पीपल का हिंदू धर्म में धार्मिक महत्व होता है। तमाम औषधीय गुणों से भरपूर होने की वजह से इसका इस्तेमाल आयुर्वेद में कई तरह के रोगों के उपचार में किया जाता है। पीपल के पत्ते, छाल और फलों का इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है। आयुर्वेद विशेषज्ञ आचार्य बालकृष्ण पीपल के इस्तेमाल के तमाम फायदों के बार में बताते हैं। तो चलिए जानते हैं कि किन गंभीर बीमारियों में पीपल का इस्तेमाल किया जा सकता है।
सांप के काटने में – अगर किसी को भी सांप काट ले तो पीपल की मदद से उसका उपचार किया जा सकता है। इसके लिए पीपल की दो पत्तियों को तोड़ लें। दोनों पत्तियों को दोनों कानों में इतना डालें कि कान का पर्दा न फटे। पत्तियों को जोर से पकड़े रहें। ऐसा इसलिए क्योंकि जब आप पत्तियां कान के अंदर डालेंगे तो इससे अंदर की तरफ खिंचाव होगा। कुछ देर बाद जब खिंचाव कम हो जाए तो उसे हटाकर दो नई पत्तियां लगाएं। इस प्रकार से 30-40 पत्तियां लगाने के बाद सांप का जहर उतर जाएगा। प्रयोग के उपरांत पत्तियों को जमीन में दफना दें क्योंकि वे जहरीली हो चुकी होती हैं। इस उपचार के बाद आप रोगी को डॉक्टर के पास ले जा सकते हैं। इस उपचार के लिए एक बात ध्यान रखने की ये है कि इसका इस्तेमाल तभी करें जब प्राथमिक उपचार की कोई संभावना न हो।
गर्भाशय में संक्रमण – जिन महिलाओं को गर्भाशय में संक्रमण की वजह से संतान-सुख नहीं मिलता उनके लिए पीपल वरदान की तरह होता है। ऐसी महिलाएं पीपल के फल को सुखाकर उसका पाउडर बना लें। अब इस पाउडर का नियमित रूप से सेवन करें। इससे निश्चित रूप से संतति लाभ होगा।
शारीरिक क्षीणता में – किसी भी उम्र के लोगों में यदि शारीरिक क्षीणता की शिकायत होती है तो ऐसे लोग पीपल के फलों का पाउडर बनाकर बराबर मात्रा में मिश्री के साथ मिलाकर एक-एक चम्मच सुबह शाम सेवन करें। इससे शारीरिक कमजोरी दूर होती है और शरीर को ताकत मिलती है।