सोनाली फोगाट की मौत के बाद से इन दिनों हर जगह मेथामफेटामाइन ड्रग को लेकर चर्चाएं हो रही है। दरअसल इसी ड्रग की वजह से सोनाली फोगट का निधन हुआ है। हाल ही में गोवा पुलिस ने दावा किया था कि सोनाली को ड्रिंक में मेथामफेटामाइन की मिलावट की गई थी। जिसके पीने के कुछ घंटे बाद ही उनकी मौत हो गई। इस ड्रग की बात होने बाद से इसके बारे में लोग जानने के लिए उत्सुक हैं कि क्या इस ड्रग के सेवन से किसी व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है? आइए जानते हैं कि यह ड्रग मौत का कारण कैसे बन सकती है-

मेथामफेटामाइन ड्रग क्या है ?

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन ड्रग अब्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक मेथामफेटामाइन एक बेहद ही शक्तिशाली ड्रग है जिसके सेवन से लोगों में इसका एडिक्शन बढ़ता। इस ड्रग का असर हमारे सेंट्रल नर्वस सिस्टम यानी तंत्रिका तंत्र पर पड़ता है।

बता दें कि यह क्रिस्टल मेथामफेटामाइन ड्रग एक कांच के टुकड़े जैसा चमकदार दिखता है। इस ड्रग का रासायनिक रूप से इस्तेमाल अटैंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD), नार्कोलेप्सी और स्लीप डिसऑर्डर के इलाज के लिए किया जाता है। चूंकि इसका रासायनिक प्रभाव एम्फ़ैटेमिन के समान है। धीरे-धीरे लोग इसका गलत इस्तेमाल कर रहे हैं जिसका प्रभाव खतरनाक हो सकता है।

मेथामफेटामाइन ड्रग सीधा दिमाग पर करता है असर

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन ड्रग एब्यूज(NIDA) के मुताबिक मेथामफेटामाइन ड्रग के सेवन के बाद इसका सीधा असर व्यक्ति दिमाग पर होता है। दरअसल जैसे ही इसका सेवन करते हैं यह शरीर के अंदर प्रवेश कर ब्रेन में नैचुरल केमिकल डोपामाइन की मात्रा को बढ़ा देता है। डोपामाइन हॉर्मोन्स के रिलीज होने पर व्यक्ति खुद को खुश महसूस करता है।

इसके साथ ही डोपामाइन रिलीज होने पर एनर्जी लेवल बढ़ता है और लोग अच्छा महसूस करने लगते हैं। आमतौर पर यह हमारे शरीर में प्राकृतिक रूप से रिलीज होती है, लेकिन यह दवा इसकी मात्रा को बढ़ा देती है। एक बार इस दवा को लेने वाले लोग जल्द ही इसकी लत के शिकार हो जाते हैं। बार-बार ऐसा करना दिमाग के लिए बहुत खतरनाक होता है। कई लोग इसका ओवरडोज भी ले लेते हैं, जो मौत का कारण बन जाता है।

मेथामफेटामाइन ड्रग के अधिकता से पड़ सकता है दिल का दौरा

न्यू साउथ वेल्स-ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय के नेशनल ड्रग एंड अल्कोहल रिसर्च सेंटर के मुताबिक मेथामफेटामाइन का कम खुराक भी हृदय संबंधी जटिलताओं को बढ़ा सकता है। लेकिन बढ़ी हुई मात्रा लेने से रक्त वाहिकाओं में संकुचन और ऐंठन, तेजी से हृदय गति (टैचीकार्डिया), उच्च रक्तचाप और हार्ट अटैक के साथ व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है।

मेथामफेटामाइन ड्रग लेने वाले पर इसका असर

कम मात्रा में लेने पर मेथामफेटामाइन दवा का कोकीन जैसा प्रभाव होता है। इस ड्रग के सेवन के बाद लोगों की फिजिकल एक्टिविटी बढ़ जाती है। भूख कम होने लगती है और सांस लेने की दर बढ़ जाती है। यह दवा दिल की धड़कन को तेज कर देती है और रक्तचाप बढ़ जाता है। इससे शरीर का तापमान भी बढ़ जाता है और लोगों के व्यवहार में अचानक से बदलाव देखने को मिलता है।

किस तरह से मेथामफेटामाइन ड्रग का किया जाता है सेवन ?

लोग मेथामफेटामाइन को सिगरेट की तरह जलाकर, दवा के रूप में निगलकर, नाक से सांस लेकर, इंजेक्शन लगाकर या पानी में मिलाकर लेते हैं। इसके ओवरडोज से कार्डियक अरेस्ट हो सकता है। इस दवा के लंबे समय तक उपयोग से एचआईवी और हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी हो सकता है। कई मामलों में, इसके ओवरडोज से मौत के मामले सामने आए हैं।