फेफड़ों के कैंसर (लंग कैंसर) से हर साल लगभग 1.6 मिलियन लोग अपनी जान गंवा देते हैं। तंबाकू सेवन को फेफड़ों के कैंसर की सबसे बड़ी वजह मानी जाती है, हालांकि, कई लोग जो तंबाकू नहीं खाते वो भी इसके शिकार हो जाते हैं। इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक हमारे देश में ऐसे लोगों की संख्या बहुत है जो बिना तंबाकू खाए भी लंग कैंसर की समस्या से जूझ रहे हैं।
वहीं, अमेरिका में नॉन-स्मोकर्स को कैंसर होना छठा या सातवां आम तरह का कैंसर है। नॉन स्मोकर्स को एयर पॉल्यूशन, सेकेंड हैंड स्मोकिंग के संपर्क में आने की वजह से फेफड़ों का कैंसर हो सकता है। इसके अलावा काफी देर तक ट्रैफिक जाम में फंसे रहने से भी इस तरह के कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
क्यों हानिकारक है ज्यादा देर जाम में रहना?: रिपोर्ट के अनुसार एक हालिया शोध से इस बात का पता चलता है कि कि जाम में रहने के समय प्रदूषण की मात्रा 40 प्रतिशत अधिक होती है। खाली सड़क की तुलना में जाम के वक्त गाड़ी के अंदर बैठे लोग 29 प्रतिशत अधिक हानिकारक प्रदूषक तत्वों के संपर्क में आते हैं। वहीं, ट्रैफिक में फंसे होने पर गाड़ियों में लगा फैन बाहर की अशुद्ध हवा को गाड़ी के अंदर खींच लेता है। ज्यादा देर तक इस जहरीली हवा में सांस लेने से फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
कैंसर कारक है ये जहरीली हवा: बड़ी इंडस्ट्रीज, कंपनियों और घर से होने वाले प्रदूषण के अलावा गाड़ियों से निकलने वाला धुंआ एयर पॉल्यूशन को 25 से 40 प्रतिशत तक और बढ़ाता है। कई शोध से ये साबित होता है कि इस धुएं में मौजूद नाइट्रोजन ऑक्साईड और सल्फर डाई आक्साइड के संपर्क में आने से लोगों को लंग कैंसर हो सकता है। वहीं, जानवरों पर हुए शोध से पता चलता है कि सल्फर डाई आक्साइड को इनहेल करने से मल्टीपल ऑर्गन डिसॉर्डर्स हो सकते हैं, जिससे हमारे फेफड़ों के प्रभावित होने की भी संभावना होती है।
ट्रैफिक में प्रदूषित हवा से ऐसे बचें: ट्रैफिक जाम में फंसे होने पर कुछ बातों का ध्यान रखकर आप खतरनाक प्रदूषित हवा से बच सकते हैं। जाम की स्थिति में अपनी गाड़ी का शीशा न खोलें, साथ ही फैन को भी बंद रखें ताकि आप कम से कम प्रदूषित हवा के संपर्क में आ सकें। इसके अलावा गाड़ी में ऐसे फैंस लगाएं जो कम से कम बाहरी हवा को अंदर खींच सके। अपने वाहन से आगे खड़े वाहनों से थोड़ी दूरी बनाए रखें; इससे आप धुंए से तो बचेंगे ही, साथ ही ऐसा करने से आप भी सुरक्षित रहेंगे।