बदलते मौसम में सर्दी और खांसी होना एक आम परेशानी है। इसका मुख्य कारण मौसम का अचानक बदलाव और हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम पर इसका असर होना है। जैसे ही मौसम ठंडा या बदलता है, हमारे श्वसन तंत्र यानी सांस लेने की नली और फेफड़ों पर असर पड़ता है। बदलते मौसम में वायरस आसानी से फैलते हैं जो खांसी का कारण बनते हैं। ठंडी और नम हवा, एलर्जी और धूल भी खांसी का कारण बनती है। बहुत ज्यादा ठंडी या नमी वाली हवा भी श्वसन तंत्र को प्रभावित करती है और बलगम या खांसी की समस्या बढ़ा सकती है। बदलते मौसम में सर्दी और खांसी होना आम है, लेकिन सही देखभाल, पौष्टिक आहार और घरेलू उपाय इसे कम करने में मदद कर सकते हैं।
हरिद्वार में आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉक्टर दीपक कुमार ने बताया खांसी दो तरह की होती है सूखी खांसी और बलगम के साथ खांसी। दोनों तरह की खांसी में खांसते-खांसते दम फूलने लगता है। खांसी की वजह से सीने में दर्द रहता है और गले में भी परेशानी होने लगती है। इस मौसम में खांसी का इलाज करने के लिए कफ सिरप का सेवन जोखिम लगता है। कफ सिरप पीते ही नींद का नशा छाने लगता है और बॉडी में वीकनेस होने लगती है।
सर्द मौसम में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को खांसी की समस्या हो सकती है। इससे गले में खराश होती है तथा खांसी के साथ गले में दर्द भी हो सकता है। यदि जल्दी खांसी का उपचार न किया जाए तो खांसते-खांसते सीने में दर्द होने लगता है। अगर आप बदलते मौसम में खांसी से परेशान हैं तो कुछ घरेलू उपाय को अपनाएं बिना सिरप पिएं ही आपकी खांसी का इलाज हो जाएगा। आइए जानते हैं कि कौन-कौन से उपाय करके आप खांसी का इलाज कर सकते हैं।
गुनगुना पानी से करें कफ का इलाज
गुनगुना पानी सर्दी और खांसी में सबसे आसान और असरदार उपाय है। यह गले और श्वसन नली को आराम देता है, बलगम को पतला करता है और खांसी कम करने में मदद करता है। दिन में कई बार गुनगुना पानी पीने से गले में खराश और जलन कम होती है। इसमें आप थोड़ी मात्रा में हल्दी, शहद या अदरक भी मिला सकते हैं, जिससे सर्दी-खांसी पर और असर होता है। गुनगुना पानी न सिर्फ कफ को दूर करता है बल्कि इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है, जिससे शरीर जल्दी हेल्दी होता है।
गर्म पानी की भाप जरुर लें
गर्म पानी की भाप लेने से नाक से लेकर लंग्स तक साफ हो जाते हैं। गर्म पानी की भाप (steam inhalation) सर्दी और खांसी में बहुत लाभकारी है। इसे करने से नाक, गले और फेफड़ों तक जमा बलगम और कफ ढीला हो जाता है और सांस लेना आसान हो जाता है। भाप लेने से बंद नाक खुलती है, गले की खराश कम होती है और फेफड़ों की सफाई होती है। दिन में दो बार 5–10 मिनट भाप लेने से खांसी को आराम मिलता है। आप पानी में हल्दी, तुलसी या पुदीना भी डाल सकते हैं, जिससे संक्रमण और सूजन कम होती है और सर्दी-खांसी जल्दी ठीक होती है।
अजवाइन और तुलसी के पत्तों का करें सेवन
अजवाइन और तुलसी के पत्ते सर्दी और खांसी में बेहद असरदार हैं। अजवाइन में मौजूद तेलों और एंटीसेप्टिक गुण बलगम को पतला करते हैं, गले की खराश कम करते हैं और खांसी को रोकने में मदद करते हैं। तुलसी के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं और सांस लेने की नली को साफ रखते हैं। आप अजवाइन को हल्के तवे पर भूनकर चाय या गुनगुने पानी के साथ सेवन कर सकते हैं और तुलसी के पत्तों को चबाकर या तुलसी की चाय बनाकर पी सकते हैं। यह उपाय सर्दी-खांसी को जल्दी ठीक करता है।
तुलसी,काली मिर्च, गुड़,लौंग और अदरक का काढ़ा पिएं
सर्दी और खांसी में तुलसी, काली मिर्च, गुड़, लौंग और अदरक का काढ़ा बहुत फायदेमंद होता है। यह काढ़ा गले की खराश को कम करता है, बलगम को पतला करता है और खांसी को जल्दी राहत देता है। तुलसी और अदरक में एंटीवायरल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, काली मिर्च और लौंग बलगम को साफ करने में मदद करते हैं, जबकि गुड़ स्वाद बढ़ाने के साथ गले को आराम देता है। इसे रोजाना 1–2 बार गुनगुना पीने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और सर्दी-खांसी जल्दी ठीक होती है।
चाय में तुलसी के पत्ते और अदरक डालकर पिएं
सर्दी-खांसी में तुलसी और अदरक वाली चाय पीना बहुत फायदेमंद है। तुलसी के पत्तों में एंटीवायरस और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। अदरक गले की खराश और सूजन को कम करता है और बलगम को पतला करता है। आप एक कप चाय में 2–3 तुलसी के पत्ते और आधा इंच अदरक डालकर उबाल लें और हल्का गुनगुना पीएं। दिन में 1–2 बार सेवन करने से सर्दी-खांसी में आराम मिलता है, इम्यूनिटी मजबूत होती है और गले का गंदा कफ साफ होता है।
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