किडनी की बीमारी को अक्सर “साइलेंट किलर” का नाम दिया जाता है। क्योंकि ये बीमारी इतनी खामोशी से दस्तक देती है इंसान को अंदाजा भी नहीं होता। किडनी से जुड़ी किसी भी बीमारी के शुरुआती चरणों में आमतौर पर कोई स्पष्ट लक्षण दिखाई नहीं देते। लेकिन जैसे-जैसे यह बीमारी बढ़ती है इसके कुछ संकेत स्किन पर दिखाई देने लगते हैं। स्किन पर दिखने वाले लक्षण साफ इशारा है कि बॉडी के अंदर कुछ गड़बड़ हो रही है। स्किन की ड्राईनेस, स्किन पर खुजली होना, स्किन पर चकत्ते या रंग में बदलाव ये सभी लक्षण सिर्फ सतही समस्याएं नहीं हैं, बल्कि गंभीर किडनी की खराबी का संकेत हो सकते हैं। अगर इन्हें नज़रअंदाज़ किया गया तो समय के साथ ये लक्षण और भी खराब हो सकते हैं।
अब सवाल ये उठता है कि आखिर किडनी की बीमारी स्किन को कैसे और क्यों प्रभावित करती है? इन सब सवालों का जवाब मणिपाल हॉस्पिटल बेंगलुरु में यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर दीपक दुबे ने दिया है। किडनी की बीमारी अक्सर बिना लक्षण के धीरे-धीरे बढ़ती है,लेकिन सही जानकारी, समय पर जांच और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर आप अपनी किडनी को सुरक्षित रख सकते हैं और एक बेहतर जीवन जी सकते हैं।
किडनी में कुछ भी खराबी होने पर मरीज को खाने पीने में दिक्कत होती है। किडनी ठीक से काम नहीं करती तो बॉडी में टॉक्सिन जमा होने लगते हैं जो बॉडी को बीमारियों का घर बना देते हैं। आइए जानते हैं कि किडनी में परेशानी होने पर स्किन में कौन-कौन से लक्षण दिखते हैं।
स्किन का बहुत ज्यादा ड्राई होना
अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी के मुताबिक किडनी में कुछ भी परेशानी होने पर स्किन में कुछ लक्षण दिखते हैं जिसमें सबसे पहले स्किन का ड्राई होना है। किडनी की गंभीर स्थिति में स्किन बहुत ज्यादा ड्राई, खुरदरी और टाइट हो जाती है। स्किन में ये बदलाव साफ इशारा है कि किडनी में कुछ दिक्कत हो रही है। ऐसे लोगों की स्किन पर दरारे आसानी से पड़ जाती हैं और कुछ लोगों में स्किन मछली की स्किन की तरह पपड़ीदार दिखने लगती है। स्किन पर दिखने वाले ये लक्षण उन लोगों में दिखते हैं जिन्हें डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता होती है। इस स्थिति में नियमित रूप से मॉइस्चराइजर लगाएं और कठोर साबुन का इस्तेमाल करने से बचें तो कुछ राहत मिलती है।
स्किन पर खुजली होना
किडनी में परेशानी होने पर स्किन पर बहुत ज्यादा खुजली हो सकती है। ये खुजली केवल कुछ समय के लिए नहीं होती बल्कि ये दिन रात परेशान करती है। ऐसे में नींद की कमी होने लगती है और लाइफस्टाइल बिगड़ने लगता है। ऐसे मामलों में जब उपचार से आराम नहीं मिलता, यूवीबी प्रकाश (UVB light) का उपयोग करके फोटोथेरेपी मददगार साबित हुई है।
खरोंच के निशान और स्किन का मोटा होना
अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी के मुताबिक किडनी में दिक्कत होने पर लगातार खुजली के कारण स्किन पर खरोंच के निशान दिखने लगते हैं। स्किन पर छाले, मोटी स्किन, खुजली वाली गांठ दिखाई दे सकती हैं।
स्किन की रंगत में बदलाव
किडनी में परेशानी होने पर टॉक्सिन स्किन में जमा होने लगते हैं जिससे स्किन का रंग पीला, बेरंग, ग्रे या भूरा दिखाई दे सकता है। लम्बे समय तक स्किन को खुजलाने से स्किन पर मोटा, पीला या सख्त क्षेत्र बन सकता हैं, जिससे घाव या घाव जैसे टेक्सचर आ जाते हैं। स्किन में ये बदलाव न केवल असुविधा का कारण बनता हैं, बल्कि अगर ठीक से इलाज न किया जाए तो संक्रमण का कारण भी बन सकता हैं।
त्वचा में सूजन होना
किडनी जब शरीर से अतिरिक्त तरल पदार्थ और नमक को बाहर नहीं निकाल पाती तो पैरों, टखनों, हाथों, चेहरे या पलक के आसपास सूजन हो सकती है। इस स्थिति में स्किन खींची हुई और चमकदार दिखती है। ऐसी स्थिति में पैरों में जूते पहनना और उंगलियों में अंगूठी पहनना मुश्किल होता है।
स्किन पर चकत्ते आना
किडनी में कुछ भी परेशानी होने पर स्किन पर छोटे गुंबदाकार, अत्यधिक खुजली वाले पपड़ीदार दाने उभर सकते हैं। स्किन में टॉक्सिन के जमाव से भी त्वचा पर चकत्ते पड़ सकते हैं। किडनी डिजीज की आखिरी स्टेज में मरीज की स्किन पर इस तरह के चकत्ते दिखाई देते हैं, जिनमें बहुत खुजली होती है। ये बड़े, खुरदुरे धब्बों में बदल सकते हैं और अक्सर ठीक होने के बाद भी दोबारा उभर आते हैं, जिससे लगातार असुविधा बनी रहती है।
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