Undiagnosed Diabetes: चीन के बाद डायबिटीज के मरीजों की संख्या में भारत विश्व में दूसरे नंबर पर है। मधुमेह के करीब 95 प्रतिशत मरीजों में टाइप 2 डायबिटीज देखी जाती है। आंकड़ों के मुताबिक 2019 में देश में इस बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या लगभग 77 मिलियन थी। वहीं, इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशसन के मुताबिक अगर मरीजों में इसी तरह बढ़ोतरी देखने को मिलती है तो साल 2045 तक 134 मिलियन लोग इस बीमारी की चपेट में होंगे। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार भारत में लोगों को इस बात की खबर ही नहीं होती है कि वो डायबिटीज (Undiagnosed Diabetes) से पीड़ित हैं। यही कारण है कि देश इस बीमारी की राजधानी बनते जा रहा है।

क्या हैं कारण: हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि शहरीकरण की ओर बढ़ते लोगों में अस्वस्थ खानपान, अनियमित जीवन शैली व आलस्य की अधिकता देखने को मिलती है। मसालेदार, प्रोसेस्ड, पैकेज्ड और फास्ट फूड शरीर में ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाने का कार्य करती हैं। वहीं, पॉल्यूशन और स्ट्रेस भी डायबिटीज का खतरा बढ़ाती है। केवल उम्रदराज लोगों में ही नहीं, किशोरों व युवाओं में भी इस बीमारी का खतरा अधिक हो रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार मधुमेह के गंभीर मामलों में ये बीमारी शरीर के अन्य अंगों पर भी असर करती है। वहीं, इन मरीजों में दिल की बीमारी का खतरा भी ज्यादा होता है।

क्यों है हार्ट डिजीज का खतरा: डॉक्टरों का ऐसा मानना है कि दूसरों की तुलना में डायबिटीज के मरीजों  हृदय रोग कम उम्र में ही अपना शिकार बना सकती है। अनहेल्दी डाइट, फिजिकल इनैक्टिविटी, मोटापा, हाइपरटेंशन, हाई कोलेस्ट्रोल, मानसिक तनाव, धूम्रपान और शराब का अधिक सेवन हार्ट डिजीज के खतरे को बढ़ाता है। मधुमेह रोगियों में इन कारणों से दिल की बीमारियों का खतरा 2 से 4 गुना बढ़ जाता है।

कैसे रखें  ध्यान: डायबिटीज के मरीज क्या खा रहे हैं और किनसे परहेज करना जरूरी है, ये सुनिश्चित करें। बैलेंस्ड डाइट लें जिसमें प्रोटीन, कार्ब्स के अलावा, गुड फैट, फाइबर और मिनरल्स भी मौजूद हों। रेगुलर एक्सरसाइज से बॉडी फिट रहने के साथ बीमारियों से भी दूर रहता है। तनाव कम लें और वजन पर संतुलन रखें। कुछ समय के अंतराल पर अपने ब्लड शुगर के स्तर की जांच अवश्य कराएं।