वैज्ञानिकों ने बनाया ऐसा जेल बनाया है जो सड़े हुए और कमजोर दांतों को भी दोबारा मजबूत बना सकता है। ये जेल जल्द ही लोगों को बाजार में भी मिलने लगेगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 3.7 अरब लोग किसी न किसी तरह की मुंह से जुड़ी बीमारी (oral diseases) से पीड़ित हैं। इनमें सबसे आम समस्या है दांतों की ऊपरी परत यानी इनेमल का कमजोर होना। इनेमल के कमजोर होने से दांतों में कई तरह की परेशानियां जैसे दांतों में सेंसिटिविटी, दर्द, संक्रमण और दांत गिरने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ओरल हेल्थ से जुड़ी ये बीमारियां अगर लम्बे समय तक रहें तो डायबिटीज़ और हार्ट डिजीज़ जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती हैं।

हम सभी जानते हैं कि दांतों का इनेमल एक बार खत्म हो जाए तो ये दोबारा नहीं बनता। अभी तक दांतों की सड़न और इनेमल के लॉस होने का कोई स्थाई इलाज नहीं है। इनेमल से होने वाले लॉस को कंट्रोल करने के लिए जिस ट्रीटमेंट का इस्तेमाल किया जाता है वो सिर्फ लक्षणों को कम करते हैं, लेकिन इनेमल दोबारा खुद से नहीं बन पाता। लेकिन अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसा नया वैज्ञानिक जेल विकसित किया है जो दांतों की नेचुरल परत को फिर से बनाने में मदद कर सकता है।

दांतों पर ये जेल कैसे करेगा काम

बायोमेडिकल इंजीनियरिंग और बायोमैटेरियल्स के विशेषज्ञ इस रिसर्च को प्रोफेसर अल्वारो माटा के अनुसार यह नया जेल बहुत आसानी और तेजी से दांतों पर लगाया जा सकता है। ये वैज्ञानिक विकसित जेल दांतों की प्राकृतिक परत को फिर से बनाने में मदद कर सकता है। ब्रिटिश डेंटल एसोसिएशन की हेल्थ एंड साइंस कमेटी के सदस्य और शेफील्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पॉल हैटन ने इस खोज को डेंटल साइंस की बड़ी उपलब्धि बताया है। उन्होंने कहा दांतों के इनेमल को दोबारा बनाना वर्षों से वैज्ञानिकों का सपना रहा है, और यह शोध उस दिशा में एक बड़ी प्रगति है। ये जेल डॉक्टरों और मरीजों दोनों को ध्यान में रखकर बनाई गई है।

बीबीसी न्यूज की खबर के मुताबिक शेफ़ील्ड की स्कूल ऑफ क्लीनिक डेंटिस्ट्री के बायोमैटेरियल साइंस के प्रोफेसर और ब्रिटिश डेंटल एसोसिएशन की हेल्थ एंड साइंस कमेटी के सदस्य प्रोफेसर पॉल हैटन का कहना है कि दांतों की मरम्मत के लिए प्राकृतिक इनेमल को फिर से तैयार करना, डेंटल साइंस की दुनिया में लंबे समय से एक बड़ी चुनौती माना जाता रहा है। उन्होंने कहा कि यह नई खोज उस दिशा में एक अहम और उम्मीद जगाने वाली प्रगति है, जो आने वाले समय में दांतों की देखभाल के तरीके को पूरी तरह बदल सकती है।

इनेमल (Enamel) का क्या काम है?

इनेमल हमारे दांतों की सबसे बाहरी और मजबूत परत होती है। यह शरीर का सबसे कठोर ऊतक (hardest tissue) माना जाता है। इसका काम दांतों की हिफाजत करना है। इनेमल दांतों को बाहरी नुकसान, बैक्टीरिया, और एसिड से बचाता है जो सड़न (tooth decay) पैदा करते हैं। जब हम ठंडा, गर्म, मीठा या खट्टा खाते हैं तो इनेमल दांतों की संवेदनशीलता को कंट्रोल करता है और दर्द से बचाता है। इनेमल दांतों को मजबूत बनाता है ताकि वे लंबे समय तक भोजन को सही से चबा सकें। दांतों की प्राकृतिक चमक और सफेदी इनेमल की वजह से ही होती है। अगर इनेमल घिस जाए या टूट जाए तो बैक्टीरिया दांत के अंदर पहुंचकर इन्फेक्शन, दर्द और सड़न का कारण बन सकते हैं।

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