Uric Acid Remedies: वर्तमान परिवेश में केवल उम्रदराज लोग ही नहीं, युवा भी जोड़ों व घुटनों के दर्द से परेशान रहते हैं। हालांकि, इसके लिए वो कभी ज्यादा काम करने या फिर ठीक से नहीं बैठने को जिम्मेदार मानते हैं। पर कई बार जोड़ों में दर्द व सूजन का कारण शरीर में यूरिक एसिड का बढ़ना भी होता है। इस वजह से आपको गाउट (एक प्रकार का गठिया) की बीमारी हो सकती है। हाई यूरिक एसिड से लोगों को हाथ-पैरों की उंगलियों में दर्द और सूजन हो जाती है। इससे उठने-बैठने में परेशानी और दूसरे दैनिक कार्यों को करने में भी परेशानी होती है। ऐसे में कुछ घरेलू उपायों का इस्तेमाल कारगर साबित हो सकत है।

ब्लैक चेरी: हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि काले चेरी के सेवन से यूरिक एसिड के स्तर पर लगाम लगाना आसान होता है। गठिया और किडनी में पथरी के मरीजों के लिए भी इसका सेवन जरूरी है। इसमें प्रचुर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण पाए जाते हैं। ये तत्व यूरिक एसिड के लक्षणों को कम करने में सहायक है।

अलसी के बीज: अगर किसी व्यक्ति को यूरिक एसिड की समस्या है तो उसे रोज सुबह खाली पेट अलसी के बीज खाने चाहिए। इन बीजों को चबा कर खाने से हाइपरयूरिसेमिया के स्तर पर नियंत्रण होता है। इसमें फाइबर की अधिकता होती है जो यूरिक एसिड के स्तर पर लगाम लगता है। करीब 10 ग्राम फ्लैक्स सीड्स में 1.9 ग्राम प्रोटीन, 2.8 ग्राम फाइबर, 4.3 ग्राम फैट, 3 ग्राम कार्ब्स और 7 परसेंट पानी की मात्रा होती है।

सेब का सिरका: शरीर में यूरिक एसिड की परेशानी को कम करने में सेब का सिरका भी लाभकारी है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण होते हैं। ये शरीर में एसिड के लेवल को संतुलित करने में मददगार है। इतना ही नहीं, खून में पीएच लेवल को मेंटेन करने और दूसरी परेशानियों को दूर करने में मदद करता है।

पानी: हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक यूरिक एसिड कंट्रोल करने के लिए लोगों को भरपूर मात्रा में पानी पीते रहना चाहिए। इससे खून में मौजूद टॉक्सिक पदार्थों को फ्लश आउट करना आसान हो जाता है। पानी यूरिक एसिड को पतला करता है जिससे यूरिनेशन की प्रक्रिया के दौरान ये एसिड पेशाब के जरिये बाहर निकल जाता है।