देश के कई शहरों में सूर्यग्रहण का अद्भुत नजारा देखने को मिला। ग्रहण की समाप्ति भारत के कई शहरों में हो चुकी है। जब भी ग्रहण की बात आती है तो सबके मन में यह सवाल उठता है कि ग्रहण लगने पर क्या चीजें करनी चाहिए और क्या नहीं। लेकिन इसके अलावा यह भी एक महत्व बात है कि क्या नग्न आंखों से सूर्य ग्रहण देखा जा सकता है? बता दें कि सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए। इससे आंखों को नुकसान पहुंचता है। विशेषज्ञ भी मानते हैं कि सूर्य ग्रहण को सीधे नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए। ऐसा करने से सूर्य से निकलने वाली हानिकारक किरणें आपकी आंखों को काफी नुकसान पहुंचा सकती हैं। कई बार यह अंधापन का कारण भी बनती हैं। इसलिए ग्रहण को हमेशा चश्मा पहनकर देखना चाहिए।
Surya Grahan 2020: कहीं नारंगी तो कहीं हरा दिखा सूरज, उत्तराखंड में दिखी रिंग ऑफ फायर, देखें- Photos
सूर्य ग्रहण के दौरान क्या चीजें करनी चाहिए और क्या नहीं-
– ऐसा माना जाता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव अधिक होता है, इसलिए भगवान का ध्यान करना आवश्यक है।
– सूर्य ग्रहण को नहीं देखना चाहिए।
– सूर्य ग्रहण के दौरान महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। ऐसा करना गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत को नुकसान पहुंचाता है, साथ ही बच्चे को मानसिक और शारीरिक रूप से भभी प्रभावित करता है।
– सूर्य ग्रहण के दौरान खाना भी नहीं बनाना चाहिए और ना ही खाना चाहिए।
– हिंदू धर्म के अनुसार ग्रहण के दौरान नुकीली चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
– कुछ लोग तो अपने घरों को भी पानी से धो डालते हैं। मान्यता है कि ग्रहण के बाद मन की शुद्धी के लिए दान-पुण्य भी करना चाहिए।


सूर्य ग्रहण के बाद अब अगला ग्रहण चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) होगा, जो 5 जुलाई को लगेगा। जुलाई के पहले सप्ताह में लगने वाला चंद्र ग्रहण इस साल का तीसरा चंद्र ग्रहण होगा। इससे पहले 10 जनवरी को पहला और 05 जून को दूसरा चंद्र ग्रहण लगा था। इस साल कुल चार चंद्र ग्रहण लगेंगे। साल का आखिरी और चौथा चंद्र ग्रहण 30 नवंबर को को लगेगा। वहीं इस साल दो सूर्य ग्रहण हैं। पहला 21 जून को लग चुका है, दूसरा 14 दिसंबर को लगेगा।
सूर्य ग्रहण के समाप्त होने के बाद स्नान करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण के बाद गंगा या किसी पावन नदी में स्नान करना चाहिए। परंतु इस समय कोरोना वायरस के कारण घर से बाहर निकलना सुरक्षित नहीं, इसलिए घर में ही गंगा मां और सभी पावन नदियों का ध्यान कर स्नान कर लें।
ग्रहण के बाद गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जरूरतमंदों को वस्त्रदान से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है। मान्यता है कि सामान्य दिन से ग्रहण में किया गया पुण्य कर्म 1 लाख गुना फलदायी होता है।
- ग्रहण खत्म होने के तुरंत बाद पूरे घर की सफाई अच्छे से कर लेनी चाहिए। क्योंकि ऐसा माना जाता है सूर्य ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा घर में आ जाती है। इसलिए सफाई के बाद पूरे घर में धूप या अगरबत्ती का धुआं अवश्य दिखाएं।
- ग्रहण के तुंरत बाद स्नान कर लेना चाहिए। घर के मंदिर को भी गंगाजल से शुद्ध कर लेना चाहिए। इसके लिए देवी-देवताओं और भगवान की सभी मूर्तियों और तस्वीरों पर गंगाजल छिड़कना चाहिए।
कोई भी व्यक्ति इस सूर्यग्रहण को नंगी आंखों से न देखे. नासा के अनुसार, इस दुर्लभ सूर्यग्रहण को देखने के लिए सोलर फिलटर ग्लास वाले चश्मे का ही प्रयोग करें. एक्स-रे शीट या फिर साधारण चश्मे से इस सूर्यग्रहण को न देखें. इससे आपकी आंखों को नुकसान पहुंच सकता है. कई रिपोर्ट में बताया गया है कि ग्रहण के दौरान ड्राइविंग या राइडिंग नहीं करनी चाहिए. छोटे बच्चों को सूर्यग्रहण नहीं दिखाना चाहिए.
