Turmeric Side Effects: हल्दी सदियों से पारंपरिक चिकित्सा और खाना बनाने का हिस्सा रही है। आयुर्वेद में हल्दी की प्रसिद्धि करक्यूमिन नामक सक्रिय मिश्रण के कारण है, जो इसके विशिष्ट रंग और कई स्वास्थ्य लाभों के लिए उपयोगी है। यह अपने एंटीऑक्सीडेंट और सूजन रोधी गुणों के लिए जानी जाती है, लेकिन हल्दी का सेवन प्राप्त मात्रा में ही करना चाहिए, इसका अधिक सेवन भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।

क्या हल्दी हानिकारक है?

हालांकि, हल्दी खाने में स्वाद और स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छी होती है। हल्दी के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, लेकिन हल्दी के अत्यधिक सेवन से कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं। चलिए आपको बताते हैं हल्दी के अधिक सेवन क्या-क्या समस्या हो सकती है।

पाचन संबंधी समस्याएं

हल्दी पित्त उत्पादन को बढ़ाने के लिए जानी जाती है और पेट के एसिड के स्तर को बढ़ा सकती है। आयुर्वेद के अनुसार, बहुत अधिक हल्दी पाचन संबंधी दिक्कत कर सकती है। हालांकि, हल्दी का नियमित सेवन पाचन को अच्छा करती है, लेकिन अधिक सेवन पाचन तंत्र में जलन पैदा कर सकती है। इससे गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी), एसिड रिफ्लक्स या अन्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल से परेशान लोग अधिक प्रभावित हो सकते हैं।

गुर्दे की पथरी

हल्दी में ऑक्सालेट होते हैं, जो विभिन्न पौधों पर आधारित फूड्स में पाए जाने वाले प्राकृतिक पदार्थ हैं। पारंपरिक भारतीय चिकित्सा के अनुसार, जब इसका अधिक मात्रा में सेवन किया जाता है, तो ऑक्सालेट शरीर में कैल्शियम के साथ बंध सकते हैं, जिससे कैल्शियम ऑक्सालेट क्रिस्टल बनते हैं और गुर्दे की पथरी होने का खतरा बढ़ जाता है।

आयरन की कमी

हल्दी, विशेष रूप से इसका सक्रिय मिश्रण करक्यूमिन, शरीर में आयरन के अवशोषण को संभावित रूप से बाधित कर सकता है। जर्नल ऑफ एग्रीकल्चर एंड फूड केमिस्ट्री में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, हल्दी के कई स्वास्थ्य लाभ हैं लेकिन इसकी हाई खुराक आयरन के अवशोषण पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। यह प्रभाव कुछ व्यक्तियों में आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया में योगदान दे सकता है, खासकर जब बड़ी मात्रा में या लंबे समय तक सेवन किया जाता है।

सिरदर्द और चक्कर आना

हल्दी में सक्रिय यौगिक करक्यूमिन की अधिक खुराक लेने पर सिरदर्द और चक्कर आना जैसे साइड इफेक्ट हो सकते हैं। करक्यूमिन में स्वास्थ्य संबंधी कई तरह के लाभ हैं, जिसमें सूजनरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण शामिल हैं।

हल्दी का कितना करें सेवन

जॉन हॉपकिंस मेडिसिन के अनुसार, काली मिर्च में पाए जाने वाले सक्रिय यौगिक पिपेरिन के साथ हल्दी का सेवन करने पर करक्यूमिन की प्रभावशीलता बहुत बढ़ जाती है। करक्यूमिनॉइड्स के लिए एक सामान्य खुराक प्रति दिन 500 से 2,000 मिलीग्राम हल्दी है।