रीठा एक जड़ी-बूटी है, जिसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में हजारों वर्षों से होता आ रहा है। वैसे तो रीठा का सबसे ज्यादा उपयोग हेयर प्रॉब्लम्स से छुटकारा पाने के लिए किया जाता है, लेकिन इसी के साथ यह स्वास्थ्य संबंधी कई तरह की गंभीर बीमारियों से भी निजात दिलाने में मदद करता है। रीठा का इस्तेमाल साबुन और क्लींजर के रूप में भी किया जाता है। आज हम आपको रीठा के लाभों के बारे में बताएंगे।

दमा: दमे की बीमारी से निजात दिलाने में रीठा बेहद ही कारगर है। सदियों से लोग दमे के लक्षणों को ठीक करने के लिए रीठा का इस्तेमाल करते आ रहे हैं। इसके लिए रीठे की गंध को सूंघने काफी लाभदायक हो सकता है। दमे के मरीज रीठा को पीसकर सूंघे तो समस्या कम हो सकती है। इसके अलावा रीठे के फल को काली मिर्च के साथ पीस लें। फिर इसमें पानी की कुछ बूंदें डालें। बाद में इस मिश्रण की कुछ बूंदें नाक में डालें। इससे सांस की समस्या दूर हो सकती है।

माइग्रेन: माइग्रेन से ग्रस्ति लोगों के लिए भी रीठा किसी रामबाण से कम नहीं है। इसके लिए रीठे के फल को काली मिर्च और पानी के साथ पीस लें। फिर इसकी कुछ बूंदें नाक में डालें। इससे माइग्रेन के कारण होने वाले सिरदर्द से छुटकारा मिल सकता है।

हेयर प्रॉब्लम्स को करे दूर: रीठा में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुणों की अच्छी-खासी मात्रा मौजूद होती है। रीठा का इस्तेमाल करने से डैंड्रफ और जू आदि की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। रीठा में मौजूद विटामिन और सैपोनिन बालों की चमक को बढ़ाते हैं। आज भी ग्रामीण महिलाएं आंवला, रीठा और शिकाकाई का इस्तेमाल अपने बालों को खूबसूरत बनाने के लिए करती हैं।

इम्युनिटी को करे मजबूत: रीठा में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण मौजूद होते हैं। यह शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। रीठा पाउडर शरीर में मौजूद कोलाई और साल्मोनेला जैसे बैक्टीरिया को खत्म करता है। इसके अलावा रीठा में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं, जो पुराने रोगों के जोखिम को कम करते हैं।