अलग-अलग जगहों पर ग्रहण के समाप्त होने का समय भी अलग अलग है। देश की राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां ग्रहण 1.50 तक समाप्त हो जाएगा। देश के बाकी हिस्सों में कुछ देर बार ग्रहण खत्म होगा।
ध्यान रखें कि सूर्य ग्रहण कभी भी नंगी आंखों से न देखें। क्योंकि इस दौरान सूर्य से खतरनाक किरणें निकलती हैं जो सूर्य को सीधे देखने पर आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। सूर्यग्रहण को देखने के लिए स्पेशल सोलर फिल्टर्स का इस्तेमाल किया जाता है। होममेड फिल्टर्स या साधारण सनग्लासेज से भी सूर्य की तरफ न देखें फिर चाहे वह डार्क सनग्लास ही क्यों न हो। एक्लिप्स ग्लास या सोलर व्यूअर्स आते हैं उनका इस्तेमाल करें। टेलिस्कोप से ग्रहण देखते वक्त सोलर फिल्टर को टेलिस्कोप के स्काई एंड की तरफ लगाएं न की टेलिस्कोप के आई पीस की तरफ। अगर आपके पास ये सारे ऑप्शन्स या इंतजाम नहीं हैं तो बेहतर होगा कि आप नंगी आंखों से खुद ग्रहण देखने की बजाए टीवी पर ही इसे देख लें।
1. सूर्य ग्रहण के दौरान अक्सर लोग नंगी आंखों के सूरज को देखते हैं. ऐसा भूलकर भी न करें. यह आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है.
2. अगर आपको सूर्यग्रहण देखना है तो इसके लिए सोलर फिल्टर चश्मे का इस्तेमाल करें.
3. सोलर फिल्टर चश्मे को सोलर-व्युइंग ग्लासेस, पर्सनल सोलर फिल्टर्स या आइक्लिप्स ग्लासेस भी कहते हैं.
4. चश्मा न होने की स्थिति में सूर्य ग्रहण न देखें.
5. सूर्यग्रहण के दौरान सूरज को पिनहोल, टेलीस्कोप या फिर दूरबीन से भी न देखें.
कई ग्रहों की वक्री स्थिति सूर्य ग्रहण को बहुत ही अधिक प्रभावशाली बनाएगी। ज्योतिष की मानें तो ग्रहण प्राकृतिक आपदाओं का कारक बन सकता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सूर्यग्रहण के समय एक साथ छह ग्रह वक्री यानी उल्टी चाल चल रहे होंगे। बुध, गुरु, शुक्रशनि, राहू व केतु वक्री रहेंगे।
इस सूर्य ग्रहण के समय ग्रह और नक्षत्रों का ऐसा संयोग बनने जा रहा है जो पिछले 500 सालों में नहीं बना। ग्रहण मृगशिरा, आद्र्रा नक्षत्र और मिथुन राशि में लगेगा।
सूर्य ग्रहण का सबसे शानदार नजारा दोपहर 12 बजे के करीब देखने को मिलेगा। जिसमें रिंग ऑफ फायर का अनोखा दृश्य देखने को मिलेगा। इसमें सूर्य आसमान में सोने की रिंग की तरह नजर आएगा।
अहमदाबाद, जम्मू, नोएडा, अमृतसर और उज्जैन में दिखा ग्रहण। यह ग्रहण दोपहर 3 बजकर 4 मिनट पर समाप्त होगा।
सूर्य ग्रहण कई जगहों पर देखा जा रहा है। सूर्य ग्रहण होने में कम से कम 1 घंटा बीत चुका है। अब से थोड़ी देर बाद आप रिंग ऑफ फायर का अनोखा नजारा देख सकेंगे। रिंग ऑफ फायर में चांद करीब 99 प्रतिशत सूर्य का भाग ढक लेता है। जिस कारण सूर्य के किनारे रिंग के आकार की आकृति दिखाई देने लगती है।
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में भी दिख चुका है सूर्य ग्रहण, इस ट्वीट के जरिए देखिये कैसा दिख रहा है यह ग्रहण
