Vitamin D Deficiency: हेल्दी और फिट बॉडी को बनाए रखने के लिए जरूरी पोषक तत्वों के साथ-साथ Vitamin D की भी बहुत आवश्यकता होती है। विटामिन डी की कमी आपके शरीर खासकर हड्डियों और मांसपेशियों पर प्रभाव डाल सकती है। विटामिन डी एक ऐसा पोषक तत्व है, जो सूर्य की रोशनी यानी धूप और डाइट से मिलता है।

विटामिन डी हड्डियों से लेकर संक्रमण और बीमारियों से लड़ने तक शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों को बनाए रखने में मदद करता है। विटामिन कैल्शियम और फास्फोरस अवशोषण को बढ़ावा देता है, जो स्वस्थ हड्डियों और दांतों के निर्माण में मदद करता है। ये विटामिन मसल्स की ग्रोथ से लेकर स्किन तक के लिए भी फायदेमंद है। कई रिसर्च में ये बात साबित हुई है कि विटामिन डी का सेवन हाइपरटेंशन यानी हाई बीपी के जोखिम को बहुत हद तक कम कर देता है।

उम्र के हिसाब से विटामिन डी की जरूरत

  • नवजात शिशु- जन्म से 12 महीने की आयु तक 10 एमसीजी (400 आईयू)
    बच्चा- 1 वर्ष से 13 वर्ष आयु तक 15 mcg (600 IU)
    किशोर- 14 वर्ष से 18 वर्ष आयु तक 15 एमसीजी (600 आईयू)
    वयस्क (बालिग)- 19 वर्ष से 70 वर्ष आयु तक 15 एमसीजी (600 आईयू)
    बुजुर्ग- 71 वर्ष से अधिक आयु 20 एमसीजी (800 आईयू)
  • विटामिन डी की कमी के लक्षण क्या हैं?

विटामिन डी की कमी के लक्षण क्या हैं?

  • बाल पतले या बालों का झड़ना।
  • एनर्जी की कमी और जल्दी थक जाना।
  • मांसपेशियों में ऐंठन और हड्डियों में दर्द होना।
  • आसानी से संक्रमण की चपेट में आना।
  • घाव धीरे भरना।

हड्डी और जोड़ों का दर्द

विटामिन डी की कमी होने पर शरीर कैल्शियम और फास्फोरस को पूरी तरह से अवशोषित नहीं कर पाता है, जिससे हड्डियों में दर्द, हड्डियों के फ्रैक्चर, मांसपेशियों में दर्द और मांसपेशियों की कमजोरी का जोखिम बढ़ सकता है।

मांसपेशियों में कमजोरी और ऐंठन

विटामिन डी मांसपेशियों के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता और जब मांसपेशियों में कमजोरी या दर्द का महसूस हो, तो यह विटामिन डी की कमी का संकेत है। बोन रिपोर्ट्स के एक अध्ययन के अनुसार, विटामिन डी की कमी वाले कमजोर, वृद्ध, विशेष रूप से संस्थानों में रहने वाले लोगों को विटामिन डी सप्लीमेंट से लाभ हो सकता है।

दांतों की समस्याएं

विटामिन डी की कमी के कारण मुंह से संबंधी कई बीमारियां हो सकती हैं। एक अध्ययन के अनुसार , विटामिन डी की कमी से दांतों की खराबी और पेरियोडोंटाइटिस का जोखिम बढ़ जाता है।

थकान

विटामिन डी की कमी से थकान की समस्या हो सकती है, जो पर्याप्त आराम करने से भी दूर नहीं होती। पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी न होने से मूड में बदलाव, आलस्य और खराब मानसिक स्वास्थ्य भी हो सकता है।

विटामिन डी की कमी कैसे पूरी करें?

  • विटामिन डी कमी को खानपान के माध्यम से भी पूरा किया जा सकता है।
  • अपने आहार के माध्यम से प्राकृतिक रूप से विटामिन डी की कमी को पूरा करें
  • सूर्य के रोशनी में अधिक समय बिताकर प्राकृतिक रूप से विटामिन डी की कमी को पूरा किया जा सकता है।

इसके अलावा सर्दियों की ठंड इम्यूनिटी को कमजोर कर सकती है और हार्ट संबंधी जोखिम बढ़ा सकती है। सर्दियों की बीमारियों से बचने के लिए विटामिन C युक्त फूड का सेवन बहुत जरूरी है।