बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्गों तक जब कोई भी इंसान किसी धूल मिट्टी वाली जगह पर जाता है तो उसे छींक आने लगती है। इससे अलग नाक में कुछ तीखा चले जाने पर भी ऐसा ही होता है, लेकिन क्या कभी आपने इसके पीछे की वजह जानने की कोशिश की है? क्या आपने सोचा है कि किसी इंसान को छींक क्यों आती है और छींक आने पर इंसान की आंखें बंद क्यों हो जाती हैं? अगर नहीं तो आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं। साथ ही जानेंगे की छींक आने पर हमारे मुंह से आवाज क्यों आती है।
क्यों आती है छींक?
हेल्थलाइन की खबर के मुताबिक, छींकना शरीर की एक रक्षात्मक प्रतिक्रिया है। इसके जरिए शरीर नाक और लंग्स की हवा को मुंह और नाक के जरिए बाहर निकलता है। इससे अलग अगर नाक में कोई बैक्टीरिया, वायरस या किसी तरह की कोई बाहरी चीज घुस जाती है, तो छींक आने से वो बाहर निकल जाती है।
छींकते वक्त क्यों बंद हो जाती हैं आंखें?
खबर के मुताबिक, माना जाता है कि अगर छींकते वक्त आंखें खोलने की कोशिश की जाए तो इसके प्रेशर से आंख की पुतलियां बाहर भी निकल सकती है। हालांकि, यह महज एक अफवाह है। असल में छींकते वक्त आंखों का बंद हो जाना अपने आप होने वाला एक एक्शन है। यानी हमारे बिना सोचे, हमारा शरीर खुदबखुद ऐसा कर देता है। इससे अलग वैज्ञानिकों की माने तो छींकते वक्त आंखें इसलिए बंद हो जाती हैं ताकि मुंह से निकलने वाले बैक्टीरिया आंखों में ना चले जाएं।
छींकते वक्त मुंह से क्यों आती है आवाज?
रिपोर्ट में इस सवाल का जवाब भी दिया गया है। जैसा कि ऊपर बताया गया है, छींकते वक्त लंग्स में भरी हवा मुंह के जरिए भी बाहर निकलती है। ऐसे में वो हवा निकलने की ही आवाज होती है। आपने गौर किया होगा कि अलग-अलग लोग छींकते वक्त अलग-अलग आवाजें निकालते हैं, इसके पीछे भी खास वजह है। खबर की मानें तो जिस इंसान के लंग्स से जितनी ज्यादा हवा निकलेगी, उसके मुंह से उतनी ही ज्यादा तेज आवाज आएगी।
FAQs
एक दिन में कितनी छींक आना नार्मल है?
एक अध्ययन में पाया गया कि लगभग 95% लोग दिन में लगभग चार बार छींकते हैं।
छींक रोकना क्यों है खतरनाक?
छींक आने के दौरान हमारे नासा-छिद्रों से तेज रफ्तार में हवा बाहर आती है। अगर आप छींक रोकते हैं तो ये सारा दबाब दूसरे अंगों की ओर मुड़ जाता है। इससे सबसे अधिक नुकसान कान को हो सकता है।