स्ट्रोक (Stroke) एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है जिसमें ब्रेन में ब्लड सप्लाई अचानक रुक जाती है या बाधित हो जाती है। ब्लड सप्लाई बाधित होने की वजह से मस्तिष्क की कोशिकाएं ऑक्सीजन और पोषक तत्वों के अभाव में कुछ ही मिनटों में मरने लगती हैं। अगर समय रहते इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। स्ट्रोक जिसे मेडिकल भाषा में सेरेब्रोवस्कुलर एक्सीडेंट (CVA) कहा जाता है। इस स्थिति में जब ब्रेन की नसों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती तो ब्लड वैसल्स फट सकती है। स्ट्रोक तीन तरह का होता है।
- इस्केमिक स्ट्रोक (Ischemic Stroke) के लगभग 85% मामलों आते हैं जो स्ट्रोक का सबसे आम प्रकार है। इसमें मस्तिष्क की ब्लड वैसल्स किसी थक्का (clot) के कारण ब्लॉक हो जाती हैं।
- हेमरेजिक स्ट्रोक (Hemorrhagic Stroke) जिसमें दिमाग की कोई भी नस फट सकती है जिसका खून ब्रेन में बहने लगता है। ये स्थिति हाई ब्लड प्रेशर या ब्रेन एनीयूरिज़म के कारण हो सकती है। ब्रेन एनीयूरिज़म (Brain Aneurysm) ब्रेन की किसी रक्त वाहिका की दीवार का कमजोर होकर गुब्बारे या फुलाव जैसा उभर आना होता है। यह एक खतरनाक स्थिति बन सकती है, खासकर अगर यह फट जाए।
- मिनी स्ट्रोक या टीआईए (Transient Ischemic Attack) यह एक अस्थायी स्ट्रोक होता है जिसमें रक्त प्रवाह कुछ समय के लिए रुकता है। इस परेशानी में लक्षण कुछ समय में ही ठीक हो जाते हैं, लेकिन इसे वॉर्निंग साइन माना जाता है।
HT में छपी खबर के मुताबिक अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल, बैंगलोर के एमडी जनरल फिजीशियन डॉ. रवि केसरी ने बताया CVA या स्ट्रोक ऐसी स्थिति है जिसमें तुरंत चिकित्सा सहायता लेना बेहद जरूरी होता है। अगर लम्बे समय तक इन लक्षणों को नजरअंदाज किया जाए तो यह लक्षण बॉडी को लम्बे समय तक नुकसान पहुंचा सकते हैं। डॉक्टर ने बताया स्ट्रोक की स्थिति में मरीज की जान बचाना है तो समय का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
समय रहते इलाज मिल जाए तो मरीज की जान को बचाया जा सकता है। हमारी बॉडी स्ट्रोक से पहले कुछ वार्निंग साइन देती है जिन्हें समझना बेहद जरूरी है। डॉ. रवि केसरी ने बताया कि ‘BE FAST’ एक ऐसा acronym है जो स्ट्रोक के शुरूआती महत्वपूर्ण लक्षणों को दर्शाता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि ‘BE FAST’ अक्षरों से स्ट्रोक के लक्षणों की पहचान कैसे करें।
स्ट्रोक के शुरुआती लक्षण
B – Balance यानी संतुलन का बिगड़ना। स्ट्रोक के दौरान मरीज को अचानक चक्कर आता है और संतुलन बिगड़ने लगता है।
E – Eyes आंखों से मतलब है दोनों आंखों में धुंधलापन आना या एक आंख से दिखाई नहीं देना
F – Face चेहरा पर मुस्कुराते समय एक या दोनों तरफ सुन्नपन होना
A – Arms बांहें यानी दोनों हाथ उठाने पर एक हाथ अपने आप गिर जाना
S – Speech बोलने की क्षमता प्रभावित होना यानी शब्द अस्पष्ट रूप से निकलना या सही शब्दों को चुनने में कठिनाई
T – Time समय यानी तुरंत चिकित्सा सहायता लें और लक्षण शुरू होने का सही समय नोट करें। इसका सही इलाज तय करने में मदद मिलती है
ये लक्षण भी हो सकते हैं जिम्मेदार
डॉ. केसरी ने रिपोर्ट में बताया स्ट्रोक के लक्षण चेहरे और हाथों के अलावा शरीर के किसी भी हिस्से में सुन्नपन भी हो सकते है। शरीर का एक हिस्सा सुन्न हो सकता है या पैरालाइज हो सकता है। व्यक्ति को अंगों में असामान्य संवेदनाएं, तालमेल में गड़बड़ी, अचानक तेज सिरदर्द, दौरे और बेहोशी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। स्ट्रोक मस्तिष्क के विभिन्न हिस्सों को अस्थिर कर सकता है, इसलिए इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
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