खराब डाइट और बिगड़ता लाइफस्टाइल हमारे पाचन को बुरी तरह प्रभावित करता है। हममें से ज्यादातर लोगों ने कभी न कभी गैस और एसिडिटी के घरेलू उपाय जानने के लिए गूगल ज़रूर किया होगा। कुछ लोग ऐसे है जिन्हें हर बार किसी भारी खाना खाने के बाद पेट में गैस, जलन और बेचैनी होती है, जिसका इलाज करने के लिए डाइजेस्टिव गोली खानी पड़ती है। लेकिन एक सच्चाई ये है जो शायद कम लोग जानते हैं। पाचन से जुड़ी ये समस्याएं हमेशा पेट की समस्या नहीं होती, यह हमारी जीवनशैली की अनदेखी का परिणाम होती है। हम अक्सर अपने पाचन तंत्र की मूल ज़रूरतों को अनदेखा कर देते हैं जिसकी वजह से एसिडिटी, जलन या अपच की शिकायत होती है।

एसिडिटी (Acidity) और ब्लोटिंग (Bloating) जैसी पाचन संबंधी समस्याएं अगर लंबे समय तक बनी रहें तो ये शरीर के नर्वस सिस्टम पर अप्रत्यक्ष रूप से असर डाल सकती हैं। हमारे पाचन तंत्र और मस्तिष्क के बीच सीधा संबंध होता है जिसे Gut-Brain Axis कहा जाता है। अगर आंतों में गड़बड़ी होती है या यू कहें कि पेट में गैस, एसिड और सूजन होती है तो इससे मस्तिष्क पर भी असर होता है, जिससे स्ट्रेस, एंग्जायटी और कमजोरी महसूस हो सकती है। लगातार गैस और एसिड की स्थिति में शरीर में सूजन बढ़ती है, जो नसों को कमजोर कर सकती है। पोषक तत्वों का सही से अवशोषण नही होने पर विटामिन B12, मैग्नीशियम की कमी हो जाती है जो नसों को खोखला या कमजोर बना सकती है।

सेलिब्रिटी न्यूट्रीशनिस्ट luke coutinho ने पेट की गैस, ब्लोटिंग और अपच से बचने का नेचुरल तरीका बताया है। एक्सपर्ट के मुताबिक एसिडिटी हमेशा पेट की समस्या नहीं होती यह हमारे खराब लाइफस्टाइल का परिमाण है। एक्सपर्ट ने बताया आप पाचन को दुरुस्त करने के लिए कितना भी ऑर्गेनिक खाना खा लें, हेल्दी जूस पी लें और हज़ारों डाइजेस्टिव सप्लीमेंट्स ले लें लेकिन अगर आप तनाव में है, अपराधबोध या ध्यान भटका कर खा रहे हैं तो पाचन प्रभावित होगा।

एक्सपर्ट ने बताया एसिड रिफ्लक्स और ब्लोटिंग कई बार पेट की नहीं, नर्वस सिस्टम की समस्या होती है। गट हेल्थ में सुधार करने के लिए सिर्फ प्रोबायोटिक्स फूड्स का सेवन करना ही काफी नहीं है बल्कि खाने के कुछ रूल्स को अपनाना भी जरूरी होता है। आइए जानते हैं कि पेट की गैस, ब्लोटिंग और एसिडिटी से छुटकारा पाने के लिए हम कौन-कौन से रूल्स अपना सकते हैं।  

खाना धीरे खाएं

अगर आप चाहते हैं कि आपका पाचन दुरुस्त रहे, आपको गैस, एसिडिटी और ब्लोटिंग से निजात मिले तो आप खाना धीरे-धीरे खाएं। आप खाने को धीरे-धीरे और चबाकर खाएंगे तो खाना पानी बन जाएगा और आंतों को उसे पचाना और अवशोषण करना आसान हो जाएगा।

खाना समय पर खाएं

अगर आप चाहते हैं कि आपका पाचन दुरुस्त रहे तो आप खाना समय पर खाएं। दिनभर थोड़ा-थोड़ा खाते रहना आजकल फैशन बन गया है, लेकिन आपका पेट भी आराम चाहता है। डाइजेस्टिव ब्रेक कोई लग्ज़री नहीं बल्कि जरूरी हैं। आप अपने खाने का समय सुनिश्चित करें। अगर आप फास्ट कर रहे हैं या फिर इंटरमिटेंट फास्टिंग कर रहे हैं तो भी आप अपने खाने का एक समय निर्धारण करें। खाने के बीच गैप रखें। आप सुबह 12 बजे खाते हैं तो अगले दिन भी आपके खाने का रिदम वहीं होना चाहिए।

जब आप तनाव में हों तो खाना नहीं खाएं

एक्सपर्ट ने बताया जब आप तनाव में होते हैं उस वक्त खाना नहीं खाएं।  जिस समय आप गिल्ट महसूस कर रहे हो, गुस्से में हो उस समय खाना नहीं खाएं। हमारा शरीर दो मुख्य ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम के बीच काम करता है एक Parasympathetic Nervous System (PNS) यानी जब आप शांत, स्थिर और रिलैक्स होते हैं तब यह सक्रिय होता है। यह पाचन क्रिया को सपोर्ट करता है। दूसरा Sympathetic Nervous System (SNS) यानी जब आप तनाव, डर, गुस्से या गिल्ट जैसी स्थिति में होते हैं तो यह सिस्टम एक्टिव हो जाता है। यह शरीर को खतरे से लड़ने या भागने के लिए तैयार करता है। जब आप तनाव में खाना खाते हैं तो आपका Sympathetic Nervous System सक्रिय हो जाता है। इसका सीधा असर आपके पाचन तंत्र पर पड़ता है। इस स्थिति में शरीर यह मानता है कि आप खतरे में हैं, इसलिए वो ऊर्जा बचाने के लिए पाचन क्रिया को धीमा कर देता है या बंद कर देता है जिसका नतीजा खाना ठीक से नहीं पचता, गैस, एसिडिटी, ब्लोटिंग, कब्ज या डायरिया की परेशानी होने लगती है।

देर रात खाना नहीं खाएं

अगर आप चाहते हैं कि आपका पाचन ठीक रहे, गैस,एसिडिटी और ब्लोटिंग कंट्रोल रहे तो आप देर रात तक खाना नहीं खाएं।  रात को देर से खाना सिर्फ बुरी आदत नहीं है यह आपकी सर्कैडियन बॉडी क्लॉक, इंसुलिन सेंसिटिविटी और एसिड बैलेंस को भी बिगाड़ता है इसलिए इस आदत को बदलें।

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