Breast Cancer Remedies: ग्लोबोकैन की साल 2018 में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक 1.5 लाख से भी अधिक महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित हैं। वहीं, स्वास्थ्य विशेषज्ञ ये भी मानते हैं कि 50 प्रतिशत स्तन कैंसर के मामले और 58 प्रतिशत मौतें कम विकसित देशों में होती हैं। इसके अलावा, ICMR की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2020 तक कैंसर से मरने वालों की संख्या तकरीबन 8 लाख के लगभग है। ऐसे में महिलाओं को अपनी सेहत को लेकर सतर्क रहना चाहिए। अगर सही समय पर इस बीमारी को पहचान लिया जाए, तो इससे होने वाले नुकसानों को कम किया जा सकता है।
वहीं, एक अमरीकी शोध के मुताबिक स्वस्थ खानपान व शारीरिक गतिविधियां ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को 25 से 30 फीसदी तक कम कर सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ के अनुसार स्तन कैंसर के मरीज जिनका ट्रीटमेंट चल रहा है या फिर जो रिकवरी की प्रक्रिया में हैं, उनके लिए अपने वजन पर नियंत्रण जरूरी है। संतुलित वजन बनाए रखने के क्रम में पोषक तत्वों से भरपूर आहार के साथ ही योग भी जरूरी है। आइए जानते हैं उन 5 योगासनों के बारे में जो स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं के लिए फायदेमंद साबित होंगे –
त्रियका भुजंगासन (ट्विस्टेड कोबरा पोज): अपनी हथेलियों को कंधों के नीचे रखकर पेट के बल लेट जाएं। अपने पैरों को करीब 2 फीट की दूरी पर रखें। अपने सिर को उठाते हुए सांस लें और अपने बाएं पैर के सहारे सिर को दाएं कंधे की तरफ ले जाएं। फिर वापस पहले की मुद्रा में आएं और दोबारा दूसरे पैर की तरफ से इसे दोहराएं।
मरजारियासन वैरिएशन: इसके बाद धीमी-धीमी सांस लें, कंधे के पास से जमीन के पैरेलल में दाहिना हाथ उठाएं। इसके साथ ही उल्टा पैर यानि बायां पैर भी उठाएं। कुछ देर तक इस पोजिशन में रहें, कम से कम 10 से 15 सेकेंड्स और फिर दूसरे हाथ-पैर से इसे रिपीट करें।
वशिष्टासन: पिछले आसन को करने के उपरांत अपने घुटनों को जमीन से ऊपर उठाएं और प्लैंक की पोजिशन में आएं। इसके बाद अपने शरीर के दाहिने हिस्से को बाएं हथेली पर जोर देकर उठाएं और अपने दाहिने पैर को बायीं जांघ के पास लेकर आएं। 10-15 सेकेंड्स तक इसी पोजिशन में रहें, फिर नॉर्मल मुद्रा में आकर रिलैक्स करें। इसके उपरांत दूसरी तरफ से ये एक्सरसाइज करें।
अश्वांचलन: सबसे पहले अपने दोनों पैरों को मिलाएं और कंधों को रिलैक्स करने दें। इसके बाद, अपने दाहिने पैर को पीछे करें और दाहिने घुटने को नीचे करें। इसके बाद फिर अपनी पीठ सीधी करें, ध्यान दें कि आपका बायां घुटना और एड़ी 90 डिग्री पर होनी चाहिए। हार्ट चक्र के पास अपनी हथेलियों को जोड़ें और सामने देखें।
शलभासन: पेट के बल लेटें और हथेलियों को कंधों के नीच रखें। दोनों पैरों को मिलाएं और उंगलियों को बाहर की तरफ करें। अपने दाएं हाथ और बाएं पैर को आगे करें और सांस लें, फिर सिर-छाती को ऊपर की तरफ उठाएं। वापस शुरुआती पोजिशन में आएं और दूसरे साइड से इसे दोहराएं।