इस सूर्य ग्रहण के बाद 5 जुलाई को एक और ग्रहण लगेगा। यह ग्रहण चंद्र ग्रहण होगा। इससे पहले भी इसी महीने की 5 जून को उपच्छाया चंद्र ग्रहण लगा था। यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। जिस कारण से सूतक मान्य नहीं होगा।
मुंबई, दिल्ली और नोएडा जैसे महानगरों में इस समय सूर्य ग्रहण लग चुका है। जैसे से समय आगे बढ़ेगा वैसे ही देश के अन्य हिस्सों में भी ग्रहण का अनोखा नजारा देखने को मिलेगा। यह ग्रहण दोपह के 3 बजे तक रहेगा। लगभग 12 बजे के आसपास रिंग ऑफ फायर का नजारा देखा जाएगा।
गुजरात के गांधीनगर में कुछ इस प्रकार दिखा सूर्य ग्रहण... सूर्य ग्रहण दोपहर 3:04 बजे तक दिखाई देगा। अधिकतम ग्रहण 12:10 IST पर होगा।
सूर्य ग्रहण शुरू हो चुका है। देश के कुछ हिस्सों में ग्रहण दिखने भी लगा है। सूर्य ग्रहण का सबसे बेहतरीन नजारा दोपहर 12 बजे के करीब देखने का मिलेगा जब सूर्य सोने की अंगूठी की भांति नजर आएगा जिसे रिंग ऑफ फायर कहा जा रहा है।
मुंबई में भी दिख चुका है सूर्य ग्रहण, इस ट्वीट के जरिए देखिये कैसा दिख रहा है यह ग्रहण
राजधानी दिल्ली में भी दिखा सूर्य ग्रहण.... सूर्य ग्रहण दोपहर 3:04 बजे तक दिखाई देगा।
भारत से नजर आने वाला अगला सूर्य ग्रहण 20 मार्च 2034 को पड़ेगा, जो कि एक पूर्ण सूर्यग्रहण होगा और भारत इस दुर्लभ घटना का गवाह बनेगा। उसके बाद भारत से अगला सूर्यग्रहण 17 फरवरी 2064 को नजर आएगा और इस सदी का भारत से नजर आने वाला अंतिम सूर्यग्रहण 22 जून, 2085 को पड़ेगा।
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ऐसा माना जाता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव अधिक होता है, इसलिए भगवान का ध्यान करना आवश्यक है।
- सूर्य ग्रहण को नहीं देखना चाहिए।
- सूर्य ग्रहण के दौरान महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। ऐसा करना गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत को नुकसान पहुंचाता है, साथ ही बच्चे को मानसिक और शारीरिक रूप से भभी प्रभावित करता है।
सूर्य ग्रहण भारत, पाकिस्तान, चीन, सेंट्रल अफ्रीका के देश, कॉन्गो, इथोपिया, नॉर्थ ऑफ ऑस्ट्रेलिया, हिंद महासागर और यूरोप के अलग-अलग देशों में दिखाई देगा. राजस्थान के सूरतगढ़ और अनूपगढ़, हरियाणा के सिरसा, रतिया, और कुरुक्षेत्र तथा उत्तराखंड के देहरादून, चंबा, चमोली और जोशीमठ जैसे क्षेत्रों से ‘अग्नि-वलय’ एक मिनट तक दिखेगा।
भारत में सूर्यग्रहण का आरम्भ प्रातः 10 बजकर 31 मिनट ,मध्य 12:18 बजे ई मोक्ष दोपहर 2 बजकर 4 मिनट तक रहेगा।
21 जून को लगने वाले सूर्य ग्रहण में लोग रिंग ऑफ फायर देख सकते हैं। दरअसल, इस दौरान सूर्य का 88 फीसदी भाग चंद्रमा की वजह से दिखाई नहीं देगा। इस वजह से सूर्य के किनारे रिंग की तरह दिखाई देंगे। इसे ही रिंग ऑफ फायर कहते हैं। यह रिंग ऑफ फायर कुछ सेकेंड्स से लेकर कई जगहों पर 12 मिनट तक दिखाई देगा।
यह एक खगोलीय घटना है. सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा के आ जाने की खगोलिया स्थिति से जब सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर नहीं पहुंच पाता है, तो इस स्थिति को ही सूर्य ग्रहण कहा जाता है.
