिए। फोलेट, विटामिन ए और सी, आयरन युक्त खाद्य पदार्थों को अपने डाइट में शामिल करना चाहिए।

हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए खाएं ये सब्जियां: जो लोग लो हीमोग्लोबिन की परेशानी से जूझ रहे हैं, उन्हें अपने खाने में पालक, बीन्स, चुकंदर, गाजर, नींबू, मटर, हरा चना, पनीर, राजमा और शिमला मिर्च को शामिल करना चाहिए। इसके अलावा, मछली, चिकेन, अंडा और मटन के सेवन से भी हीमोग्लोबिन की कमी को दूर किया जा सकता है।

इन फलों के सेवन से भी होगा फायदा: शरीर में हीमोग्लोबिन का निर्माण सुचारू रूप से हो सके, इसके लिए लोगों को तरबूज खाना चाहिए। बता दें कि इस मौसमी फल में आयरन और विटामिन सी भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। वहीं, अनार में भी फाइबर, आयरन, कैल्शियम जैसे कई महत्वपूर्ण खनिज पाए जाते हैं जो हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में मददगार है। आयरन की मात्रा अंगूर में भी काफी ज्यादा होती है। वहीं, हीमोग्लोबिन कम होने के कारण जो बीमारियों लोगों को अपनी चपेट में लेती हैं, उनके उपचार में भी अंगूर कारगर है। इसके साथ ही तुलसी भी इसके स्तर को ठीक बनाए रखती है।