साल 2020 का पहला सूर्य ग्रहण करीब 6 घंटों तक प्रभावी रहेगा. यह सूर्य ग्रहण भारत समेत चीन, अफ्रीका, कांगो, इथोपिया, नेपाल, पाकिस्तान आदि देशों में दिखाई देगा।
सूर्य ग्रहण शुरुआत में आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और 10 बजकर 17 मिनट तक यह पूर्ण सूर्य ग्रहण की तरह दिखाई दे सकता है. पूर्ण सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) रविवार दोपहर को 2 बजकर 2 मिनट पर समाप्त होगा। जबकि आंशिक सूर्य ग्रहण 3 बजकर 4 मिनट पर खत्म होगा।ये है
दोपहर 12.10 बजे ग्रहण अपने चरम पर होगा। लेकिन भारत में ग्रहण की समाप्ति 1.49 बजे के करीब होगी।
चंद्रमा की तरह सूर्य ग्रहण खुली आंखों से नहीं देखना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इसका बुरा असर आपकी आंखों पर पड़ सकता है। सूर्य ग्रहण को सुरक्षित तकनीक या तो एल्युमिनेटेड मायलर, ब्लैक पॉलिमर, शेड नंबर 14 के वेल्डिंग ग्लास या टेलिस्कोप द्वारा सफेद बोर्ड पर सूर्य की इमेज को प्रोजेक्ट करके उचित फिल्टर का उपयोग कर के देखा जा सकता है।
सूर्य ग्रहण को सीधे आंखों से देखने की सलाह नहीं दी जाती। दरअसल, सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य से काफी हानिकारक सोलर रेडिएशन निकलते हैं जिससे कि आंखों के नाजुक टिशू डैमेज हो जाते हैं और आंखों को जबरदस्त नुकसान पहुंच सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक सूर्य ग्रहण देखने के लिए नॉर्मल गॉगल्स या चश्मे का इस्तेमाल कतई न करें बल्कि इसके लिए सोलर-व्युइंग ग्लासेस, पर्सनल सोलर फिल्टर्स या आइक्लिप्स ग्लासेस का इस्तेमाल करना चाहिए। इस तरह के चश्मे को सोलर फिल्टर युक्त चश्मा कहा जाता है। पिनहोल, टेलेस्कोप और दूरबीन से भी सूर्यग्रहण देखना हानिकारक साबित हो सकता है।
सूर्य ग्रहण के दौरान खाना भी नहीं बनाना चाहिए और ना ही खाना चाहिए।
- हिंदू धर्म के अनुसार ग्रहण के दौरान नुकीली चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- कुछ लोग तो अपने घरों को भी पानी से धो डालते हैं। मान्यता है कि ग्रहण के बाद मन की शुद्धी के लिए दान-पुण्य भी करना चाहिए।
ग्रहण काल की वेला में भगवत भजन और मंत्र जाप सभी तरह की विपत्तियों और दोषों से बचाता है। ग्रहण काल में लगातार जाप करते रहना चाहिए। जाप करने से सकारात्मक ऊर्जा निकलती है। इससे वातावरण में पवित्रता आती है और विचार शुद्ध होते हैं।
ग्रहण का सभी राशिय़ों पर प्रभाव पड़ता है। अलग-अलग राशियों के लिए शुभ-अशुभ फल बताए जाते हैं। ग्रहण की वजह से जिन राशियों पर विपरित प्रभाव पड़ता है, उन्हें ग्रह शांति कराना चाहिए। इसका विधान है।
ग्रहण खत्म होने के बाद घर की साफ-सफाई और स्नान करना चाहिए। इस दौरान नदी, सरोवरों में स्नान करना शुभ और अत्यंत फलदायी माना जाता है।
वैज्ञानिकों के लिए उत्सव से कम नहीं है सूर्य ग्रहण। तमाम तरह के शोध, जानकारी जुटाने के साथ-साथ दुनिया की अलौकिक घटना को देखने का अवसर भी मिलता है।
ग्रहण काल में सूर्य की सीधी रोशनी का संपर्क आंखों के साथ-साथ मानसिक स्थिति पर भी बुरा असर डालता है। इसका वैज्ञानिक कारण भी है। इसलिए इससे बचें।
ग्रहण खत्म होने पर पूजा-पाठ करें। घर के मंदिर में दीप जलाकर ईश्वर का ध्यान लगाएं। यदि आसपास मंदिर है तो वहां जाकर भी पूजा करें और गरीब लोगों को दान-दक्षिणा दें। मान्यता यह भी है कि ग्रहण खत्म होने पर गाय को रोटी खिलाने से अच्छा फल प्राप्त होता है।
ग्रहण काल में निषेध विधानों का पालन कर विपत्तियों से बच सकते हैं। जो लोग इन नियमों और विधानों का पालन करते हैं, उन्हें ग्रहण से उपजने वाली समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है।